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वे मशहूर फिल्म शख्सियतें, जो हमें बीते बरस छोड़ गईं

rishi kapoor

rishi kapoor

साल 2020 कई फिल्मी हस्तियों की मौत का स्याह गवाह रहा। कोरोना वायरस संक्रमण की वज़ह से सियासी जगत से लेकर मनोरंजन जगत की कुछ हस्तियों का निधन हो गया तो कुछ ने लंबी बीमारी के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया।

1. सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत सिंह राजपूत।

टीवी सीरियल ‘ पवित्र रिश्ता ‘ से पहचान बनाने के बाद फिल्म ‘काय पो चे’ से बॉलीवुड में जबरदस्त  डेब्यू करने वाले सुशांत सिंह राजपूत बीते 14 जून  को अपने ही घर में मृत पाए गए थे। उन्होंने 34 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।

सुशांत के निधन से बॉलीवुड के साथ-साथ देश को भी काफी झटका लग। सुशांत सिंह राजपूत हिन्दी फिल्मों में अभिनेता होने के साथ-साथ थियेटर और टीवी अभिनेता भी थे। टीवी सीरीयल ‘पवित्र रिश्ता’ में काम कर चुके सुशांत को इस सीरीयल की बदौलत काफी लोकप्रियता मिली थी।

वहीं उनके करियर की शुरूआत दरअसल डांसर के रूप में हुई थी और उन्होंने फिल्मफेयर अवार्डस में भी कई बार डांस किया।  वहीं पर उनको सबसे पहले बालाजी टेलीफिल्मस की कास्टिंग टीम ने नोटिस किया, जिसके बाद उनके करियर की शुरूआत ‘किस देश में है मेरा दिल’ शो से  हुई ।  लेकिन जी.टी.वी. का शो ‘पवित्र रिश्ता’ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।

2. इरफान खान

इरफान खान।

इरफान खान ने इसी साल 29 अप्रैल को दुनिया को अलविदा कहा था। कैंसर से एक साल लगातार जंग लड़ने के बाद इरफान खान ने दुनिया को अलविदा कहा। इरफान खान आखिरी बार फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में नज़र आए थे।

इरफान  को मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल के  ICU में भर्ती कराया गया था। सिर्फ 54 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को छोड़ने वाले इरफान colon infection से पीड़ित थे।

इरफान का जन्म 7 जनवरी 1967 को हुआ था। इरफान हिंदी और इंग्लिश फिल्मों के साथ साथ टेलीविजन के भी मशहूर अभिनेता थे, जिसकी शुरुआत  उन्होने  डीडी वन पर आने वाले धारावाहिक चाणक्य में एक सेनापति के किरदार से की थी। साथ ही उन्होनें  हासिल, द नेमसेक, पान सिंह तोमर जैसी फिल्मों में  अपने अभिनय का लोहा मनवाया। इरफान ने बालीवुड के साथ साथ हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम थे।

3. ऋषि कपूर

ऋषि कपूर।

इस साल बॉलीवुड के कई बेहतरीन सितारे हमें छोड़कर चले गए। उन्हीं में से एक ऋषि कपूर भी थे। ऋषि कपूर ने राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से इंडस्ट्री में कदम रखा था, जिसके बाद उन्होंने कई बड़ी-छोटी फिल्मों में काम करके इस बात का लोहा मनवा दिया।

रिलीज़  के बाद इस फिल्म को कई लोगों ने फ्लॉप करार दिया था लेकिन बाद में इस फिल्म में हिंदी सिनेमा में एक अलग दर्जा हासिल किया लेकिन  ऋषि  कैंसर के आगे ज़िंदगी की जंग हार गए।

वे ल्यूकेमिया बीमारी से जूझ रहे थे, जो एक तरह का ब्लड कैंसर होता है। वे अपने इलाज के लिए न्यूयॉर्क में भी रहे फिर  साल भर इलाज करवाकर वापस लौटे आए थे  लेकिन अचानक तबियत खराब होने के कारण उनका निधन हो गया।

मेरा नाम जोकर से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को निधन हो गया । ऋषि कपूर को सांस लेने में हो रही परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं, 2019 में ही वह कैंसर का इलाज कराकर न्यूयॉर्क से भारत लौटे थे।

4. सरोज खान

सरोज खान।

बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का कार्डियेक अरेस्ट के कारण 3 जुलाई को निधन हो गया था। उन्होंने 71 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। सरोज खान को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार दशक के लंबे करियर में सरोज खान को 2,000 से अधिक गानों की कोरियोग्राफी करने का श्रेय हासिल है।

सरोज खान को अपनी कोरियोग्राफी के लिए कई बार अवॉर्ड भी मिला। संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में डोला-रे-डोला गाने की कोरियोग्राफी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था। माधुरी दीक्षित की फिल्म तेजाब के यादगार आइटम सॉन्ग एक-दो-तीन और फिल्म जब वी मेट के सांग ये इश्क के लिए भी उन्हें अवॉर्ड दिया गया था।

माधुरी दीक्षित के कई गानों को सरोज खान ने ही कोरियोग्राफ किए। अनिल कपूर की फिल्म मि. इंडिया हिट फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म का गाना ‘काटे नहीं कटते’ श्रीदेवी और अनिल कपूर पर फिल्माया गया था। इस गाने को सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया था। वहीं, फिल्म थानेदार का गाना ‘तम्मा तम्मा’ खूब फेमस हुआ जिसे सरोज खान ने ही कोरियोग्राफ किया ।

चांदनी फिल्म का गाना ‘चांदनी ओ मेरी चांदनी’ भी सरोज खान के द्वारा कोरियोग्राफ किया गया। दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे फिल्म का ‘जरा सा झूम लूं मैं’ गाना भी हर एक के ज़हन में ताजा होगा।  देवदास का गाना ‘मार डाला’ काफी मशहूर हुआ था।

इस गाने को भी सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया। साथ ही साथ इसी फिल्म का एक और मशहूर गाना ‘ डोला रे डोला’ में ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित एक साथ डांस करती हुई नज़र आई थीं इस गाने को भी सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया।

5. वाजिद खान

बॉलीवुड के मशहूर म्यूज़िक कंपोजर वाजिद खान ने भी 42 वर्ष की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया।  वाजिद खान को किडनी से जुड़ी परेशानी थी, जिसे लेकर वह अस्पताल में एडमिट हुए थे। उनके निधन से परिवार सहित प्रशंसकों को भी सदमा लगा । इरफान, ऋषि कपूर के बाद इंडस्ट्री के लिए वाजिद का जाना किसी सदमे से कम नहीं था। वाजिद इंडस्ट्री के सफल म्यूज़िक डायरेक्टर थे।

सफलता पाने के लिए वाजिद को काफी संघर्ष करना पड़ा था लेकिन  साजिद-वाजिद की जोड़ी बॉलीवुड के दबंग अभिनेता सलमान खान के लिए कई संगीत तैयार करती रही।

वाजिद खान ने साजिद के साथ मिलकर सलमान के लिए कई गीतों का निर्देशन किया। इसमें दबंग के फेमस गाने भी शामिल हैं। इस जोड़ी ने सलमान खान अभिनीत फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से अपने करियर की शुरुआत की थी,

इसके बाद इस जोड़ी ने एक के बाद एक हिट फिल्म के लिए संगीत दिए। उनकी सफल फिल्मों में चोरी चोरी, हेलो ब्रदर, मुझसे शादी करोगी, पार्टनर, वांटेड, दबंग जैसी फिल्में शामिल हैं। साजिद-वाजिद की जोड़ी ने अभी हाल ही में सलमान खान के लिए ‘भाई-भाई’ कम्पोज़ किया था। एक गायक के रूप में वाजिद खान ने फिल्म पार्टनर के लिए गाना भी गाया था।

6. जगदीप

बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन एक्टर सैयद इश्तियाक अहमद ज़ाफरी यानि जगदीप का 8 जुलाई को मुंबई में निधन हुआ। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले जगदीप ने 81 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।

दिग्गज अभिनेता बहुत खुशमिज़ाज और जिंदादिल इंसान थे। फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय से छाप छोड़ने वाले जगदीप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें वो कह रहे हैं कि आओ हंसते-हंसते और जाओ हंसते-हंसते। जगदीप को ‘शोले’ फिल्म में ‘सूरमा भोपाली’ के अपने किरदार के लिए खासतौर पर याद किया जाता है।

फिल्मी दुनिया में जगदीप के नाम से मशहूर हुए इस कलाकार का वास्तविक नाम सैयद इश्तियाक़ अहमद ज़ाफरी था। जगदीप ने फिल्म ‘अफसाना’ से अपनी सिने यात्रा की शुरुआत बतौर बाल कलाकार की थी, जिसके ज़रिये दिग्गज फिल्म निर्माता बी.आर .चोपड़ा ने भी निर्देशन में कदम रखा था। इसके बाद ‘अब दिल्ली दूर नहीं’, बिमल रॉय की फिल्म दो बीघा ज़मीन (1953), ख़्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म मुन्ना (1954), गुरुदत्त की फिल्म आर पार (1954) और एवीएम प्रोडक्शंस की ‘हम पंक्षी एक डाल के’ जैसी फिल्मों में वह बाल कलाकार के रूप में नज़र आए थे।

फ़िल्म ‘हम पंक्षी एक डाल के’ फिल्म में निभाई गई उनकी भूमिका को काफी सराहा गया था। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तो इसे लेकर उन्हें उपहार भी दिया था। जगदीप ने अभिनय के शुरुआती दिनों में छोटे-बड़े सभी तरह के किरदार अदा किए।

अपनी कला से उन्होंने बिमल रॉय जैसे निर्देशकों को भी प्रभावित किया। जिन्होंने वर्ष 1953 में फिल्म ‘दो बीघा ज़मीन’ में जगदीप को लालू उस्ताद की भूमिका निभाने का मौका दिया। एवीएम प्रोडक्शंस ने जगदीप को भाभी (1957), बरखा (1960) और बिंदिया जैसी फिल्मों में बतौर लीड किरदार लॉन्च किया था। कुछ और फिल्मों में भी वह मुख्य भूमिका में नज़र आए थे।

भाभी फिल्म में वह अभिनेत्री नंदा के साथ प्रमुख भूमिका में नज़र आए थे। इसके बाद शम्मी कपूर की 1968 में आई फिल्म ब्रह्मचारी ने उन्हें एक हास्य कलाकार के तौर पर स्थापित कर दिया। जगदीप ने अपने लंबे करिअर में करीब 400 फिल्मों में काम किया। जगदीप पर कुछ हिट गाने भी फिल्माए गए थे।

फिल्म पुनर्मिलन का गीत ‘पास बैठो तबीयत बहल जाएगी’ और ‘इन प्यार की राहों में’, सुपरहिट फिल्म भाभी के गीत ‘चल उड़ जा रे पंक्षी’ और ‘चली चली रे पतंग’ और फिर वो ही रात फिल्म का गीत ‘अब गए यारो जीने के दिन’ उन पर फिल्माए गए थे। आगे चलकर जगदीप ने सूरमा भोपाली नाम की एक फिल्म का निर्देशन भी किया था।

7. एस.पी बालासुब्रमण्यम

एस.पी बालासुब्रमण्यम का निधन इसी साल 25 सितंबर को कोरोना वायरस के कारण हुआ। वह चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल में एडमिट थे। उन्होंने अपने करियर के दौरान सलमान खान की फिल्म के कई गाने भी गाए हैं।

हिंदी फ़िल्में देखने वाली नई पीढ़ी के कुछ लोग हो सकता है दिग्गज गायक एसपी बालासुब्रमण्यम के नाम से वाकिफ हों और शायद कुछ ना भी हों लेकिन सलमान ख़ान का नाम तो शायद ही कोई ऐसा होगा, जो ना जानता हो।

जब सलमान ख़ान नए-नए फिल्मी दुनिया में आए थे तब  कई सालों तक एसपी बालासुब्रण्यम को सलमान खान की आवाज़ समझा जाता था। मशहूर फिल्म ”मैंने प्यार किया’ के गाने हों या ‘साजन’ या फिर ‘हम आपके हैं कौन’ इन सब फिल्मों में सलमान खान को एसपी बालासुब्रमण्यम ने ही आवाज़ दी थी और बात की जाए तो हाल ही में यानि कुछ  साल पहले आई ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ का टाइटल सॉन्ग एसपी बालासुब्रमण्यम ने ही गाया था।

80 के दशक से लेकर नई सदी की शुरुआत तक एसपी बालासुब्रमण्यम हिंदी फ़िल्मों में गाते रहे। दक्षिण भारत में  अपनी पहचान बना चुके एसपी बालासुब्रमण्यम ने 1981 में आई हिंदी फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ के लिए पहली बार हिंदी में गाना गाया।

उन्होंने यह गाना कमल हासन के लिए गाया जिसके लिए उन्हें नैशनल अवॉर्ड भी मिला। गाना था ‘तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अंजाना’ इसके बाद तो उन्होंने हिंदी में कई मशहूर गाने दिए।

फ़िल्म ‘सागर’ का ‘सच मेरे यार है’ और ‘ओ मारिया’, फ़िल्म ‘मैंने प्यार किया’ के गाने जैसे ‘दिल दीवाना,  ‘कबूतर जा जा,  आजा शाम होने आई या मेरे रंग में रंगने वाली। वहीं  ‘हम आपके हैं कौन के गाने जैसे दीदी तेरा देवर दीवाना, पहला-पहला प्यार है या फिर फिल्म ‘रोज़ा ‘ का सदाबहार गीत ‘रोज़ा जानेमन ये सभी एसपी बालासुब्रमण्यम ने ही दिए ।

कमल हासन, रजनीकांत, एमजीआर, से लेकर सलमान ख़ान और शाहरुख़ ख़ान तक भारत के लगभग हर सुपरस्टार के लिए एसपी बालासुब्रमण्यम ने गाना गाया। दक्षिण भारत में पैदा हुए और कई भाषाओं में गाना गाने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम खुले आम ये कहते थे कि गाना गाने का भाव और प्रेरणा उन्हें हिंदी गानों से मिली। स्वर्गीय  गायक मोहम्मद रफी जी के वो बड़े प्रशंसक थे।

8. निम्मी

जानी-मानी वेटरन बॉलीवुड एक्ट्रेस की निम्मी का भी इसी साल 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने 1950 से लेकर 1960 के दौर में कई बेहतरीन फिल्में की, जिसमें पूजा के फूल, मेरे महबूब और आकाशदीप शामिल हैं। 1950 और 60 के दशक में फिल्मी पर्दे पर जलवे बिखेरने वाली एक्ट्रेस  जिनका जन्म के समय नाम नवाब बानो था

लेकिन राजकपूर ने उन्हें स्क्रीन नाम दिया ‘निम्मी’। निम्मी पहली बार स्क्रीन पर फिल्म बरसात में देखी गईं थीं। आपने कई सालों तक राजकपूर, देवानंद और दिलीप कुमार के साथ काम किया। साल 1952 में महबूब की बड़े बजट की फिल्म ‘आन’ में खास भूमिका निभाई, इसमें उनके साथ दिलीप कुमार, प्रेम नाथ और नादिरा ने भी ने काम किया था।

निम्मी की शादी लेखकअली राजा के साथ हुई थी, जो साल 2007 में चल बसे। बॉलीवुड की अभिनेत्रियों में निम्मी बहुत प्रसिद्ध रही हैं। उनका असली नाम ‘नवाब बानू’ था।  निम्‍मी की फ़िल्मी शुरुआत सहायक अभिनेत्री के तौर पर राज कपूर और नर्गिस अभिनीत फिल्म बरसात (1949) से हुई थी। निम्मी ने नर्गिस के साथ दीदार फिल्म में भी काम किया।

उन्होंने मधुबाला के साथ ‘अमर’, सुरैया के साथ ‘शमा’, गीता बाली के साथ ‘उषा किरण’ और मीना कुमारी के साथ ‘चार दिल चार राहें’ आदि फिल्मों में काम किया। वहीं,  फिल्म ‘आन’ में निम्मी के नृत्य काफी लोकप्रिय हुए। यह पहली हिंदी फ़िल्म थी, जिसका अत्यंत भव्य प्रीमियर लंदन में हुआ था। निर्देशक के. आसिफ़ की फ़िल्म ‘लव एंड गॉड’ उनकी आखिरी फ़िल्म रही।

9. आसिफ बसरा

आसिफ बसरा बीते 12 नवंबर को धर्मशाला के एक निजी कॉम्प्लेक्स में मृत पाए गए थे वहीं उनके निधन का कारण अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। आसिफ बसरा ने अपने करियर के दौरान कई हिट फिल्मों में काम किया है। वो साल 1998 में फ‍िल्‍म ‘वो’ में पहली बार नज़र आए थे,

उसके बाद से अब तक उन्‍होंने दर्जनों फ‍िल्‍मों में अहम भूमिकाएं निभाईं।  बता दें कि आसिफ बसरा आखिरी बार डिज्नी प्लस हॉटस्टार की सीरीज़ होस्टेज़  के दूसरे सीज़न में नजर आए थे।

इसके अलावा उन्होंने इस साल रिलीज़ हुई अमेज़न प्राइम वीडियो की सीरीज़ पाताललोक में  भी अहम भूमिका निभाई थी। आसिफ ‘जब वी मेट’, ‘वन्स अपॉन टाइम इन मुंबई’, ‘कृष 3’, ‘एक विलेन’ जैसी फिल्मों का हिस्सा भी रह चुके थे ।

आसिफ अनुराग कश्यप की फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ और राहुल ढोलकिया की फिल्म ‘परजानिया’ जैसी फिल्मों में नज़र आए थे।  इन फिल्मों में उनकी एक्टिंग के लिए उनकी जमकर तारीफ भी हुई थी। आसिफ बसरा ने ‘लम्हा’  फिल्म में भी अहम किरदार निभाया था, इसके अलावा वह ‘वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ में भी काम किया था।

10. निशिकांत कामत

‘मुंबई मेरी जान’ फिल्म के निर्देशक निशिकांत कामत ने 17 अगस्त को दुनिया से अलविदा कह दिया।  50 वर्षीय एक्टर-डायरेक्टर लीवर से संबंधित बीमारी से  परेशान थे।  निशिकांत कामत को अजय देवगन और तबू की फिल्म ‘दृश्यम’ के निर्देशन के लिए भी खूब जाना जाता है। निशिकांत के निधन के बाद फिल्म जगत की हस्तियों से लेकर उनके फैंस तक सभी ने उन्हें याद किया।

बॉलीवुड में उन्हें अजय देवगन स्टारर फिल्म ‘दृश्यम’ के लिए ज़्यादा  जाना जाता है। 50 साल के निशिकांत का जन्म 17 जून 1970 को महाराष्ट्र के दादर में हुआ था। निशिकांत की पहली निर्देशित फिल्म ‘दोंबिवली फास्ट’ ने मराठी सिनेमा में काफी नाम कमाया था और ये फिल्म साल की काफी हिट फिल्म रही थी। उस साल इस फिल्म को बेस्ट मराठी फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।

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