Site icon Youth Ki Awaaz

पुस्तक समीक्षा: ‘वन डे यू विल रीच द टॉप’ असफल प्रेम से कामयाबी तक की कहानी

कई बार युवा प्रेम में असफल होने के बाद हताश और निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब जीवन का कोई उद्देश्य नहीं बचा लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।

नियति उन्हें कहीं और ले जाना चाहती है। शायद उनके लिए कोई बड़ी सफलता का बाट जोह रही होती है। बहरहाल शेखर शशांक द्वारा लिखित उपन्यास “वन डे यू विल रीच द टॉप” की कहानी भी कुछ ऐसी है।

असफल प्रेम से कामयाबी तक की कहानी

यह कई युवाओं की सच्ची कहानी से मिलती-जुलती हो सकती है लेकिन यह पुस्तक उन्हें नियति के अनूठे रहस्यों से भी परिचित कराती है। उपन्यास का नायक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला एक छात्र राहुल है, जो काफी गरीब है। उसे अपनी सहपाठी रीमा से प्रेम हो जाता है।

रीमा एक पैसे वाले परिवार से ताल्लुक रखती है और उसकी जाति भी अलग है। इसके साथ-साथ वह एक पारंपरिक लड़की है। रीमा की खास बात यह है कि वह प्रेम विवाह के खिलाफ है।

पुस्तक का कवर, तस्वीर साभार: YKA यूज़र

सब कुछ जानने के बावजूद राहुल उससे प्रेम करने लगता है और मन-ही-मन उससे विवाह के सपने देखने लगता है। वह अपने दोस्त की मदद से किसी तरह रीमा से दोस्ती करता है और उसके मन में प्रेम जगाने की कोशिश करता है। राहुल के प्रेम से रीमा का दिल भी पिघलने लगता है।

इसके बावजूद वह अपने प्रेम को कभी खुलकर ज़ाहिर नहीं करती है। रीमा हमेशा एक ही बात कहती है कि विवाह तो अपने माता-पिता की मर्ज़ी से करेगी। राहुल चाहकर भी उसे अपने साथ विवाह के लिए राज़ी नहीं कर पाता। रीमा राहुल से हमेशा एक बात कहती है कि एक दिन वह बहुत ऊंचाई पर पहुंचेगा।

नायिका की कही बात सालों बाद होती है सच

नायिका के द्वारा कही गई बात सालों बाद सच साबित होती है। प्रेम में असफल होने के बाद राहुल अपना शहर छोड़ देता है और बनारस पहुंच जाता है। यहां उसकी मुलाकात एक रहस्यमयी व्यक्ति से होती है जो उसकी ज़िंदगी बदल देता है। उसे उसके जीवन के लक्ष्य तक पहुंचाता है। राहुल एक दिन खुद को दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत के सामने खड़ा पाता है। तब उसे यह समझ में आता है कि उसकी नियति क्या थी।

पुस्तक की कहानी ना सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि दिल को छूलेने वाली भी है। लेखक ने पुस्तक बहुत ही सहज भाषा में लिखी है। इसलिए पाठक आसानी से इसका आनंद ले सकते हैं।

Exit mobile version