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परिधान निर्माण व्यवसाय की शुरुआत कर अन्य महिलाओं को दे रही रोजगार

जीविका शुरुआत से ही महिलाओं के स्वावलंबन और रोजगार से जोड़े का कार्य कर रही है. रोहतास जिला रे रसुलपुर गांव के रहने वाली सुमित्रा देवी, उषा देवी और दुर्गावती देवी ने मिल पिछले साल फैशन प्रो परिधान निर्माण व्यवसाय की शुरुआत की है. ये तीनों साल 2013 में वंदना, तारा और समृद्धि जीविका स्वयं सहायता समूह उस वक्त जुड़ी जब उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा. सुमित्रा देवी समूह से जुड़ने के बाद छोटे-छोटे ऋण लीं और उसे रोजगार में लगाया. अब उनका बेटा डेकोरेशन का व्यवसाय करता है जिसमें उनके पति मदद करते हैं जो पहले सब्जी बेचा करते थे. दुर्गावती देवी के पति मजदूरी करते थे लेकिन आज व्यवसाय में कदम बढ़ा रहे हैं. आशा देवी पूर्व मुखिया रह चुकी हैं और उनका एक मात्र मकसद गांव की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के साथ वहां के लोगों को रोजगार के लिए पलायन ना करना पड़े|

महिलाओं को रोजगार से जोड़ रही
रोहतास के प्रखंड परियोजना प्रबंधक धनंजय कुमार ने बताया कि ये तीनों महिलाएं गांव के लोगों का पलायन रोकने और महिलाओं के रोजगार से जोड़ने के लिए कुछ करना चाहती थी. ऐसे में उन्होंने उन्हें फैशन प्रो नाम से परिधान निर्माण व्यवसाय की शुरुआत करने को कहा. पहले तो इन महिलाओं ने अपनी पुंजी लगायी फिर जीविका की ओर से तीन लाख रुपये भी दिये गये हैं. हमारी पूरी कोशिश हैं कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा ट्रेनिंग मिले और वे अपने बल पर खुद को हर क्षेत्र में सफल बनें. अभी काम करने के लिए उनके पास कुल 12 मशीने हैं. इस दौरान कई महिलाओं को सिलाई से जुड़ी ट्रेनिंग भी मिल चुकी हैं|

मिल चुका है 30 हजार मास्क का आर्डर
दुर्गावती देवी बताती हैं कि व्यवसाय का पहला ऑर्डर उन्हें उम्मीद जीविका संकुल स्तरीय संघ की ओर से तीस हजार मास्क बनाने का ऑर्डर मिला जिसमें तीन रुपये के रेट से तीन सौ महिलाओं को सिलाई का काम करने का मौका मिला. जिसमें कंपनी को एक लाख रुपये का मुनाफा हुआ वहीं महिलाओं को 90 हजार की कमाई हुई. इसके साथ स्कूल ड्रेस को लेकर भी बातचीत चल रही है सब कुछ ठीक रहा तो टेंडर के लिए अप्लाय किया जायेगा. वे जल्द ही 50 महिलाओं को ट्रेन कर सेटअप तैयार करने का सोचा है जिससे महिलाएं मशीन से परिधानों की सिलाई करने में पूरी तरह से सक्षम हो जाएं|

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