Site icon Youth Ki Awaaz

छोटे बच्चों के लिए आज भी हैंडमेड स्वेटर की मांग

ठंड की शुरुआत हो चुकी है. भले ही हर जगह  स्वेटर से लेकर जैकेट का बाजार लग चुका है लेकिन आज भी छोटे हो या बड़े हर किसी को हैंडमेड स्वेटर पहनना काफी भाता है. हम अकसर सुनते हैं हाथों से बने स्वेटर में प्यार वाली गर्माहट होती है जिसका अहसास हर किसी ने किया है. शहर में कुछ ऐसी महिलाएं हैं लोकल को वोकल बनाने के साथ-साथ  हैंडमेड स्वेटर बनाने की परंपरा को बरकरार रखा है. इनके हाथों से बुने हुए स्वेटर कई लोगों को भा रहे है और वे सालों से स्वेटर बुनकर खुद को और अन्य महिलाओं को रोजगार से जोड़ रही हैं.
————————–
पिछले 30 सालों हर उम्र के लोगों के लिए बना रही स्वेटर- शिप्रा चंद्रा
गर्दनीबाग की रहने वाली शिप्रा चंद्रा बताती हैं कि  उन्हें स्वेटर बनाते हुए 30 साल से ज्यादा हो चुके हैं. उन्होंने साल 1964 में संत जोसेफ स्कूल में अपनी पढ़ाई के दौरान स्वेटर बुनने की कला को सीखा था. किताबों और भाभी की मदद से स्वेटर से जुड़े ग्राफ और डिजाइन बनाना सीखा. वे जीरो साइज से लेकर 42 साइज तक के स्वेटर बनाती हैं जिसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 1700 रुपये हैं. न्यू बॉर्न बच्चों के कपड़ों में कार्टून, सिंगल कलर और मल्टी कलर के स्वेटर लोगों को काफी भाते हैं. पूरे साल स्वेटर बनाने का काम चलता है.
————————
क्रूसिया से बने स्वेटर अपनेपन का एहसास दिलाता है- विभा श्रीवास्तव
अनिशाबाद की रहने वाली विभा श्रीवास्तव पिछले 25 सालों से क्रूसिया से बने स्वेटर बनाती आ रही हैं. इनमें ज्यादातर स्वेटर बच्चों की होती है जिनकी उम्र जीरो से लेकर 14 साल है. स्वेटर केकलर कबॉम्बिनेशन और डिजाइन में इनकी बेटी संजलि मदद करती हैं. वे बच्चों के लिए बेबी सेट जिसमें स्वेटर, टोपी, मौजा, पैजामा के अलावा फ्रॉक,  गैलिस फ्रॉक आदि के डिजाइन में स्वेटर तैयार करती है.इनकी कीमत 150 रुपये से लेकर 3000 रुपये हैं. वे क्रूसिया से बुने हुए स्वेटर की ट्रेनिंग कई महिलाओं और लड़कियों को समय-समय पर देती रहती है जिससे वे खुद को रोजगार से जोड़ सकें.
 —————————
अपने हुनर को लोगों तक पहुंचाना मेरा मकसद- सुजाता जायसवाल
बदलते वक्त के साथ रेडिमेड चीजों का चलन काफी बढ़ा है लेकिन आज भी हैंडमेड स्वेटर का ट्रेंड बरकरार है. मैं 2007 से स्वेटर बनाने का काम कर रही हूं. पहले बस शौक के तौर पर शुरुआत की थी लेकिन एक एग्जीबिशन में 75 स्वेटर हाथों-हाथों बीक जाने के बाद कॉन्फिडेंस बढ़ा और आज उनकी आशु नीटिंग और क्रोसेट वर्क की शॉप है. यहां जीरो से लेकर चार साल तक के बच्चों के गर्म कपड़े मिलते हैं  जिनकी कीमत 400 रुपये से लेकर 1100 रुपये हैं. इनमें हाफ स्वेटर, बेबी सेट, फ्रॉक, पौंचो, पायजामा सेट आदि है जिनमें कार्टून, फूल, सिंगल और मल्टी कलर शामिल हैं.  पूरे साल ये बनाये जाते हैं. इससे पहले विभिन्न मेले में भी इनकी स्वेटर की मांग होती है. कई बार लोग ऑर्डर पर स्वेटर लेकर इंडिया के बाहर भी ले जाते हैं.  

Exit mobile version