Site icon Youth Ki Awaaz

“शिष्टता आपके अंदर की वो ताकत है, जो मिसाल बनकर दूसरों को प्रेरित करेगी”

आज तहज़ीब यानि कि शिष्टाचार अतीत की कोई याद जैसा लगता है। अब जहां भी देखें, चाहे वह टीवी हो या ट्वीटर, नेताजी का भाषण हो या दफ्तर, सब जगह एक बात ज़रूर मिलेगी कि अब लोग एक दूसरे के साथ सम्मान के साथ व्यवहार नहीं करते। बर्ताव की ये दुर्बलता न केवल भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि कई बार मौत का कारण भी बनती है।

सभ्य व्यवहार सामाजिक विकास का एक मुख्य पहिया होता है

लखनऊ जो अदब का घर कहलाता है यहां भी हालात कुछ खास अच्छे नहीं हैं। बुरा बर्ताव कितनी बड़ी सामाजिक समस्या है इसको समझाने और इस से निपटने में पीएम फोरनी की पुस्तक: “द ट्वेंटी-फाइव रूल्स ऑफ थिंक कंडक्ट” बड़े काम की है।

दुनियाभर के लोगों से बात करके उन्होंने पाया कि लगभग हर कोई इससे सहमत है कि आप दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, इससे आप अपने जीवन की सफलता को माप सकते हैं। “जब हम अपने आस-पास के लोगों के लिए जीने का बोझ कम करते हैं, उनकी ज़िंदगी को आसान करते हैं तो हम अच्छा कर रहे होते हैं; जब हम दुनिया के दुख में शामिल होते हैं तो हम नहीं होते हैं, तब हम एक समाज बनतेहैं।”

वह लिखते हैं “दूसरों के साथ सभ्य व्यवहार करना एक तरीका है, जो सामाजिक विकास के पहियों का काम करता है ताकि समाज सुचारू और सकारात्मक रूप से बेहतर होता रहे।” इसके लिए कोई बड़ा काम नहीं करना होता। अपने टेलर को धन्यवाद, प्लम्बर से हाल-चाल पूछ लेना भी काफी है। ये थोड़ी सी विनम्रता हिंसक होती दुनिया को फिर से बेहतर कर सकती है।

यदि आप किसी को पसंद नहीं करते हैं, या वे जो कह रहे हैं उससे असहमत हैं तो उन के साथ सांढ़ की तरह भिड़ने की ज़रूरत नहीं। हो सकता हो उस समय आप 100% सही न हों। बस वहीं से यह काम शुरू करें और Civility को अपना डिफॉल्ट विकल्प बनाएं। यहां तक कि अजीब या तनावपूर्ण स्थितियों में हों तब भी।

शिष्टता कमज़ोरी नहीं बल्कि एक ताकत है

ज़िन्दगी में शांत रहकर आप फैलने से पहले ही किसी कलह को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। ये एक ऐसी ताकत है जो हर किसी के पास नहीं होती। फिर भी कुछ लोग शिष्टाचार को कमजोरी की निशानी के रूप में देखते हैं। तब भी अपनी शिष्टता बनाए रखें और इससे एक मिसाल बनेगी जो पीछे आने वालों को बेहतर होने के लिए प्रेरित करेगी।

हेट क्राइम्स से निपटने के लिए किये गए एक प्रयास जिसे द रिवाइवल टू रिवाइव सिविलिटी कहा गया, यह बढ़ते सामाजिक विभाजन को कम करने में मदद करने के लिए निम्नलिखित चरणों की गुज़ारिश करता है:

हाल ही में पुलिस ने बिना हेलमेट चलने वालों को फूल देकर समझाने की कोशिश की जिन्होंने ट्रैफिक नियमों को तोड़ा। इस प्रयास से चालान के मुकाबले ज़्यादा लोगों का मन बदला और उन्होंने हेलमेट पहनना शुरू कर दिया जिससे जानलेवा हादसों में काफी गिरावट दर्ज की गयी।

व्हाइट हाउस के पूर्व सामाजिक सचिव, ले बर्मन अपनी पुस्तक ट्रीटिंग पीपल वेल में एक बड़े मज़े की बात कहते हैं। वो कहते हैं कि “अपने आप को दूसरों की आंखों से देखने की कोशिश करो। ऐसा मानो कि पूरी दुनिया देख रही है। हम में से ज़्यादातर लोग खुद को अच्छा इंसान समझना पसंद करते हैं, और जब हमें लगेगा जो हम कर रहे हैं वो सही नहीं है तब हम अपने बर्ताव के लिए ज़्यादा सजग रहेंगे और फिर उस तरह के व्यवहार की गुंजाईश बहुत कम होगी।

Exit mobile version