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बागवानी/हॉर्टिकल्चर की पढ़ाई करने के बाद करियर की क्या संभावनाएं हैं?

बागवानी पौधों/फसलों के उत्पादन की विज्ञान और कला है। मोटे तौर पर इसमें फल, सब्जी, फूल, औषधीय और सुगंधित पौधों, मसाले तथा अन्य फसलों का उत्पादन और प्रबंधन शामिल है। खेती और बागवानी के अलावा इसमें संकर बीज उत्पादन, परिदृश्य प्रबंधन, उद्यान डिज़ाइन व छत बागवानी आदि भी शामिल हैं।

बागवानी प्रकृति से जोड़कर रखने के साथ अनगिनत अवसर भी प्रदान करता है

बागवानी पर्यावरण असंतुलन को दूर करने के लिए उपज, खाद्य सुरक्षा, पौधों की क्षमता की गुणवत्ता या पोषण मूल्य में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण विज्ञान है। बागवानी समृद्धि की एक छतरी है जो प्रकृति और मानव को भी समृद्ध करती है। आधुनिक विज्ञान होने के नाते, यह नए उद्यमियों के लिए अनगिनत व्यावसायिक अवसर प्रदान करता है।

बागवानी का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने के बाद, एक छोटे से निवेश के साथ आसानी से आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिन्हें बागवानी क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करने से पहले विचार किया जाना चाहिए।

बागवानी व्यवसाय शुरू करने के लिए भूमि प्रारंभिक आवश्यकता है। इसके लिए किसी भी स्थानीय व्यक्ति से पट्टे के आधार पर भुगतान करके भूमि के उपजाऊ क्षेत्र का लाभ उठाया जा सकता है। हाइड्रोपोनिक्स / पॉलीहाउस जैसे व्यवसायों को चलाने के लिए, भूमि की उर्वरता जरूरी नहीं है।

फसल और किस्म का चयन कृषि संबंधी स्थिति, सिंचाई, मिट्टी की स्थिति और बाज़ार की क्षमता के अनुसार होनी चाहिए।
अधिकांश बागवानी व्यवसाय आपको निश्चित अवधि के बाद लाभ देता है। कटाई से पहले की अवधि तक व्यवसाय में लगातार निवेश की आवश्यकता होती है। इसलिए एक अच्छी वित्तीय योजना होनी चाहिए।

बाज़ार की मांग की पहचान इस व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। आपको उस उत्पाद को विकसित करना होगा जिसकी मांग स्थानीय या अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अधिक हो। खेती के आधुनिक उपकरणों एवं तकनीकों के प्रयोग से आप श्रम लागत को कम कर सकते हैं।

बागवानी में करियर स्कोप

बागवानी के विद्यार्थी विभिन्न व्यवसायों में करियर बना सकते हैं। जिनमें उर्वरक व्यवसाय, वाणिज्यिक खेती एवं मधुमक्खी पालन व्यवसाय आदि प्रमुख करियर विकल्प हैं। बागवानी के छात्रों के लिए मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में  नौकरियां  उपलब्ध हैं-

वर्मीकम्पोस्ट जैविक उर्वरक उत्पादन, सूखे फूल का व्यवसाय, उर्वरक वितरण व्यवसाय, ऑर्गेनिक फार्म ग्रीन हाउस, मशरूम की खेती का व्यवसाय, हाइड्रोपोनिक रिटेल स्टोर, मधुमक्खी पालन व्यवसाय, फलों और सब्जियों का निर्यात, वानस्पतिक कीटनाशक उत्पादन, लैंडस्केप विशेषज्ञ, औषधीय जड़ी-बूटी की खेती, मृदा परीक्षण लैब, एग्रो-फार्मिंग ब्लॉगिंग आदि।

इच्छुक छात्र एसजीटी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संकाय में हॉटिकल्चर/बागवानी के पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकते हैं। यह दिल्ली एनसीआर में स्थित सबसे तेजी से उभरते विश्वविद्यालयों में से एक है। जिसके कृषि विज्ञान संकाय /Faculty of Agricultural Sciences (FASC) के अंतर्गत विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रमों का संचालित होते हैं।

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