Site icon Youth Ki Awaaz

चुनौतियों से भरा है इंग्लैंड का भारत दौरा

चुनौतियों से भरा है इंग्लैंड का भारत दौरा

 

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के भारत दौरे का आगाज 5 फरवरी से चेन्नई के चेपक में खेले जाने वाले टेस्ट मैच से हो रहा है इस लंबे दौरे पर मेहमान टीम 4 टेस्ट और 5 T-20 और 3 वनडे मैच खेलेगी। कोरोना महामारी के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय टीम अपने सर सरजमीन पर कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने उतरेगी। भारत और इंग्लैंड की टीमें इस सीरीज से पहले सफल विदेशी दौरों से लौटी है जहां टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया पर अप्रत्याशित जीत हासिल की है वहीं इंग्लैंड भी श्रीलंका को 2-0 से हराकर लौटी है।

 

 भारत के दौरे पर इंग्लैंड टीम को कई चुनौतियों का सामना करना है भारतीय पिचों पर स्पिन से निपटना विदेशी बल्लेबाजों के लिए हमेशा सबसे कठिन काम रहा  है अनुभवी गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की जोड़ी धीमी पिचों पर बल्लेबाजों के लिए घातक साबित होती है। हालांकि रविंद्र जडेजा का चोटिल होना भारत के लिए जरूर खलेगा लेकिन चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव बखूबी दूसरे स्पिन गेंदबाज का रोल निभा सकते हैं गौरतलब है कि जब 2012 में इंग्लैंड ने भारत को 2-0 से हराया था तब सलामी बल्लेबाज केविन पीटरसन और कुक ने शानदार ढंग से सामना किया था उस दौरे पर कप्तान रहे एलेस्टर कुक ने तीन शतक जमाए थे।

 

इंग्लैंड के लिए टीम सलेक्शन की समस्या

 

इंग्लिश कप्तान जो रूट के लिए संतुलित टीम का चयन काफी महत्वपूर्ण काम है टीम का गेंदबाजी आक्रमण जोफ्रा आर्चर, स्टूअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की तिकड़ी के साथ मजबूत जरूर नजर आता है लेकिन भारतीय परिस्थितियों में 2 से अधिक तेज गेंदबाजों को खिलाना अनुकूल नहीं बैठता है ऐसे में मेहमान टीम अपने दो स्पिनरों जैक लीच और डोमिनिक बीस पर काफी निर्भर करेगी वही मोईन अली बतौर तीसरे फिरकी गेंदबाज अंतिम 11 में अहम रोल निभा सकते हैं इंग्लैंड के लिए 2012 में ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की स्पिन जोड़ी ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत ही टीम को सीरीज जिताई  थी।

 

ओपनिंग बल्लेबाजी क्रम में इंग्लैंड पिछले काफी समय से जूझ रहा है दोनों ही बल्लेबाज डोमिनिक सिबली और ज़ैक क्राउली श्रीलंका के दौरे में भी कुछ खास नहीं कर पाए थे अनुभव का कम होना तथा स्पिन खेलने में दिक्कत भारत के खिलाफ बड़ी परेशानी साबित हो सकती है। एलेस्टर कुक के रिटायरमेंट के बाद इंग्लैंड के टीम मैनेजमेंट ने कई ओपनिंग जोड़ी पर दाव खेला है लेकिन कोई भी जोड़ी टीम में अपनी जगह स्थापित करने में कामयाब नहीं हुई है। अगर ज़ाक क्राउली और डोमिनिक सिबली टीम को मजबूत शुरुआत देने में कामयाब रहते हैं तो टीम के मजबूत दिख रहे मिडिल ऑर्डर पर कम दबाव पड़ेगा

 

जोए रूट पर अधिक निर्भरता

 

इंग्लैंड के बल्लेबाज़ी क्रम कप्तान जोए रूट पर काफी निर्भर है टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी रूट भारत के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने उतरेंगे गौरतलब है कि 2012 के विजय अभियान के दौरान ही नागपुर टेस्ट में रूट ने अपने करियर का आगाज किया था। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ दो बड़ी पारियां खेलकर इंग्लिश कप्तान अपने शानदार फॉर्म का प्रमाण दे चुके हैं। 2016 के दौरे पर जब इंग्लैंड 4-0 से हरी थी जब भी जोए रूट के बल्ले से सीरीज में 400 से अधिक रन निकले थे रूट की स्पिन  के खिलाफ बेहतर तकनीक और अनुभव उनकी सबसे बड़ी ताकत है हालांकि टीम बल्लेबाजी में बेन स्टोक्स और बेस्टरो के सहयोग की काफी उम्मीद करेगी।

 

भारत की मजबूत बल्लेबाजी और आत्मविश्वास

 

मेजबान भारत का शक्तिशाली बल्लेबाजी क्रम टीम के सबसे बड़ी ताकत है ओपनर रोहित से लेकर चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत सभी बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जबरदस्त फॉर्म में थे सभी खिलाड़ियों का बल्लेबाजी औसत भारत मैं और भी अधिक हो जाता है ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीन पर जीत हासिल कर लौटी भारतीय टीम का आत्मविश्वास चरम पर है जिसका असर इंग्लैंड की सीरीज में भी देखने को मिलेगी।

 

भारतीय सरजमीं पर खेलने किसी भी विदेशी टीम के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है अगर इंग्लैंड किसी चमत्कार करने में सफल रहता है तो यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक होगी लेकिन इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए इंग्लैंड को हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन दिखाना होगा। टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखने के लिए दो विश्व स्तरीय टीमों के बीच बराबर की प्रतिस्पर्धा होना काफी जरूरी है भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैचों की सीरीज सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए उत्साहवर्धक साबित होगी।

 

Exit mobile version