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एनीमिया से लड़ाई की मेरी कहानी

मैं शुभांगी कोरी, जबलपुर पोली पाथर की निवासी हूं। मैं जबलपुर में अपने परिवार के साथ नानी के यहां रहती हूं। मुझसे पहले मेरे घर में किसी ने ज़्यादा पढ़ाई नहीं की है। मेरी मम्मी की इच्छा थी कि वो पढ़ें मगर वो भी नहीं पढ़ पाई। अब उनका सपना है कि मैं कुछ अच्छा पढ़ जाऊं, आगे जाकर कुछ बन जाऊं। तो हर बार इससे मुझे प्रेरणा मिलती है कि कुछ करना है।

उनके इस सपने को पूरा करने के लिए मैं कोशिश में तो लगी हूं। B. Tech. में एडमिशन लिया है, पढ़ाई तो करती ही हूं लेकिन मन में एक अलग प्रेरणा है। पढ़ाई के साथ मैं प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करने की कोशिश करती हूं, जहां नया अनुभव लेने के लिए मैं कोशिश करती हूं कुछ कर जाऊं।

पहले मुझे थोड़ी सुस्ती रहती थी। काम तो चल रहा था लेकिन रचनात्मकता बिलकुल नहीं थी। थोड़ा काम करने में थकान आ जाती थी। फिर आंगनवाड़ी दीदी की सलाह पर मैंने आयरन की गोली ली और खाने में भी थोड़ा बदलाव किया। पहले जब मुझे आयरन की गोली के बारे में पता चला था तब मैंने ध्यान नहीं दिया लेकिन फिर आंगनवाड़ी दीदी से और मेरे स्कूल से भी मुझे पता चला कि इस गोली को खाने से मेरी एकाग्रता बढ़ेगी और मैं शारीरिक रूप से भी मज़बूत रहूंगी।

आगे जाकर मेरा इंजीनियर बनने का सपना भी पूरा हो पाएगा, इसके लिए मैंने समय से आयरन की गोली और पौष्टिक खाना लेना शुरू किया जिससे मेरा पढ़ाई में थोड़ा ज़्यादा मन लगा और मैं अच्छे नम्बरों से पास हो पाई। अब तो मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ भी रही हूं। अब मैं पढ़ भी लेती हूं, घर में काम भी करवाती हूं, परीक्षा की तैयारी के साथ काफी अलग-अलग रचनात्मक काम भी कर लेती हूं।

तो बस मैंने सोचा मुझे अपने जैसी सभी किशोरी बालिकाओं को आयरन की गोली और साथ में संतुलित आहार लेने के फायदे बताने चाहिए। फिर एक दिन मुझे सी.डी.पी.ओ. सर ने बताया कि न्यूट्रीशन इंटरनैशनल के साथ एक वेबिनार होने वाला है, जिसमें मुझे अपने किशोरावस्था का अनुभव सबको बताना है जिससे कि उसमें भाग लेने वाली सभी किशोरियां  मुझे सुनकर आयरन की गोली और संतुलित खाने के लाभ को सीख सकें।

इस वेबिनार में मेरे ज़िले की बहुत सारी किशोरियां थीं और साथ में कुछ विशेषज्ञ भी थे। वैसे तो मैं सोशल मीडिया के साधनों का उपयोग करती हूं लेकिन यह पहली बार था जब ज़ूम द्वारा मैं जबलपुर के वेबिनार में लगभग 900 लोगों से और सिवनी के वेबिनार में लगभग 1100 लोगों से जुड़ी थी।

मेरी बताई गई सभी बातों को वेबिनार में सभी ने ध्यान से सुना। बहुत अच्छा लगा यह देखकर कि मेरे साथ की कई किशोरियों ने भी यह चर्चा सुनी और मेरे द्वारा कही गई बातों की तारीफ की। सही कहूं तो मुझे लगा मेरा स्मार्ट फोन लेना सार्थक हो गया।

मैंने आंगनवाड़ी केंद्र और न्यूट्रीशन इंटरनैशनल के अधिकारियों से पोषण के बारे में काफी सीखा है, जैसे- सही पोषण से हम स्वस्थ रहकर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं कि कैसे अपनी रसोई से ही अच्छा पोषण प्राप्त किया जा सकता है, किस तरह से हम किशोरियों के लिए यह समय विकास का दूसरा अवसर है और हमारे आगे के जीवन में भी आयरन का क्या महत्त्व है।

मुझे अच्छा लगता है कि आज भी मेरे आंगनवाड़ी केंद्र की किशोरीयां मुझसे पोषण एवं आयरन से सम्बंधित सवाल करती हैं। कुछ तो मैं बताती हूं और बाकी सवालों के लिए ANM/AWW से बात करके उन्हें जानकारी दिलवाती हूं। पौष्टिक आहार खाकर, स्वस्थ आदतें अपनाकर और कड़ी मेहनत और लगन से मुझे पूरा भरोसा है कि एक दिन मैं एक सफल इंजीनियर बनूंगी। यह सिर्फ मेरा ही नहीं, बल्कि मेरे परिवार का भी सपना है।

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