मेरी माँ बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की महिला हैं, वह रोज़ पूजा-पाठ करती हैं, शनि देव को तेल चढ़ाती हैं, पीपल को नहलाती हैं। अमावस, पूर्णमासी, यह सब दिन उनके लिए बहुत ही खास होते हैं।
वह दिनों के हिसाब से पूजा-पाठ करती हैं और हमें भी इसका पालन करने को कहती हैं लेकिन पापा और मैं सिर्फ अपने कर्म करने में विश्वास रखते हैं। हमारा मानना है कि व्यक्ति अपनी मेहनत और कर्म से ही सफलता प्राप्त करता है। कोई भी विशेष पूजा हमारे भविष्य पर प्रभाव नहीं डालती और ना ही हमारे भाग्य में कुछ लिखा होता है। हमारा भविष्य हमारे हाथ में होता है।
जब ज्योतिष ने मुझे साइंस लेने से मना किया-
यह बात उस वक्त की है, जब मैं दसवीं की छात्रा थी, मैंने यूपी बोर्ड से दसवीं की परिक्षा दी थी। परीक्षाएं खत्म हो चुकी थीं, बस अब परिणाम का इंतज़ार था। परीक्षाओं के बाद छुट्टियों में हम सब भाई-बहन आने वाली नई कक्षा के इंतज़ार में बहुत उत्साहित थे।
मम्मी हमेशा पंडितों के चक्कर में आकर पूजा पाठ करवाती रहती थीं और हमारा भविष्य जानने के लिए हमारी कुंडली लेकर ज्योतिष के यहां जाती रहती थीं। एक दिन हमारे घर एक पंडित आए, जो अपने आपको ज्योतिष विद्या का महान जानकार बता रहे थे। मम्मी उनकी बातों से इतनी प्रभावित हुईं कि जल्दी से मेरी कुंडली निकालकर ले आईं। मुझे और पापा को बहुत गुस्सा आया पर क्या करते, मम्मी की ज़िद के आगे हम दोनों चुप थे।
लगभग 15 मिनट तक मेरी कुंडली देखने के बाद पंडित जी मौन बैठ गए, तो मम्मी भी चिंतित हो गईं। मम्मी ने उत्सुकता से पूछ ही लिया, बा
त क्या है? मेरी बेटी का इस साल का बोर्ड का रिज़ल्ट तो ठीक रहेगा ना? वह अच्छे नंबरों से पास तो हो जाएगी ना?
मम्मी की बात सुनकर पंडित जी बोले,
बहन जी, आपकी बेटी पास तो हो जाएगी लेकिन बहुत ही साधारण नंबरों से। एक बात ध्यान रखना कि दसवीं के बाद इसको साइंस मत दिलाना, क्योंकि इसकी कुंडली में लिखा है कि यह साइंस लेकर ज़्यादा सफल नहीं हो पाएगी।
पंडित जी की बात सुनकर पापा और मैं बहुत हैरान हुए, क्योंकि साइंस मेरा प्रिय विषय था और मेरे सारे पेपर भी बहुत अच्छे हुए थे। हमें पता चल गया कि मम्मी की नादानी की वजह से ज्योतिष उनसे पैसे लूटना चाह रहा है। पापा ने बिना देरी किए ज्योतिष से वहां से जाने के लिए कहा। ज्योतिष बहुत नाराज़ हो गए। उन्होंने गुस्सा होते हुए कहा,
मेरी बात याद रखना कि अगर आपकी बेटी साइंस लेकर पढ़ेगी तो फेल हो जाएगी।
उनकी बात सुनकर हमें बहुत हंसी आई पर मम्मी नाराज़ हो गईं।
ज्योतिष की बात गलत साबित हुई
कुछ दिनों बाद बोर्ड का रिज़ल्ट आया। मैंने प्रथम श्रेणी में 75% अंकों के साथ दसवीं की परीक्षा पास की और जीव विज्ञान में 85% अंक प्राप्त किए। मैंने 12वीं में भी विज्ञान लिया और प्रथम आई।
इसके बाद मैं कॉलेज में भी बीएससी और वनस्पति विज्ञान में एमएससी में 70% अंकों से पास हुई। यही नहीं मैंने अपना बीएड भी विज्ञान विषय से किया और पूरे कॉलेज में टॉप किया।
आज मैं 2 प्यारे बच्चों की माँ हूं। अपने बच्चों को विज्ञान और सभी विषय मैं खुद ही पढ़ाती हूं। मैंने सरकारी टीचर की भी परीक्षा पास की है। इसके साथ-साथ मैं एक लेखक भी हूं। आज मेरी माँ भी इस बात को मान चुकी हैं कि कुंडली में कुछ नहीं लिखा होता है। मनुष्य अपने कर्म और मेहनत से ही सफलता की ऊंचाई हासिल करता है।
इसलिए कुंडली के सहारे बैठे रहकर ज्योतिष के चक्कर में अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करें। उन्हें अपने सपने देखने का मौका दें। उन्हें जिस विषय में रुचि हो, वही पढ़ने दें। उनपर अपनी इच्छाएं ना थोपे।