अभी मैं 31 साल की हूं। आमतौर पर इस उम्र तक अधिकतर लड़कियों की शादी हो जाती है लेकिन मेरे मामले में हालात कुछ अलग थे। घर की कुछ दिक्कतों और अपने करियर पर ध्यान देने की वजह से मैंने शादी के बारे में बहुत सीरियसली नहीं सोचा।
इसका एक कारण यह भी है कि मैं मानती हूं जब तक आपको एक ऐसा व्यक्ति न मिल जाए जिसे आपसे प्यार हो और वह आपकी कमियों के साथ आपको स्वीकार करे, तब तक सिर्फ समाज के दबाव में आकर शादी नहीं करनी चाहिए।
मेरे बहुत से दोस्त हैं जिनमें लड़कियां और लड़के दोनों हैं। ये दोस्त समय-समय पर मेरी हर प्रकार से मदद करने को भी हाज़िर रहते हैं। मगर करीब दो साल पहले मुझे ऐसा महसूस होने लगा कि मुझे एक ऐसे साथी की ज़रूरत है जिसके साथ मैं आगे की पूरी ज़िंदगी गुज़ार सकूं लेकिन मेरे लिए ऐसे साथी की तलाश करना बहुत मुश्किल था क्योंकि मैं चाहती थी कि मेरा पार्टनर किसी अन्य क्षेत्र से हो।
वह मेरे दोस्तों में से भी न हो। बल्कि कोई ऐसा हो जिसके साथ मैं एकदम नए सिरे से बातचीत शुरू कर सकूं। इस सिलसिले में मुझे मेरे दो-तीन दोस्तों की याद आई जिन्होंने साथी की तलाश करने के लिए डेटिंग एप की मदद ली थी।
उनके कहने पर ही मैंने भी एक डेटिंग एप पर अपना प्रोफाइल बना लिया। इस एप पर विकल्प दिए गए थे कि आप अपनी प्रोफाइल में लिख सकें कि आप क्या ढूंढ रहे हैं? इनमें शॉर्ट टर्म डेटिंग, लॉन्ग टर्म डेटिंग, हुकअप और न्यू फ्रेंड के विकल्प थे। मैंने लॉन्ग टर्म रिलेशन लिखा। साथ ही ये भी लिखा कि मैं कोई ऐसा व्यक्ति तलाश रही हूं, जिससे शादी कर सकूं।
यहां मुझे कई प्रकार के लड़के मिले। कुछ ऐसे जो गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप की वजह से यहां थे। कुछ ऐसे जिनको सिर्फ किसी लड़की से बात करने में रुचि थी और वो किसी प्रकार का लॉन्ग टर्म रिलेशन नहीं चाहते थे।
कुछ ऐसे जो किसी महिला मित्र की तलाश कर रहे थे और कुछ को केवल सेक्स चैट करनी थी। वहीं कुछ ऐसे लोग भी मिले जो शादीशुदा थे और अपनी पत्नी के साथ खुश नहीं थे या सिर्फ यूं ही अपनी पत्नी को बिना बताए किसी अनजान लड़की से बात करके मज़े लेना चाहते थे।
ज़ाहिर सी बात है मैंने इस प्रकार के लोगों से बातचीत आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। मैं क्या ढूंढ रही थी यह मेरे लिए स्पष्ट था लेकिन कुछ महीने तक डेटिंग एप का इस्तेमाल करने पर भी मुझे कोई ढंग का इंसान नहीं मिला। ज़्यादातर ऐसे लोग मिले जिन्हें यह तक तमीज़ नहीं थी कि एक महिला से बात कैसे की जाती है?
फिर एक दिन मुझे एक लड़के ने मेसेज किया जिसने अपने प्रोफाइल में काफी विस्तार से सभी सवालों के जवाब दिए थे। मेरी उससे बातचीत शुरू हुई और मुझे लगा कि शायद वह मेरे लिए ठीक है। बहुत सीरियस पलों के समय भी वह मुझे हंसा देता था और सामाजिक मुद्दों को लेकर उसका नज़रिया भी मुझे काफी पसंद आया। मैंने उसे अपना नंबर भी दे दिया और हमारी नियमित बातें होने लगीं।
हमारी बातें मेसेज, ऑडियो और वीडियो कॉल के द्वारा होने लगीं। धीरे-धीरे मैं उससे भावनात्मक रूप से जुड़ गई और मैंने उससे भी पूछा कि क्या मैं भी उसे पसंद हूं? उसने हर बार हां में जवाब दिया लेकिन शादी की बात पर उसने कभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
यही नहीं! जब भी मैंने उससे मिलने को कहा तो उसने यही कहा कि वीडियो कॉल तो है ही, मिलने की क्या ज़रूरत? तब मैं उसकी बातों पर भरोसा करके उससे बात करती रही। करीब तीन-चार महीनों की नियमित बात के बाद एक दिन मैंने उससे स्पष्ट तौर पर पूछा कि वह क्या चाहता है मुझे साफ-साफ बताए? उसने कहा कि वो मुझसे शादी नहीं करेगा।
मैंने उससे कारण पूछा तो उसने कोई कारण नहीं बताया। मैंने उससे ये भी पूछा कि क्या वो पहले दिन से ही इस बात को लेकर स्पष्ट था कि वो मुझसे शादी नहीं करेगा? इस पर उसने हां में जवाब दिया और यह भी कहा कि यूं ही राइट स्वाइप हो गया तो उसकी मुझसे बात होने लगी और उसने सोच-समझकर मुझसे बात शुरू नहीं की।
मैं इन बातों से बहुत आहत हुई क्योंकि उसने मुझे अंधेरे में रखा। उसने ये कभी नहीं कहा कि वो लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप नहीं चाहता। उसकी जिस बात से मैं सबसे ज़्यादा आहत हुई वो ये कि उसने मुझसे कहा कि मैं नॉर्मल लड़कियों की तरह अरेंज्ड मैरिज कर लूं। उसकी इस बात पर मैं बहुत नाराज़ हुई और मैंने उससे कहा “डेटिंग एप इस्तेमाल करना केवल मर्दों का ही हक नहीं है।”
मैं उसके इस व्यवहार से काफी दुखी हुई और भावनात्मक रूप से काफी अस्थिर भी हो गई। मुझे इस घटना से उबरने में काफी वक्त भी लग गया। हालांकि, कुछ महीनों बाद मैंने खुद को संभाल लिया और यह सोचकर कि मुझे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और फिर से उसी डेटिंग एप पर प्रोफाइल बनाया।
कुछ दिन के बाद एक लड़के का मैसेज आया। उसने मैसेज में लिखा था कि अगर मैं सीरियस रिलेशनशिप चाहती हूं तब हम बात कर सकते हैं। मैंने हां में जवाब दिया और हमारी बातें शुरू हो गई। मैं एक बार धोखा खा चुकी थी इसलिए मैंने इस बार उसके साथ अपना नंबर शेयर नहीं किया और एक एप जिस पर मैसेजिंग और कॉलिंग दोनों फ्री थीं उसी से हम दोनों बात करने लगे।
शुरू के एक महीने बहुत अच्छे चले। यह लड़का भी मेरी तरह साहित्य में रुचि रखता था। इसके अलावा और भी बहुत से मुद्दों पर हमारे विचार एक जैसे थे। उसने मुझसे कहा कि अगर मैं उसे पसंद आई तो हम शादी करेंगे। मैंने भी उसे यही कहा “मैं भी शादी के उद्देश्य से ही किसी को ढूंढ रही हूं।”
एक दिन बातों ही बातों में मैंने उसको बताया कि वो मुझे सही लग रहा है और अगर वो भी मुझे पसंद करता हो तो हम अपने घरवालों से बात कर सकते हैं। इस पर उसने कहा कि मुझे समझने में थोड़ा और वक्त ले लो। मैंने उससे यह भी कहा कि वो चाहे तो हम वीडियो कॉल भी कर सकते हैं।
इससे उसे मेरा स्वभाव समझने में मदद मिलेगी लेकिन इस बात के जवाब में हर बार उसने यही कहा कि कल करूंगा। मगर उसका कल कभी नहीं हुआ। जिस दिन उसने मुझे ये मैसेज किया कि वो मुझे पसंद करता है उसके एक-दो दिन बाद वह पूरी तरह गायब हो गया।
मैं बहुत परेशान हो गई और मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि मैं उसे कहां ढूंढू? मुझे ये भी चिंता होने लगी कि कहीं वो बीमार न हो या फिर उसके साथ कोई दुर्घटना न हो गई हो? उसने मुझे न तो अपना कांटैक्ट नंबर दिया था न ही फेसबुक आईडी। जिस दिन से मुझे उसका स्वभाव ठीक लगने लगा था मैंने डेटिंग एप पर अपना प्रोफाइल डिलीट कर दिया था और मैं पूरे समर्पण से केवल उससे ही बात कर रही थी। मैंने उसे भी ये बात बताई थी।
साथ ही साथ उससे यह भी पूछा था कि अगर उसे मुझसे बेहतर कोई लड़की मिल गई तो वो क्या करेगा? इस पर उसका जवाब था कि “जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो किसी और लड़की से क्यों करूंगा?” साथ ही उसने ये भी बोला कि “वह भी अपना प्रोफाइल डिलीट कर देगा क्योंकि मुझसे बात हो ही रही है।”
मगर जब लगभग एक हफ्ते तक उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो मैंने उसी डेटिंग एप पर एक फेक प्रोफाइल बनाया और थोड़ी मेहनत करने पर मुझे उसका प्रोफाइल मिल गया। मैंने एक अनजानी लड़की बनकर उसको मैसेज किया कि मैं सीरियस रिलेशनशिप ढूंढ रही हूं। अगर उसकी इसमें रुचि हो तो हम बात कर सकते हैं।
उसने मुझे जवाब दिया कि हां वह भी सीरियस रिलेशनशिप ढूंढ रहा है। मैंने उससे पूछा कि अभी तक उसे इस एप पर कोई ठीक-ठाक लड़की नहीं मिली क्या? तब उसने मुझे जवाब दिया कि कुछ लड़कियों से बात हुई मगर वर्क आउट नहीं हुआ। इस तरह मुझे समझ आया कि उसने मुझसे कहा कुछ और किया कुछ और!
एक तरफ उसने मुझसे कहा कि वह किसी और लड़की से बात क्यों करेगा जबकि मुझसे बात हो ही रही है? मगर दूसरी तरफ वह नई लड़कियों से बातें करता रहा। मैं समझ गई कि वह भी मुझे लेकर सीरियस नहीं है। इन दोनों अनुभवों ने मुझे भावनात्मक रूप से काफी प्रभावित किया।
मुझे अब ऐसा लगता है कि अगर सच में मुझे कोई अच्छा इंसान मिल भी गया तब भी मैं शायद भरोसा करने में हिचकिचाऊंगी। इसके अलावा मैं ये भी मानती हूं कि नापसंद करने का अधिकार हर इंसान को है लेकिन तब, जब आप किसी को लेकर दुविधा में हों?
मगर यदि आपके इरादे उसके इरादे से मेल नहीं खाते हों तब झूठ का सहारा लेकर उससे बात नहीं करनी चाहिए। मसलन अगर कोई सीरियस रिश्ता ढूंढ रहा है और आप टाइमपास के लिए किसी से बात करना चाहते हो तब आपको कोई हक नहीं कि सीरियस रिश्ता ढूंढने वाले से झूठ बोलें। झूठ कि मैं भी सीरियस रिश्ता ढूंढ रहा हूं कहकर बात करो।
मैं ये भी मानती हूं कि ऊपर जिन दो लड़कों के बारे में मैंने लिखा है उन्होंने मेरे साथ जो किया वह एक तरह का धोखा ही था। किसी को स्पष्ट तौर पर कुछ न बताना और उसे खुद से भावनात्मक रूप से जुड़ने देना धोखे जैसा ही है।
कुल मिलाकर इन डेटिंग एप पर मिले लोग आपके लिए एकदम अजनबी होते हैं इसलिए बहुत फूंक-फूंककर कदम रखने की ज़रूरत होती है। खासकर किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि वह इंसान आपको दुख नहीं पहुंचाएगा और अगर आप शादी के स्तर तक सोच रहे हैं तब बेहतर होगा कि उस व्यक्ति से कई बार मिलकर ही ऐसा कुछ फैसला कीजिए।
हालांकि सच तो यह है कि जिसे धोखा ही देना होगा वो धोखा देगा ही। हमें सिर्फ इस बात का ध्यान देना होगा कि जैसा हमारे साथ हुआ वैसा हम किसी और के साथ ना दोहराएं क्योंकि मेरा मानना है कि किसी का दिल दुखाना भी एक तरह का गुनाह ही है।
रूबी फ्रीलान्सर के रूप में काम करती हैं ।
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