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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)  – भविष्य की शिक्षा का एक नया दौर

हम कंप्यूटर और मानवता के बीच संवाद के लिए तैयार होना चाहते हैं” – स्टीव जॉब्स

उन दिनों को कौन भूल सकता है जब एक बार हमने अपने स्कूल के शिक्षकों के बारे में शिकायत की थी कि वे कुछ विशेष बच्चों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया रखते हैं?  हमने उन बच्चों को शिक्षकों का पालतू कहा था। हमारे स्कूल दिनों की यादें ऐसे ही अनेक खट्टे-मीठे अनुभवों से भरी हुई हैं।

हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अथवा AI  यह सब कुछ बदलने जा रहा है।

आइए समझते हैं AI वास्तव में है क्या?

गूगल (Google) इसे कंप्यूटर विज्ञान का एक युग मानता है जो मानव बुद्धि की तरह काम करने वाली मशीनों से संबंधित है। हाल के दिनों में AI हमारे वर्तमान शिक्षा परिदृश्य में आवश्यक बदलाव कर रहा है। यह बदलती तकनीक से शिक्षा प्रणाली को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है।

एक शिक्षक को कक्षा के प्रत्येक बच्चे को संभालने व देख-रेख की जिम्मेदारी होती है, जो किसी भी एक व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल काम होता है। लेकिन AI की सहायता से यह मुश्किल काम आसान हो जाता है। एआई तकनीक में काम के एक बड़े क्षेत्र को सरलता से संभालने की क्षमता होती है, इसलिए इस तकनीक को छात्रों और शिक्षकों आदि को समझना एवं इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना महत्वपूर्ण हो जाता है। इंजीनियरिंग के कुछ सर्वश्रेष्ठ कॉलेज छात्रों के भविष्य निर्माण के लिए एआई के कोर्स संचालित करते हैं।

यह कैसे काम करता है?

मशीन लर्निंग टूल्स आसानी से डेटा मैनेज कर सकते हैं। यह त्रुटियों और धोखाधड़ी का पता लगा सकता है। एआई एल्गोरिदम  (AI algorithms)  का उपयोग स्कोरिंग और फूल-प्रूफ रिजल्ट तक पहुंचने के लिए किया जा सकता है। इसका प्रयोग जटिल गणना करने और परिदृश्य -आधारित सिमुलेशन बनाने में भी किया जा सकता है। संक्षेप में कहें तो यह एक मशीन लर्निंग टूल है, जो मानव प्रयासों के साथ मिलकर सटिक एवं सही आउटकम देता है।

शिक्षा क्षेत्र में एआई (AI) का भविष्य

कुछ विद्वानों में संशय ​​है कि AI तकनीक  इंसानों पर अधिकार कर लेगी। जबकि कुछ अन्य विद्वानों का मत ​​है कि एआई फुल-प्रूफ नहीं है क्योंकि इसमें मानवीय भावनाएं नहीं हैं जिससे इसका किसी से भावनात्मक लगाव हो ही नहीं सकता।

जबकि एआई (AI) विशेषज्ञ इससे अलग राय रखते हैं, भावनाओं को पढ़ने की संदर्भ में उनका कहना है कि जैसे – एक चित्रकार समान कलाकृतियों का पता लगाने के लिए  AI तकनीक की सहयता लेता है, यह एआइ तकनीक की अभिव्यक्ति पढ़ने में सक्षम होने के कारण ही सम्भव होता है । साथ ही आंकड़े भी एआइ के पक्ष में हैं।

मिसाल के तौर पर अमेरिका में जहां एक ओर 16% नौकरियां मशीन तकनीक की वजह से चली गई वहीं  दूसरी ओर देखें तो पिछले वर्ष 13.6 मिलियन नई जॉब्स क्रिएट हुई हैं। साथ ही शिक्षा क्षेत्र में  AI जल्द ही मानवीय अभिव्यक्तियों को भी पढ़ने में सक्षम होगा है।

उनका मानना है कि एआइ शिक्षण में भी मानवीय पक्ष बना रहेगा, बस आवश्यकता है व्यवस्था के पुनर्गठन की। शिक्षा क्षेत्र में एआई और एआई से संबंधित उपकरणों को शामिल करके, हम खुद को तकनीकी रुप से और मजबूत कर सकते हैं। जैसा कि एक प्रसिद्ध कथन है ‘केवल परिवर्तन ही स्थायी है’ ठीक वैसे ही यह भी एक परिवर्तन है जो हम सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण सहायक होगा।

भविष्य के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखने के लिए भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग विश्वविद्यालयों में से एक एसजीटी विश्वविद्यालय से आप AI का कोर्स कर सकते हैं।

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