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बिहार में सुशासन की आड़ में हो रहा है प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला

बिहार में सुशासन की आड़ में हो रहा है प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला

बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना में बडा घोटाला सामने आया है। नीतीश सरकार ने  SC/ ST के हिस्से के 2421 करोड़ रुपए को जनरल कैटेगरी पर खर्च किया और SC /ST  समुदाय को इस आवास योजना से वंचित रखा।

भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से संबंधित आंकड़ों के लिए हमने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के समक्ष आरटीआई दायर की थी, जिसका जवाब 17 फरवरी 2021 को भारत सरकार ने हमें दिया।

क्या कहते हैं प्रधानमंत्री आवास योजना पोर्टल के आंकड़े?

भारत सरकार ने अपने जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से संबंधित कैटेगरी वार लाभार्थियों की संख्या प्रधानमंत्री आवास योजना पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है, तदुपरांत हमने पीएम आवास पोर्टल से लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त की।

                                                                                               BIHAR
SCHEDULED CASTE SCSCHEDULED TRIBES ST
YEARReg.SanctionCompletReg.SanctionComplet
2018-19525008000
2019-201176139177527
2020-2171001000
TOTAL71361391077527
DATA: PMAY G Portal  Ministry of Rural Development Govt.of india
                                                                                                   ALL INDIA
SCHEDULED CASTE SCSCHEDULED TRIBES ST
YEARReg.SanctionCompletReg.SanctionComplet
2018-19627412709726613439741340659816579033
2019-2077390684343256565610771391266291850794
2020-216409905910031598353269951736217194
TOTAL204230821441611195078235117824434691447021
DATA: PMAY G Portal  Ministry of Rural Development Govt.of india

 

प्रधानमंत्री आवास पोर्टल के अनुसार पिछले 3 वर्षों में 2018-19 से  2020-21 तक बिहार में मात्र 61 अनुसूचित जाति और 75 अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ मिला है। यदि हम इस लाभ को रुपए में देखें तो 3 वर्षों में 136 लोगों को कुल 2.04 करोड़ रुपए मिले हैं। 

योजना के इन आंकड़ों को देखकर हमें घोर आश्चर्य हुआ, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के  दिशानिर्देश कहते हैं कि इस योजना के कुल बजट का 60% हिस्सा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आवंटित है और इस योजना में बने 60% आवास भी SC/ ST समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले व्यक्तियों को ही मिलने चाहिए।

 सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में कितना पैसा आवंटित हुआ?

अब हमारे समक्ष मुख्य सवाल यह था कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से  2020-21 के बीच में अनुसूचित जाति सब प्लान SCSP तथा ट्राइबल सब प्लान TSP  के तहत बिहार को भारत सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए कितना पैसा मिला ?

YEARSCSP Fund TO BIHAR under PM Awas Yojna Gramin
2018-191354.8073 Crores
2019-20749.407 Crores
2020-2139.5932 Crore
TOTAL2143.8075  Crores
DATA:DAPSC SCSP Portal  Ministry of Social Justice & Empowernment Govt. of   india
YEARTSP Fund TO BIHAR under PM Awas Yojna Gramin
2018-19161.28 Crores
2019-20116.86 Crores
2020-210
TOTAL278.14 Crores
DATA:TSP Portal  Ministry of tribal Affairs    Govt. of   india

 

इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमने SCSP TSP फंड के संचालन हेतु सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के पोर्टल से जानकारी प्राप्त की और उसके अनुसार पिछले 3 वर्षों 2018-19 से 2020-21 में बिहार को कुल 2143.80 करोड रुपए और TSP फंड से  278.14 करोड रुपए  PMAGY के लिए मिला है।

उपरोक्त तथ्यों से यह प्रमाणित होता है हजारों करोड़ रुपए दलित और आदिवासी जो आवास विहीन हैं, उनको आवास देने के लिए भारत सरकार ने बिहार सरकार को दिए, परंतु बिहार सरकार ने उसका लाभ बिहार के दलित/ आदिवासी लोगों को ना देकर वह लाभ जनरल श्रेणी से सम्बन्ध रखने वाले व्यक्तियों को लोगों को दिया है। यह देश के SC/ ST एवं आदिवासी समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले लोगों के नाम पर हजारों करोड रुपए के भ्रष्टाचार का अत्यंत गंभीर मामला है।

 बिहार में SC/ ST समुदाय के व्यक्तियों के अधिकारों का हो रहा हनन

बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत SC/ ST को उनके आवास के अधिकार से वंचित करने की यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यह हाल तब है, जब बिहार मे लाखों की संख्या में  SC/ ST समुदाय के लोग भूमिहीन हैं, जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है और वे लोग खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं। फर्स्टपोस्ट और द हिंदू इत्यादि अखबारों की रिपोर्टें इन तथ्यों को  प्रमाणित करती हैं।

यहां पर यह भी जानना जरूरी है कि यह SCSP  TSP फंड क्या है? जिसमें भारत सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है तो यह भारत सरकार के द्वारा चलाई गई योजना है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक राज्य सरकार को  SC /ST समुदाय के जनसंख्या के अनुपात में उनके कल्याण के लिए विभिन्न विभागों के अंतर्गत बजट का प्रावधान करना पड़ता है।

बिहार सरकार की सुशासन की नीतियों पर उठ रहे हैं सवाल

योजना आयोग और भारत सरकार के SCSP TSP के दिशानिर्देश अनुसार यह पैसा केवल और केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर खर्च किया जा सकता है। इस पैसे को किसी भी परिस्थिति में गैर अनुसूचित जाति पर खर्च नहीं किया जा सकता है। आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में उक्त फंड का दुरुपयोग करना कानूनी अपराध है।

अब सवाल उठता है कि जब भारत सरकार और योजना आयोग का दिशा निर्देश SCSP TSP फंड का डायवर्जन करने से रोकता है तो फिर नीतीश कुमार की सरकार ने SCSP TSP फंड का पैसा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गैर अनुसूचित जाति पर पैसे कैसे खर्च किए ?

एक सवाल यह भी है कि क्या बिहार के  SC/ ST समुदाय के सभी लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल गया है? क्या बिहार में SC/ ST समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले लोग नहीं हैं? जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है? और सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि बिहार में SC/ ST समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के योग्य नहीं हैं तो उनके नाम पर फंड का आवंटन और उसका खर्च जनरल कैटेगरी पर क्यों किया जा रहा है?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के नेताओं खासकर के उनके दलित विधायकों और मंत्रियों को इसका जवाब देना चाहिए कि बिहार के दलितों आदिवासियों को पिछले 3 वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित क्यों किया गया?  SC/ ST समुदाय के पैसे को जनरल कैटेगरी पर क्यों खर्च किया गया?

 

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