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टेट की परीक्षा और बीएड को लेकर सरकार की नीति काफी खराब

कुकुरमुत्तों की तरह उग आए ये बी ऐड कॉलेज आपको हर जगह दिखाई दे जाएंगे। अगर आप थोड़ी सी भी कोशिश करें तो आपको पता चल जाएगा कि इनमें से अधिकांश या तो किसी राजनैतिक हस्ती के हैं या उनसे जुड़े हुए उनके किसी रिश्तेदार, मित्र या साझीदारों के हैं।

बीएड करो, फिर टेट क्लियर करो एक बहुत ही खराब नीति

अब सवाल है ऐसा क्यों? ये आपलोग सोचिये। मैं आता हूं उसपे जो यहां बताने आया हूं। सरकार की नीति है कि पहले बी ऐड करो, फिर टेट क्लियर करो और फिर नौकरी लो। बिल्कुल सही और साधारण सा नियम है जिसे हर बननेवाले शिक्षक को पालन करना है। आप बोलेंगे इसमें क्या दिक्कत है? ये तो सही नियम है। मैं बोलूंगा बहुत गलत नियम है और इसमें बहुत बड़ी दिक्कत है।

अब आते हैं मैं ऐसा क्यों बोल रहा हूं? नौकरी की खोज में रहनेवाले ज़्यादातर युवा मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग से आते हैं। इसके अलावा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में आनेवाले अधिकांश युवा औसत स्तर के होते हैं। ऐसा क्यों है और इसके क्या परिणाम होते हैं इस बारे में फिर कभी बात करेंगे।तो एक मध्यमवर्गीय या निचले दर्जे से आनेवाला युवा इन बी ऐड कॉलेजों की फीस के लिए कैसे-कैसे और क्या-क्या करके पैसे जुटाता है?
ये शायद हर उस दर्जे से आने वाला व्यक्ति अच्छे से समझ सकता है।

टेट क्लियर न हो तो बीएड की डिग्री और पैसा बर्बाद

इतनी फीस और इतना समय देने के बाद भी नौकरी की कोई गारंटी नहीं दी जाती। ना सरकार की तरफ से और ना कॉलेज की तरफ से ।
जबकि अगर सरकार चाहे तो एक छोटे से घुमाव से ये बीएड की डिग्री को रोजगार की गारंटी बना सकती है। आप पूछेंगे कैसे? तो मैं बता दूं कि इसका तरीका शिक्षा की रोजगार देने की प्रणाली में ही है। पहले कोई भी युवा बीएड करता है फिर वो टेट पास करता है फिर शिक्षक बनता है।

अगर इसके स्थान पर पहले टेट पास किया जाए, फिर पास हुए उम्मीदवारों को बीएड कराया जाए तो क्या ये अच्छा नहीं रहेगा कि जो बीएड पर पैसे खर्च करेंगे उन्हें रोजगार की गारंटी होगी? जो टेट किसी भी हालत में क्लियर नहीं कर पाते हैं, कम से कम उनके वो पैसे बचेंगे जिससे वो कोई खुद का रोजगार कर सकते हैं ।

हां, ये है कि टेट क्लियर करने वाले उम्मीदवार दो साल के बाद शिक्षा देने के लिये उप्लब्ध हो पाएंगे। मगर मुझे लगता है कि ये इतनी बड़ी समस्या नहीं है जिससे कोई खास फर्क पड़े। फिर भी इसका एक उपाय है कि टेट की परीक्षा ही बहाली के दो साल पहले ले ली जाए।

हां एक समस्या फिर भी रहेगी। बहुत सारे बीएड कॉलेज बंद हो सकते हैं या उनकी आमदनी कम हो सकती है। माफ कीजिएगा लेकिन इस बारे में मेरे पास कोई उपाय नहीं है।

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