Site icon Youth Ki Awaaz

ट्रेन के सामने आकर जान दे दूँ

अभी हाल ही में जब दिल्ली यूनिवर्सिटी की कट ऑफ आई तो वो 100 प्रतिशत पर थी और उसी सौ प्रतिशत पर मैं कई दिन मंथन करती रही अपने वक्त को ,अपने कॉलेज के वक्त को | नम्बर और कॉम्पीटिशन ने हमे कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है मुझे खुद तकरीबन कई साल होगये किसी यार दोस्त की शादी और फंक्शन अटेंड किये हुए वजह वही है नौकरी,पेपर उनकी कट ऑफ   | आज मैं खुद को केंद्र में ना रख कर  सिर्फ आजकल के कम्पटीशन और मार्क्स को रख रही हूँ | मुझे याद आता है मेरे अपने फ्रेंड सर्किल में एक दोस्त होता था जिससे अक्सर मैं एक शहर का नाम लेकर पूछती थी की उस शहर की खास बात क्या है ? उसका एक ही जवाब आता था की मुझे वो शहर बिल्कुल नहीं पसंद ,और इतना ना पसंद है की कोई उसका नाम भी ले तो मुझे तकलीफ होती है | कुछ दिन के लगातार इसरार पर उसने कह दिया की ” मेरे स्कुल के दिनों में मै उस शहर में था ,iit-jee की तैयारी कर रहा था ,और दौरान पहले एटेम्पट के बाद दूसरा एटेम्पट दिया और दुसरे एटेम्पट में जो सफर रहा था ,एग्जाम क्लियर करने का प्रेस्सेर ,माँ बाप की उम्मीद और उससे ज्यादा था आस पास के लोगों से डर जो मेरी कामयाबी और नाकामयाबी को मेरे नम्बरों से नापेंगे” ,इसी प्रेस्सेर में डिप्रेशन शुरू हुआ और वो वो वक्त था जब डिप्रेशन को गम्भीरता से नहीं लेते थे | वो खुद अपनी समस्या और हाल को समझ नहीं पा रहा था ,एक पल वो आया जब आत्महत्या जैसा ख्याल भी उसके जेहन में , दिल चाहा था की ट्रेन के नीचे आकर जान दे दे या फिर छत से कूद कर मर जाए |जैसे तैसे साल निकला वो एग्जाम क्रैक कर तो पाया मगर बेहतरीन रैंक नहीं ला पाया | उस शहर में अब भी उसे जाकर डिप्रेस्ड महसूस होता है इसीलिए वो उसके जिक्र से ही तकलीफ मह्सूस करता है | अक्सर सोचती हूँ की इस नम्बरों की रेस ने हमें कहाँ पहुंचा दिया है ,मेरा दोस्त तो बस एक अदद इन्सान है ऐसे ही कितने स्टूडेंट आज भी इसी प्रेस्सेर में हैं की अच्छे मार्क्स नहीं आये तो क्या ? अच्छा कॉलेज नहीं मिला तो ? प्लेसमेंट नहीं हुई तो ? घरवाले क्या कहेंगे ? पड़ोसी क्या कहेंगे ? रिश्तेदार क्या कहेंगे ? यार दोस्त जिनका क्रैक होगया वो मजाक तो नहीं बनायेंगे ? ऐसे कितने ही सवाल है जो दिमाग को हर हद तक खाली और खोखला कर  देते हैं | कब हम इस नम्बरों की भाग दौड़ से निकलेंगे और कब प्रेस्सेर कुकर से इन्सान बनेंगे ? 

Exit mobile version