आजकल एक शब्द है जो बहुत चलन में है। खासकर लड़कियों को नीचा दिखाने के लिए यह शब्द एक औज़ार की तरह काम कर रहा है। शब्द है “वर्जिनिटी”। शायद आप में से कई लोगों ने यह पहली बार सुना हो। मगर आजकल इस शब्द की वजह से लड़कियों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाती है। लड़के लड़कियों के कैरेक्टर को इसी शब्द से मापते हैं।
आजकल वर्जिनिटी से जुड़े कई सारे मिथ हैं जो वास्तव में एक गलत धारणा बन कर रह गई है। यहां तक की लड़के अक्सर शादी से पहले लड़कियों की वर्जिनिटी का सुबूत मांगते हैं। यदि गलती से महिला रोग विशेषज्ञ यह कह दे कि लड़की का हाइमन ब्रेक है या है ही नहीं। इसके बाद तो ऐसा हो जाता है मानो प्रेमी लोगों का प्रेम उड़ जाता है। शुरुआत होती है इल्ज़ाम लगाने कि और चरित्र पर उंगली उठाने की।
आज इस लेख के ज़रिए मैं ऐसे मिथों को उजागर करने कि कोशिश करूंगा जो न तो वैज्ञानिक तौर पर साबित होते हैं और न ही समाजिक तौर पर।
हाइमन क्या है?
वेजाइना के मुख पर वुल्वा के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है। जो नरम टिशू से बनी होती है। हमारे शरीर के अन्य भागों की तरह, हाइमन सभी के लिए थोड़े अलग होते हैं। किसी के लिए यह विस्तृत होता है और किसी के लिए बहुत ही कम दायरे का।
मिथक 1- हाइमन खुला होने का मतलब है लड़की चरित्रहीन है
यह कोरा मिथ। पढ़े-लिखे लोगों को भी अपने जाल में फंसा लेता है। पहली बार सेक्स करने पर आपका हाइमन खिंच सकता है, जिससे कुछ दर्द या रक्तस्राव हो सकता है। लेकिन यह सभी के लिए नहीं होता है। और ऐसे अन्य तरीके हैं, जिससे एक हाइमन खुल सकता है या टूट सकता है-
- बाइक चलाना या फिर साइकिलिंग करना
- अपनी वजाइना में कुछ डालना (जैसे टैम्पोन, उंगली या सेक्स टॉय)।
एक बार जब आपका हाइमन खुल जाता है, तो वह वापस नहीं बढ़ सकता है।
मिथक 2- हाइमन एक झिल्ली है जो पेनिट्रेशन के लिए बनी है
अक्सर लोग बोलते हैं लड़कियों का हाइमन सिर्फ पुरुष के लिंग के लिए बनी होती है। जो पेनिट्रेशन के बाद फट जाती है। इसके फटने या कटने से ही वर्जिनिटी का पता लगाया जाता है।
हाइमन झिल्ली का पेनिट्रेशन से कोई लेना देना नहीं है। हालांकि कई महिलाओं का हाइमन शादी के बाद के संभोग से फैल जाता है। पढ़ा-लिखा लड़का हो या अनपढ़। सभी को बस यही बात समझ में आती है- शादी की पहली हाइमन की झिल्ली खुली तो इसका मतलब लड़की चरित्रवान है। वरना वेश्या।
मिथक 3- किसी महिला द्वारा पहली बार सेक्स करने पर हाइमन टूट जाता है
हाइमन कभी टूटता नहीं है। हाइमन एक उत्तक है। ऊतक चिर सकता है, फैल सकता है, या अंदर की ओर जा सकता है, लेकिन यह टूटता नहीं है। लड़कियों के यौवन से पहले और फिर यौन जीवन के दौरान एस्ट्रोजन हाइमन की लोच को बढ़ाता है।
जिसका अर्थ है कि यह सेक्स के बाद भी खिंच सकता है। जैसा कि महिलाएं उम्र और सेक्स और व्यायाम सहित गतिविधियों में भाग लेती हैं और बच्चे के जन्म का अनुभव करती हैं।
मिथक 4- आपका साथी आपके हाइमन को देखकर आपके कौमार्य के बारे में बता सकता है
यह सिर्फ एक मिथक है। हाइमन को देखकर किसी महिला के कौमार्य के बारे में बताना संभव नहीं है। यहां तक कि एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हाइमन या वेजाइना को देखकर यह नहीं बता सकता है कि एक महिला कुंवारी है या नहीं उसके। यह सिर्फ एक मिथक है कि योनि की जकड़न और कठोरता एक महिला के वर्जिनिटी को निर्धारित करती है।
वर्जिनिटी और हाइमन को समाज नैतिकता की नज़र से देखता है। जो निराधार है। जिसका कोई मूल्य नहीं। यदि किसी की कौमार्य भंग हो जाती है, जिसकी अनेक वजह हो सकती हैं।