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इंजीनियरिंग के लिए मैथ्स, फिजिक्स जरूरी नहीं: एआईसीटीई

इंजीनियरिंग के लिए मैथ्स, फिजिक्स जरूरी नहीं: एआईसीटीई

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। तकनीकी शिक्षा की नियामक संस्था ने यूजी कोर्स के पात्रता की शर्तों में बदलाव करते हुए भौतिकी (फिज़िक्स) और गणित (मैथ) की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। यानी अब 12वीं अथवा समकक्ष परीक्षा में गणित और भौतिकी ना लेने वाले छात्र भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे।

इससे पहले बी.टेक या बी.ई में प्रवेश पाने के लिए 12वीं कक्षा में मैथ्स और फिजिक्स विषय का होना जरूरी था। विविध पृष्ठभूमि से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों का मार्ग सुगम बनाने हेतु किया गया,  संसोधन एआईसीटीई इसी वर्ष से लागू कर सकती है।

AICTE के नियमों के अनुसार विषय चयन 

नए नियमों के मुताबिक अब इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन के लिए छात्रों को निम्न में से किसी तीन विषयों के साथ 12वीं की परीक्षा उतीर्ण करनी होगी।
भौतिकी
●गणित
● रसायन विज्ञान
●कंप्यूटर विज्ञान
●इलेक्ट्रॉनिक्स
●सूचना प्रौद्योगिकी
●जीव विज्ञान
●इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस
●जैव प्रौद्योगिकी
●तकनीकी व्यावसायिक विषय
● एग्रीकल्चर
●इंजीनियरिंग ग्राफिक्स
●व्यावसायिक अध्ययन ●आंत्रप्रेन्योरशिप

AICTE द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों अनुसार 

AICTE द्वारा जारी दिशानिर्देश हैंडबुक के मुताबिक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को इंजीनियरिंग में दाखिला पाने के लिए 12 वीं में न्यूनतम 45 प्रतिशत वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक अर्जित करने होंगे। हैंडबुक के अनुसार सम्बन्ध विश्वविद्यालय विविध पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए मैथेमेटिक्स और फिज़िक्स जैसे विषयों में ब्रिज कोर्सेज का प्रबंध करेंगी, जिससे कि इंजीनियरिंग डिग्री के निर्धारित लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।

भारत में नई तकनीकी संस्थाएं शुरू करने, नए पाठयक्रम शुरू करने और तकनीकी संस्थाओं में प्रवेश-क्षमता में फेरबदल करने हेतु अनुमोदन देने वाली संस्था एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह फैसला हाल ही में जारी नई शिक्षा नीति के अनुरूप कोर्सेज के बीच फ्लेक्सिब्लिटी प्रदान करने में सहायक होगा।

हालांकि, विशेषज्ञों ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि 12 वीं में मैथ्स और फिजिक्स जैसे विषय अभियांत्रिकी की पढ़ाई के लिए आधारशिला तैयार करते हैं और इन्हें वैकल्पिक बनाना इंजीनियरिंग संस्थाओं की गुणवत्ता पर बड़ा असर डाल सकता है।

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