यह कहना गलत नहीं होगा कि कभी अगर भारत के सबसे चर्चित प्रधानमंत्रियों पर किताब लिखी गयी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र कुछ पहले पन्नों में ही होगा। पत्रकारिता और पब्लिक रिलेशन में काम करने के अपने अनुभव से मैं ये कह रहा हूं।
प्रधानमंत्री का पॉलिटिकल इंटरेस्ट एकदम साफ दिख जाता है
जब भी पीएम मोदी की पब्लिक अपीयरेंस होती है, लाइव शो, इंटरव्यू या कोई सोशल मीडिया पोस्ट, सब में उनका पॉलिटिकल इंटरेस्ट साफ होता है। खास बात ये कि वो बेहद लोकल होता है, जो ठीक उन्हीं व्यक्तियों तक पहुंचता है जिन तक वो पहुंचाना चाहते हैं। उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी के वैक्सीन लेने का। उन्होंने सोमवार की सुबह कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली।
इस पूरे नॉर्मल इवेंट में भी एक पॉलिटिकल कनेक्शन है। जो कि सीधा असम, केरल और पुड्डुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। यूं कहें, तो पीएम मोदी ने वैक्सीन के साथ-साथ असम, केरल और पुड्डुचेरी में अपने पोलिटिकल इंटरेस्ट को भी साफ दर्शाया है। तीन बार अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने कहा है “राजनीति में कुछ भी संयोग नहीं होता। यदि ऐसा होता है, तो आप शर्त लगा सकते हैं कि यह उस तरह से नियोजित था।”
वैक्सीन की खुराक और तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव का कनेक्शन
इस पूरे घटनाक्रम में तीन पोलिटिकल कनेक्शन आप देख सकते हैं। उनकी तस्वीर को ध्यान से देखें। दिल्ली स्थित एम्स में अपनी पहली वैक्सीन खुराक लेने पहुंचे पीएम मोदी ने सफेद कुर्ते पर एक गुलाबी-लाल गमछा डाला हुआ था। ये गमछा असम की महिलाओं की तरफ से आशीर्वाद का प्रतीक है। एम्स में काम करने वाली पुडुचेरी की नर्स पी निवेदा ने प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी है।
इसके अलावा दूसरी मेडिकल स्टाफ के तौर पर केरल की रोसम्मा अनिल वहां मौजूद रही। इन दोनों ही नर्स का कहना है कि उन्हें सुबह ही मालूम चला था कि पीएम मोदी को वैक्सीन लगानी है। इस पूरी घटनाक्रम में बिना चुनावों का ज़िक्र किये ही तीनों राज्यों में पीएम मोदी ने अपने टारगेट ऑडिएंस से पर्सनल कनेक्ट स्थापित कर लिया।
साथ ही ये बता दिया कि वे इन राज्यों का आदर करते हैं और इन राज्यों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव अवसर प्रदान करना चाहते हैं।
महिला वोटर्स तक भी पहुंचने की कोशिश
पीएम मोदी का नर्स निविदा से टीका लगवाना और रोसम्मा का मौजूद रहना भी अपने आप में दिलचस्प है। दरअसल इसके ज़रिये उन्होंने महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया और महिला वोटरों को भी टारगेट किया। पीएम मोदी इस बात से वाकिफ हैं कि इन तीनों ही राज्यों में महिला वोटर निर्णायक भूमिका निभाती हैं। इन राज्यों में महिला वोटर करीब 50 प्रतिशत हैं। पुडुचेरी में तो इससे भी अधिक।
यहां कुल 10 लाख वोटरों में 5.3 लाख महिलाएं हैं। वहीं केरल में कुल 2.6 करोड़ वोटरों में 1.3 करोड़ महिलाएं हैं, जबकि असम में कुल 2.2 करोड़ वोटरों में से 1.3 करोड़ महिलाएं हैं।
ज़ाहिर है पीएम मोदी की इस ब्रांडिंग ट्रिक पर खासा चिंतन किया गया होगा। इससे पहले भी पीएम मोदी व अन्य नेता राज्यों के हिसाब से लोकल वेशभूषा और भाषा को अपने सम्बोधन में अपनाते आये हैं। फिलहाल पीएम मोदी का इन तीनों राज्यों के प्रति पॉलिटिकल इंटरेस्ट क्या जनता को इंटरेस्ट कर पाएगा ये एक अलग विषय है। मगर पीएम मोदी की पीआर को लेकर समझ और मौके की परख, उनके विरोधियों की डगर और कठिन कर रहा है।