किसान आंदोलन को लगभग 3 महीनों का समय हो गया है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। सड़के जाम हैं, रास्तें बंद हैं और किसान सड़कों पर सोने को मजबूर हैं।
जहां पूरे देश की निगाहें इसी पर टिकी हैं, वहीं अब इस मामले में विदेशों ने भी ट्विटर पर अपनी संवेदना व्यक्त की हैं फिर वो एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग हो या पॉप गायिका रिहाना हो। लेकिन दोनों के ही ट्वीट से ही मानों देश में विरोधों और आईटी सेल्स के गुस्से को बढ़ा दिया है।
तर्क-वितर्क का खेल और बाहरी संवेदना
रिहाना के ट्विट के बाद देश के बड़े नामचीन लोग जैसे सचिन तेंदुलकर, अजय देवगन, अक्षय कुमार और राजनेता अपने- अपने तर्कों के साथ विरोध को तैयार हो गए। रेहाना ने बीते मंगलवार को किसान आंदोलन के विषय में लिखा कि हम इस पर बात क्यों नहीं करते?
लगभग सभी लोगों ने रेहाना को जवाब देते हुए लिखा कि उन्हें अपने देश और कार्य से मतलब होना चाहिए तथा भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की उन्हें कोई आवश्यकता नहीं है। कंगना रनौत ने तो कड़े शब्दों में रेहाना को बेवकूफ लड़की तक करार दिया। इसके साथ ही लोग उनके पार्टनर के एक धर्म विशेष के साथ होने से ही ट्रोल करने लगे। तो वहीं कई लोगों ने कहा कि उन्हें ये ट्वीट करने के लिए पैसा दिया जा रहा है।
इस मामले में कई ऐसी बातें हैं जिन पर प्रकाश डालना ज़रूरी है। सबसे पहली बात है कि ट्विटर पर किसी वयक्तित्व के लिए इस तरह की टिप्पणी करने से पहले उसके विषय में पूरी जानकारी एकत्र करना बेहद आवशयक है और दूसरी बात ये भी है कि क्या रिहाना का ट्वीट भारत के आंतरिक मामले में दखलअंदाज़ी है?
रिहाना हैं कौन? हर तरफ हाहाकार क्यों मचा हुआ है?
बढ़ते हैं अपने पहले प्रश्न की तरफ कि रिहाना हैं कौन? रिहाना बारबाडोस की मूल निवासी हैं तथा पेशे से पॉप सिंगर हैं। जिन्हें ग्रेमी अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया है। फॉर्ब्स पत्रिका के 2019 के सर्वे के अनुसार वो सबसे धनी म्यूजिशियन थीं जिसके मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 4,400 करोड़ रूपए है। यही नहीं बल्कि रिहाना ने कोरोना काल के दौरान ज़रूरतमंदों की काफी सहायता भी की। ये जानकारी पहले प्रश्न का उत्तर हैं क्योंकि उनके ट्वीट के जवाब में लोगों ने उन्हें मूर्ख तथा पैसे के लिए ट्वीट करने का इल्ज़ाम लगाया है।
अब बारी आती है दूसरे प्रश्न की यानी क्या रिहाना का ट्वीट भारत के आंतरिक मामले में दखलअंदाज़ी है? रिहाना का इतिहास अगर उठा कर देखा जाए तो रिहाना लगभग हर सामाजिक विषय पर अपना पक्ष रखतीं हैं। यह कोई पहली दफा नहीं है जब रिहाना ने ट्वी़ट किया हो। ट्विटर पर 100 मिलियन फॉलोवर्स वाली रिहाना को प्रसिद्धी की क्या आवश्यकता? क्या एक ट्वीट मात्र से भारत के निजी मामल में दखलअंदाज़ी की गई? तो इसका जवाब है नहीं!
लोकतंत्र की पूजा करने वाले देश में अभिव्यक्ति की छिन्न-भिन्न होती आज़ादी
भारत विकासशील देशों की सूची में हर रूप में प्रथम स्थान पर आता है तथा वो भारत का अस्थायी सदस्य भी है। इसके साथ ही विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत आने वाले वर्षों में 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने का दमखम रखता है। पूरे विश्व की नज़रें भारत पर टिकी हैं इतना ही नहीं, भारत अपने मित्र देशों का वैक्सीनेशन में भी सहायता कर रहा है। ऐसे में भारत भी अमेरिका जैसे राष्ट्रों के समान पूरी दुनिया के सामने एक मुकाम पर खड़ा है ऐसे में आप यह कैसे मान सकते हैं कि भारत के मुद्दे पर बोलना उसके आंतरिक विषयों में दख़लअंदाज़ी है।
इतना ही नहीं हम ये भी भूल रहें हैं कि अमेरिका में चले #ब्लैकलाइफमैटर्स कैम्पैन में भारत ने भी साथ दिया तब क्या भारतवासियों से पूछा गया कि आंतरिक दखलअंदाज़ी क्यों? क्योंकि अमेरिका एक महाशक्ति है जिस पर सबकी निगाहें हैं। ठीक उसी प्रकार भारत भी एक महाशक्ति है जिसकी तरफ अन्य राष्ट्र निगाहें लिए खड़े हैं। तो यदि इस पर किसी का ट्वीट आया तो हर्ज़ ही क्या है? क्यों भारत के सेलेब एक साथ एक सुर में सवाल पूछने उतर आए हैं।
भारत सरकार को चाहिए कि किसानों का मसला हल कर जल्द ही शांति बहाल का प्रयास करना चाहिए। क्रिकेटर्स और फिल्मी सितारों के ट्वीट का अर्थ है एक मत बनाना कि सवाल पूछने वाला शख्स गुनहगार है। आवश्कयता है स्वंय के विवेक के आधार पर विचारों का निर्माण करने की।