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5 तरीके जिनसे ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का शिक्षा में किया जा सकता है उपयोग

ऑनलाइन क्लास का आनंद लेते हुए छात्र

ऑनलाइन स्कूलों में पढ़ते हुए छात्र, ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम की मदद से शिक्षा प्राप्त करते हुए।

महामारी काल में ऑनलाइन शिक्षा लेना अब एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम यह शब्द बहुत बार आपने छात्रों, शिक्षकों और हितधारकों से सुना होगा। आइए जानते हैं आखिर क्या है यह ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम।

परिभाषा

ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जो एडमिनिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंटेशन, ट्रेनिंग, रिपोर्टिंग और एजुकेशन कोर्स को डिलीवर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें ही सारे पाठ और स्टडी मैटेरियल आदि होते हैं। यह छात्र की अटेंडेंस और अन्य गतिविधियों को मॉनिटर करता है।

हमारे देश में यह मुख्य रूप से भारत के ऑनलाइन स्कूलों में उपयोग किया जाता है। ऑनलाइन इंस्टिट्यूट के सभी डिपार्टमेंट इसका उपयोग करते हैं। जिससे छात्र  ऑनलाइन क्लास ले सकता है और साथ ही क्विज, टेस्ट आदि भी दे सकता है और इन पर अध्यापक का फीडबैक भी ले सकता है। वे 5 तरीके जिनसे ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम को सरल बनाता है 

कभी भी कहीं भी पहुंच सकता है

यही वह सबसे बड़ा फायदा है ऑनलाइन एजुकेशन का जो उसे पारंपरिक शिक्षा से बेहतर बनाता है। छात्र घर या कहीं पर भी बैठकर पड़ सकता है।

उसे सिर्फ मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप की आवश्यकता है, जो कि अमूमन आज के युग में अधिकांश सभी के पास उपलब्ध है।

शिक्षा की लागत में कटौती करता है

ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शिक्षा में लगी लागत को कम कर देता है, क्योंकि अब छात्र का कक्षा तक आने-जाने में कोई पैसा नहीं लग रहा। ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में मौजूद रिकॉर्डेड वीडियो को वह अनगिनत बार देख सकता है, जिससे उसका ट्यूशन का खर्च भी कम हो जाता है।

छात्र को किताबें भी खरीदने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लर्निंग कंटेंट ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में ही फीड होता है।

प्रयोग करने में आसान होता है

छात्र इस वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी का प्रयोग आसानी से कर सकता है। यह हर उम्र के छात्र द्वारा प्रयोग किया जा सकता है, इसके फंक्शन्स छात्र के शिक्षा लेने के अनुभव को आनंदपूर्ण बना देते हैं।

छात्र को इसमें मौजूद वर्ल्ड क्लास स्टडी मैटेरियल को बस एक क्लिक से इस्तेमाल करना होता है।

यह लर्निंग कंटेंट को ऑर्गेनाइज रखता है

यह सारी इनफॉर्मेशन रिसोर्सेस और कंटेंट को बहुत ही ऑर्गेनाइज तरीके से रखता है। पेरेंट्स, टीचर्स और सपोर्टिंग स्टाफ इसे आसानी से देख सकता है। छात्र अपने पाठ को करने में कितना नियमित है, छात्र को कब और क्या पढ़ना है यह भी उसको समय समय पे बताने का काम करता है?

शिक्षकों के काम को भी आसान कर देता है

यह ना सिर्फ छात्रों के काम को आसान करता है बल्कि शिक्षकों के काम को भी आसान कर देता है। बच्चों की नोटबुक चेक करने की सिरदर्दी से बच जाती हैं, क्योंकि अब छात्र द्वारा प्रयास करें गए टेस्ट और असाइनमेंट का आकलन ऑनलाइन सिस्टम कर रहा है।

बच्चे जैसे ही इन असाईनमेंट को करते हैं, शिक्षक और माता-पिता दोनों ही देख सकते हैं कि बच्चा पाठ को कितना सीख पाया और उसे कहाँ सुधार करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

उपयुक्त बातों को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि जिस प्रकार ऑनलाइन स्कूल सभी देशों में बहुत सामान्य प्रणाली है और लोग इसे पारंपरिक स्कूलों से भी ज्यादा पसंद करते हैं।

उसी प्रकार वह समय भी दूर नहीं जब भारत में भी ऑनलाइन स्कूलों की लोकप्रियता बढ़ जाए और सभी छात्र ऑनलाइन स्कूलों में ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा शिक्षा प्राप्त करें।

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