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“शिवराज जी, हम स्टूडेंट्स के साथ नौकरी के नाम पर मज़ाक क्यों कर रहे हैं आप?”

बीते कई वर्षों से देश में बेरोज़गारी अपनी चरम सीमा पर है, शायद ही ऐसा कोई विभाग होगा जहां बेरोज़गारी का आलम ना हो। यदि हम छात्रों की बात करें, तो वे इस बेरोज़गारी से पूरी तरह त्रस्त हो चुके हैं। मध्य प्रदेश के फिशरीज़ कोर्स (BFSC) के सैंकड़ों छात्र पिछले कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर ना जाने कितने ही धरने प्रदर्शन कर चुके हैं और इसी के साथ-साथ सैंकड़ो प्रतिवदेन मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार को दे चुके हैं।

मैं आपको बताना चाहूंगा कि वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश की वर्तमान शिवराज सिंह की बीजेपी सरकार के द्वारा ही मध्य प्रदेश के पहले फिशरीज कॉलेज की स्थापना की गई थी। विगत कुछ वर्षों में अब तक 150 से ज्यादा छात्र कॉलेज से डिग्री प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन रोजगार की तलाश में जो भेदभाव फिशरीज के छात्रों के साथ हो रहा है, वह सीधा तौर पर हम छात्रों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से पीड़ा दे रहा है।

छात्रों का आरोप है की सरकार ने कॉलेज तो खोल दिया पर पर सरकारी नौकरी के नाम पर उनके साथ बस मजाक किया जा रहा है। सरकार के द्वारा एक तरफ जहां नाम मात्र की नियुक्तियां निकाली जाती हैं वहीं दूसरी तरफ उनमें से भी सरकार B.Sc वाले छात्रों को ज्यादा प्राथमिकता दे रही है।

पिछले 2 वर्षों में फिशरिज के छात्रों ने इसके सम्बन्ध में अपने हर मुमकिन प्रयास किये हैं, जिसकी शुरुआत नेताओं के घरों के चक्कर काटने से हुई फिर प्रतिवेदन फिर भी बात ना सुनी गई तो छात्र अनशन पर बैठ गए।

विवशता इतनी बढ़ गई कि छात्र अपने खून से सरकार को पत्र लिखने पर मजबूर हो गए। लेकिन इस गूंगी-अंधी-बहरी सरकार को ना कुछ दिखाई दिया ना कुछ सुनाई दिया।

कोरोना की महामारी के चलते फिशरिज छात्रों को अपना आंदोलन स्थगित करना पड़ा पर एक बार फिर अंधे प्रशासन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए छात्रों ने ट्विटर पर अपनी मांगों को ले कर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, छात्र लगातार मध्यप्रदेश सरकार से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।

मेरा यह लेख लिखने का एक मात्र उद्देश्य यह है कि शायद नेशनल मीडिया तक हम बेबश छात्रों की बात पहुंचे जिससे कोई तो इस राजतंत्र को खत्म करके प्रजातंत्र की बाते करे।

कोई तो छात्रों के हितों और उनके अधिकारों की बात करे या जनतंत्र में यूं ही नोटों से वोटों का खेल जारी रहेगा और सत्ता की इस भूख में हर वर्ग सरकार के लालच का शिकार होकर रह जाएगा।

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