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बिज़नेस में वो पांच गलतियां जिन्हें एक युवा उद्यमी को करने से बचना चाहिए

हम हमेशा से सुनते आ रहे हैं कि असफलता ही सफलता की पहली कुंजी है। इस कथन को सच करने के लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि आखिर गलती क्या हुई है? अधिकांश समय में युवा उद्यमी ऐसी गलतियां करते हैं जो कभी समाप्त ही नहीं पाती। उद्यमी जब अपनी असमर्थता को समझ नहीं पाते तो वे एक गलती से दूसरी गलती की ओर अग्रसर होते रहते हैं और यह सिलसिला लगातार जारी रहता है।

सफलता के लिए कोई सुनहरा नियम नहीं है लेकिन उद्यमियों को उन भूलों की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए जो वे कर रहे हैं। ताकि उनकी कमियां उनकी सफलता के आड़े ना आये। ये कुछ ऐसे बिंदु हैं जिन्हें युवा उद्यमियों द्वारा अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। ये मुख्य गलतियां हैं जो किसी भी व्यवसाय की प्रगति में बाधा डाल सकती हैं।

1. उचित दृष्टिकोण(विजन) की कमी

किसी भी बिज़नेस की शुरुआत एक दृष्टिकोण से होती है। बिना दृष्टिकोण के आप कुछ भी प्लान कर काम नहीं कर सकते हैं। कारण कि आपके पास ऐसी कोई चेकलिस्ट नहीं होती जिससे आप उन गलतियों का पता लगा सकें जो आपके बिजनेस को नुकसान पहुंचा रही है। जब आपका दृष्टिकोण क्लियर और फोकस्ड रहता है तो उस वक्त आप की परिस्थिति कैसी भी क्यों ना हो, आप अपना बिज़नेस चलाना सीख जाते हैं।

2. बाज़ार को समझने में विफलता

युवा उद्यमियों में आमतौर पर बाज़ार में सफल होने के लिए व्यावहारिक जोखिम की कमी होती है। व्यवसाय को सही दिशा में ले जाने के लिए, बाज़ार के बारे में सही और सटीक जानकारी बेहद ज़रूरी है। आपका बिज़नेस आइडिया क्या है और किस ऑडियंस के लिए है इसे तैयार करते हुए एक गहन रिसर्च के साथ इनके परिणाम के बारे में वृहद प्लान करने की ज़रूरत है।

बाज़ार में पैसे लगाने से पहले उस बाज़ार के सभी पक्षों और पहलुओं को समझें। ज़रूरत अनुसार पैसे को लगाएं। कई बार आप बिना मार्केट रिसर्च किये इतने पैसे खर्च कर देते हैं कि नुकसान के बाद बिज़नेस को बंद कर देना पड़ता है।

3. वित्तीय भूल

वित्तीय भूलों (फाइनेनशियल ब्लंडर्स) से दीर्घकालिक परिणाम सामने आते हैं। अधिकांश युवा व्यवसायी अपने व्यवसायों में निवेश करने के लिए पैसा नहीं रखते हैं। इसलिए किसी भी फर्म के मूल्य को अधिकतम करने के लिए आवश्यक है एक उचित पूंजी संरचना। जिसमें पूंजी, ऋण वित्तपोषण और इक्विटी वित्तपोषण का उपयुक्त मिश्रण शामिल हो।

कई युवा उद्यमी समझ नहीं पाते हैं कि निवेश पर रिटर्न को अधिकतम कैसे किया जाए? अपेक्षित क्षमता विकसित किये बिना लोगों को ब्रांडिंग और धन के व्यय के बाद इसका प्रसार करने से बचें। जब ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो फर्म बाज़ार में एक औसत खिलाड़ी होने के नाते समाप्त हो जाती है जो उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाती। वित्तीय निर्णय अक्सर विरोधाभासी होते हैं।

पिछला बिंदु अनावश्यक रूप से खर्च नहीं करने की बात करता है लेकिन कई बार छोटे व्यवसाय के मालिक बहुत अधिक मितव्ययी होने की गलती करते हैं। व्यवसाय प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निवेश किया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो पैसा भी खर्च किया जाना चाहिए।

4. परिवर्तन का विरोध

प्रवृत्तियों और प्रक्रियाओं में परिवर्तन अपरिहार्य हैं। इसलिए, यह उद्यमियों का कर्तव्य है कि वे बदलावों को अपनाएं। परिवर्तन कई रूपों में आ सकते हैं और तकनीकी परिवर्तन सबसे प्रमुख हैं। युवा उद्यमियों को यह समझना चाहिए कि बदलाव अच्छे के लिए होते हैं और उन्हें नयी ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए उन्हें इन बदलाव का हिस्सा बनना होगा। कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिवर्तन किस रूप में आ सकता है।

यदि यह व्यवसाय के विकास के लिए एक उत्प्रेरक है, तो इसे शामिल किया जाना चाहिए। व्यवसाय को ऑनलाइन विकसित करने के लिए आप वन डिजी फ्लो एप से कई महत्वपूर्ण जानकारियां ले सकते हैं। यह एप आपके व्यवसाय से जुड़ी सभी चीज़ों की शुरुआत से लेकर आपके व्यवसाय के अंत तक ध्यान रखता है।

5. लोग पहले और उत्पाद बाद में

नये जमाने के उद्यमी यह समझने में असफल रहते हैं कि हमेशा पहले लोग होते हैं। उनमें से कई यह सोचने की गलती करते हैं कि एक अच्छा उत्पाद एक बड़ा ग्राहक आधार पाने के लिए पर्याप्त है। हमें सबसे पहले अपनी मानसिकता को ग्राहकों की ज़रूरतों के अनुसार उत्पादों और सेवाओं में ढालने की ज़रूरत है। इससे आपको ग्राहकों का सपोर्ट मिलेगा।

एक अच्छा उत्पाद निश्चित रूप से आवश्यक है लेकिन पर्याप्त नहीं है। किसी उत्पाद का उपयोग करने के लिए लोगों की कुंजी, उत्पाद के बारे में जागरूकता है। लोगों को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि उत्पाद उनकी समस्या को कैसे हल कर सकता है तभी वे इस पर खर्च करेंगे। इसपर भी काफी ध्यान देने की आवश्यकता है।

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