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इन आसान उपायों के ज़रिये अपने गुस्से को करें कंट्रोल

गुस्से को कंट्रोल करने के सुझाव

गुस्से को कंट्रोल करने के सुझाव

आज भले ही लोगों को बात-बात पर गुस्सा आ जाता है लेकिन अपनी इमेज एक भले इंसान की बनाए रखिए। कई लोग कहते हैं कि मैं तो नाराज़ नहीं होता हूं लेकिन आप सभी के जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं, जब आपकी नाराज़गी सामने आती है। उस दौरान अपशब्दों का प्रयोग करने से अच्छा लग सकता है लेकिन यह आपकी अच्छी ईमेज को भी तार-तार कर देते हैं।

ऐसा नहीं है कि आपको गाली देना आता ना हो या आप उनका ज्ञान ना रखें। उसका भी समय आएगा लेकिन एक बात ध्यान में रखने की ज़रूरत है कि गाली हमेशा अकेले में दें। पब्लिक प्लेस पर गाली देना मानहानि के अंतर्गत अपराध है।

गाली देने से बहुत लाभ हैं लेकिन क्या इसके लिए हम पहले उन हानियों को पैदा करें जिनको गालियां मिटाती हैं? गालियों के साइड इफेक्ट्स पर भी चर्चा करने की ज़रूरत है, जिसकी वजह से आपकी इमेज खराब हो जाती है। हमको कोई अपमानजनक शब्दों से सम्बोधित करता है तो गुस्सा और अपशब्द दोनो उगलते हैं हम लेकिन हमको खुद पर कंट्रोल होना चाहिए।

खुद की परीक्षा लीजिए कि आप किस तरह बिना गाली दिए भी अगले को आहत करके उसकी ईगो को चोट पहुंचा सकते हैं या हो सकता है कि वह आपकी परीक्षा ले रहा हो और आप उसमें पास हो जाएं, तो वह आपको समझने लगे?

बेहतर बनने की कोशिश कीजिए। दुनिया में लोग अजूबे ढूढ़ रहे हैं। एलियन को कौन नहीं देखना चाहता? कौन नहीं चाहता उसका एक ऑटोग्राफ? अजूबा बनिए। हैरान कर दीजिए लोगों को अपने अच्छे व्यवहार से।

ऐसा नहीं है कि अपशब्द गलत हैं या उनको देने से आप अच्छे या बुरे बन जाते हैं लेकिन आपकी दुर्भावना अगर उसमें जुड़ी है, तो वे बुरे हैं। आप प्यार से किसी को गाली दीजिए, अगले को उसमें प्यार दिखेगा गाली नहीं। अगला प्यार ही सुनेगा जिसके बाद गाली म्यूट हो जाएगी।

अगर आप दुर्भावना से किसी को महान, विद्वान, ज्ञानी, सर्वज्ञ, ईश्वर और परमात्मा भी बोलोगे तो वह उसके दिल में जाकर लगेगा और सिर्फ लगेगा ही नहीं, बल्कि गहरी चोट करेगा। इतनी गहरी कि अगला 10 बार सोचेगा आपसे पंगा लेने की या फिर वह बदल ही जाएगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार: Getty Images

लोगों को शांति से समझाया जा सकता है, अन्यथा वे बहुत जल्दी आपको ब्लॉक कर देंगे। जिसे समझना नहीं है, वह आपको कभी भी ब्लॉक कर सकता है। बेहतर होगा आप देखें कि अगला आपकी लेखनी पूरी पढ़ रहा है या नहीं? आपके दिए लिंक पर जाता है या नहीं? आपकी बातों की अनदेखी करता है या नहीं? अगर वह सिर्फ एक तरफा बोल रहा है, तो वह बोल नहीं रहा, वह डिक्टेट कर रहा है। यानि तानाशाही उसका स्वभाव है।

मुझे कोई उम्मीद नहीं है कि आप मेरी सलाह पर अमल करेंगे। मुझे फर्क भी नहीं पड़ता कि अगला क्या कर रहा है लेकिन हां इस पोस्ट के माध्यम से मैं यह ज़रूर कहना चाहता हूं कि अगर आप मेरे जैसे नहीं हैं, तो मैं ही अकेला बन जाऊंगा अजूबा और आप देखते और पूछते रहिएगा, “आखिर किस दुनिया से हो आप, कौन हो आप?” फिर हमेशा की तरह मैं एक ही शब्द में अपना परिचय देता रहूंगा, “मैं ग्रह Ross 128b से इधर आया हुआ एक एलियन हूं।”

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