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समाज में आमजनमानस की समानता की सहभागिता के लिए पहल मजदूर पर्चा

समाज में आमजनमानस की समानता की सहभागिता के लिए पहल मजदूर पर्चा

अखबार या कोई पत्रिका या इलेक्ट्रोनिक या प्रिंट मीडिया जनता की समस्याओं को देश की सत्ता पर काबिज हुक्मरानों तक पहुंचाने का काम करते हैं, लेकिन ऐसे कितने अखबार या पत्रिकाएं हैं? जो किसी मंत्री की छींक आने तथा अमीरों को बिज़नेस में हुए घाटे को छोड़कर आम जनता की गरीबी, भुखमरी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य, रोज़गार तथा निजीकरण जैसी समस्याओं को मुख्य खबरों या फ्रंट पेज में शामिल करते हैं।

कारखानों में अमीरों द्वारा मुनाफा कमाने की हवस में मजदूरों की मेहनत की लूट करना तथा खेतों में परिवार के लिए भरपेट भोजन ना जुटा पाने के कारण किसानों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें अब अखबारों या टीवी के कोनों में सिमट कर रह गईं हैं।

असमानता की व्यवस्था को समानता में परिवर्तित करना 

वर्तमान में सत्ता की व्यवस्था मेहनतकश जनता की लूट के बलबूते पर कायम है। जिसके कारण सम्पूर्ण देश के अधिकतर संसाधनों पर मुट्ठी भर लोगों का कब्ज़ा होना तथा व्यापक जनता को संसाधनों से वंचित करना है। जिससे पूरे देश में गैर-बराबरी लगातार बढ़ रही है। यह व्यवस्था मेहनतकश जनता को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित करके तथा उनका दमन करके ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफा हासिल करना चाहती है।

समाज में मुट्ठी भर अमीरों द्वारा बहुतायत जनता का शोषण को खत्म करने, अंधविश्वास और पाखंड को दूर करने के लिए, गैर-बराबरी को हटाकर उनके अधिकारों को लागू करवाने, मालिकों द्वारा मजदूरों के शोषण को रोकने तथा एक नया खुशहाल समाज बनाने के उद्देश्य को लेकर हम एक अखबार शुरू कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य सभी मजदूरों को उनके बुनियादी अधिकारों को हासिल करने में सहायता देना है।

मजदूर पर्चा अखबार के लोकहित एवं आमजन के लिए उद्देश्य 

इस अखबार का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त अमीरी-गरीबी को जड़ से खत्म करना, आमजनमानस को सही-गलत की पहचान कराना और अन्याय के खिलाफ एकता कायम करने की लड़ाई में साथ निभाना है। मजदूरों का  समय पर वेतन ना मिलना, कंपनी मालिकों द्वारा उन्हें मनमर्जी से निकालना, जबरदस्ती बिना अतिरिक्त पैसे दिए ओवरटाइम करवाना बाद में उसकी दोगुनी दर ना देना, न्यूनतम मजदूरी प्राप्त ना होने जैसी समस्याओं को प्राथमिकता देकर उसके समाधान की हर संभव कोशिश करने के लिए प्रतिबद्ध रहना है।

हम आजीविका चलाने के लिए पर्याप्त मजदूरी ना मिलने पर भी कष्ट झेलते हुए मेहनत करने वाली जनता से अपील करते हैं कि आपसी मतभेद भुलाकर एकता कायम करते हुए मुनाफा लूटने वाले वर्ग के खिलाफ मोर्चा खोलें ताकि मजदूरों के लिए अभिशाप इस असमानता की व्यवस्था को खत्म करके एक नई व्यवस्था का सूत्रपात किया जा सके।

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