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“महाराष्ट्र जाकर मुझे लगा अजनबी दुनिया में आ गया हूं”

आशुतोष

आशुतोष

कटनी में 11 साल में हिंदी और अंग्रेज़ी के अलावा किसी और भाषा के बारे में ना तो कभी किसी से बात की और ना ही किसी से कुछ सुनने को मिला। हालांकि अभी तक यह ज़रूर पता है कि मध्य प्रदेश में रहकर मालवी और बंगाली भी कभी बोलता था लेकिन इससे बहुत ज़्यादा दिक्कत नहीं हुई।

मध्य प्रदेश में भाषा को लेकर इतने असमंजस के माहौल से कभी सामना ही नहीं हुआ मगर महाराष्ट्र में तो जैसे मराठी ही सब कुछ है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो यहां पिछले कई सालों से या जन्म से रह रहे हैं। कुछ लोगों की मराठी तो इतनी उछाल है कि सारी बातें आपके ऊपर से ही चली जाएंगी और आप सिर्फ उनका चेहरा देखते रह जाएंगे क्योंकि आपको कुछ समझ में तो आने वाला ही नहीं है। अगर गलती से आपने कुछ समझने की कोशिश की तो अर्थ का अनर्थ हो जाएगा।

ऐसी परिस्थिति में दो ही बातें हो सकती हैं। आप किसी मराठी दोस्त से मदद ले सकते हैं या फिर उनसे हिंदी बोलने की विनती की जा सकती है। दोनों ही तरीके थोड़े से मुश्किल हैं लेकिन मेरी कोशिश अभी जारी है। पता नहीं कितना समय लगेगा लेकिन यह बोलना तो ठीक है कि कम-से-कम मराठी अच्छी तरह से समझने लग जाऊंगा फिर भी रोज़ कुछ ना कुछ ऐसा सुनने को मिलता है, जिससे पहले कभी सामना ही ना हुई हो।

मुझे लगा कि मैं अजनबी दुनिया में आ गया हूं 

मुझे शुरुआत में तो लगा जैसे ना जाने कौन सी अजनबी दुनिया में आ गया हूं क्योंकि आस-पास के लोग बातें तो बहुत सारी करते हैं लेकिन समझ नहीं पाता कि तारीफ हो रही है या फिर मज़ाक बन रहा है। दिमाग पर ज़ोर डालो फिर भी समझ में ना आए और दोनों कान तो लगातार सतर्क रहते ही हैं। किसी को पता ना चले इसलिए मेरे हाव-भाव ऐसे होते थे कि हां मुझे सब समझ में आ रहा है।

फोटो साभार: फेसबुक

कभी मन में आता छोड़ो यार लेकिन छोड़ भी नहीं सकते क्योंकि काम कर सकते हैं और कुछ नया सीखने के लिए बात तो करनी ही पड़ेगी। ऐसा नहीं है कि लोग सिर्फ मराठी में  ही बोलते हैं। लोग अक्सर हिंदी भाषा में भी बात करते हैं लेकिन बस उतनी ही जितनी ज़रूरत होती है फिर साथ वालों से मराठी में शुरू हो जाओ तो मेरा काम धक्के खा-खा के जैसे-तैसे भी होता जा रहा है फिर मैंने मराठी सीखना शुरू कर ही दिया। साथ वालों से पहले खाने के बारे मे कुछ-कुछ शब्द सीखे। जैसे- खाना के लिए के लिए कैसे पूछते हैं, खाना बना है या नहीं, साथ वालों ने खा लिया क्या और भी बहुत कुछ।

यह बात ज़रूर है कि जैसे-जैसे मराठी समझ में आती गई, अच्छा लगने लगा। कुछ शब्द ऐसे भी हैं जो सिर्फ मराठी में ही अच्छे लगते हैं और वह आपको मराठी सीखने के बाद ही समझ में आएंगे। 

जब आप समय-समय पर अनन्त लाइनों में बढ़ते हैं,
जब तक पुरुष सांस ले सकते हैं या आंखें देख सकती हैं
इसलिए लंबे समय तक यह रहता है और यह आपको जीवन देता है।

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