Site icon Youth Ki Awaaz

बिहार में शराबबंदी कितनी सफल है, आप खुद आंकड़ों से समझिए

बिहार में शराबबंदी कितनी सफल है, आप खुद आंकड़ों से समझिए

 

अप्रैल, 2016 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी लागू कर दी थी, जिसके बाद से यह ‘ड्राई स्टेट’ बन गया, जिसके बाद नीतीश सरकार रोज नए दावे ठोकती है कि राज्य में शराबबंदी सफल हुई है। यदि हम इन आंकड़ों पर अपनी एक नज़र डालें तो हम पाएंगे कि नीतीश सरकार के द्वारा बिहार में की गई पूर्ण शराबबंदी कहां तक सफल हुई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद 51.7 लाख लीटर देशी शराब जब्त हुई तो वहीं 94.9 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। जनवरी, 2021 तक शराब से सम्बन्धित 2 लाख 55 हजार 111 मामले दर्ज किए  गए हैं। अब तक शराब एवं उसके अवैध व्यापार से जुड़े मामलों में 3 लाख 39 हजार 401 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि 470 अभियुक्तों ऐसे मामलों में कोर्ट ने सजा सुनाई है। 

इसके लिए मैं उन्हें एक ही बात कहूंगा- “लानत है।”

आखिर बिहार में शराबबंदी क्यों हुई? सरकारी तंत्र ऊपर से नीचे तक शराब माफियाओं को बचाने में जुटी रहती है। क्या आपके यहां दरोगाजी शराब माफियाओं से पैसा नहीं लेते? क्या शराब से जुडी अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने पर रंगे हाथ पकड़े जाने पर 20 हजार रूपए लेकर उन्हें नहीं छोड़ दिया जाता?

“शराब पीना चाहिए या नहीं” ये एक स्वस्थ विचार-विमर्श का विषय हो सकता है लेकिन, शराबबंदी अगर इसी तरह असफल रही तो लोग जहरीली शराब पी कर मरते रहेंगे, लोग समाज के सामाजिक कार्यक्रमों जैसे विवाह आदि में जाते हैं तो स्प्राइट हाथ में आने से पहले ये पता कर लेते हैं कि, अगल-बगल में शराब कौन भाई साहब उचित दाम पर बेच रहे हैं? बताइए, क्या यह है सफल शराबबंदी?

नीतीश बाबू को अज्ञात का शेर कहना चाहता हूं –

कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते  

 

 

Exit mobile version