28 सितंबर को चेतन भगत का नया नॉवेल “One Arranged Murder” प्रकाशित हुआ। किसी मूवी या किसी अन्य लेखक के नॉवेल आने पर मुझे इतनी उत्सुकता नहीं होती जितनी चेतन भगत के नॉवेल लॉन्च होने पर होती है।
इसका एक ही कारण है और वह यह कि मैंने इसी लेखक की वजह से इंग्लिश नॉवेल्स को पढ़ना शुरू किया है।
यह सही है कि हिंदी और अँग्रेज़ी दोनों भाषाओं में चेतन भगत से काफी अच्छे लेखक होंगें। लेकिन यह भी उतना ही सही है कि चेतन भगत ने अंग्रेज़ी को एक सामान्य सी बात बना दिया है। अब यह सिर्फ़ अभिजात वर्ग का एकाधिकार नहीं रही। नई हिंदी आंदोलन के कर्णधार दिव्य प्रकाश दुबे ने सही बोला है कि हम जैसे तमाम हिन्दी मीडियम में पढ़े लिखे लोगों को चेतन भगत की किताबों ने ये विश्वास दिया है कि हम भी कोई अंग्रेज़ी किताब पूरी पढ़ सकते हैं।
हम UP Board के सरकारी स्कूलों के लौंडे हैं। Present, Past और Future Tense बनाने से ज्यादा कभी इंग्लिश सीख ही नही पाये। चेतन भगत का कमाल ये है कि उनके नोवेल्स को पढ़ते समय आश्चर्य होता है कि क्या ये वो ही इंग्लिश है जो कभी इतनी कठिन लगती थी।
कुछ लोग चेतन भगत के लेखन को पसन्द नहीं करते। उनके लेखन को दोयम दर्ज़े का मानते हैं। हालांकि उन लोगों के अपने कारण होंगें। प्रत्येक व्यक्ति के अपने-अपने पंसदीदा लेखक होते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि जैसे अपने आपको कूल साबित करने के लिए एक टीनएजर धूम्रपान और शराब का सेवन शुरू करता है, ठीक उसी तरह अपने आप को कूल साबित करने के लिए कुछ लोग चेतन भगत को गरियाते हैं।
कोई चेतन भगत को पसंद करे या नापसंद लेकिन हम जैसे हिंदी भाषियों के लिए वह हमेशा पहली पसंद रहेंगें। चाहे उनका लेखन किसी की नज़र में घटिया हो या बढ़िया, इससे हमें फ़र्क नहीं पड़ता। इंग्लिश को सरल बनाने के लिए जिस आंदोलन की नींव चेतन भगत ने रखी थी आज उसी का कमाल है कि भारत के ज्यादातर अंग्रेजी भाषी लेखक अब सरल भाषा में लिखने लगे हैं।
इसका परिणाम यह हुआ है कि अब किसी भी भाषा को जानने वाला अग़र थोड़ी सी भी इंग्लिश जानता है तो इन नॉवेल्स को आसानी से पढ़ सकता है।
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