भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी-20 मैचों की सीरीज में 3-2 से शानदार जीत हासिल की है। सीरीज के अंतिम और निर्णायक मुकाबले में टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 224 रनों का विशाल स्कोर बनाया और फिर उसके बाद मेहमान टीम को बेहतरीन शुरुआत के बावजूद भी 188 रनों पर रोक कर मुकाबला अपने नाम किया।
टीम इंडिया के लिए यह सीरीज जीत कई मायनों में खास है, क्योंकि टीम ने दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन दिखाया है। वही टी-20 वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम के लिए इस सीरीज में जीत आत्मविश्वास पैदा करेगी।
वर्ल्ड कप से पहले टीम का संतुलन मजबूत
अगले 2 वर्षों के अंदर भारतीय टीम को 2 वर्ल्ड टी 20 टूर्नामेंट खेलना है, ऐसे में टीम का मजबूत संतुलन बनाना काफी आवश्यक है। इसलिए टीम मैनेजमेंट ने सीरीज के दौरान दो नए खिलाड़ी ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव को मौका दिया है और वह इस मौके पर शानदार तरीके से खरे उतरे हैं। जहां सूर्यकुमार यादव ने चौथे और पांचवें टी-20 मैच में दो निर्णायक पारी खेलीं।
वहीं ईशान किशन ने दूसरे मुकाबले में अपने शानदार टैलेंट का जौहर दिखाया। के एल राहुल के लगातार फ्लॉप होने के बाद विराट कोहली ने पांचवें मैच में ओपनिंग करने उतरे।अब वर्ल्ड कप को देखते हुए, आगे विराट कोहली टी-20 में ओपनिंग करते हुए नजर आ सकते हैं।
जसप्रीत बुमराह के बिना भी मजबूत दिखी भारतीय गेंदबाजी
टी-20 सीरीज के दौरान गेंदबाजी में टीम का संतुलन अच्छा रहा और कई महीनों बाद टीम में लौटे भुवनेश्वर कुमार ने शानदार गेंदबाजी की इनके अलावा शार्दुल ठाकुर ने भी अंतिम ओवरों में किफायती गेंदबाजी कर टीम को अहम मौके पर जीत दिलाने में बड़ा किरदार निभाया है। गौरतलब है कि जसप्रीत बुमराह इस समय टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन भारतीय पेसर्स ने टीम में उनकी कमी खलने नहीं दी।
एक लंबे समय बाद बॉलिंग कर रहे और ऑल राउंडर हार्दिक पांड्या भी लय में दिख रहे थे। वही पहले तीन मैचों में बेहद महंगे रहे चहल की जगह टीम में युवा चेहरे को मौका दिया है। हालांकि, उनका प्रदर्शन भी औसत दर्जे का ही रहा है।
डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाज़ी
भारतीय तेज गेंदबाजों ने 16 से 20 ओवरों के बीच जबरदस्त गेंदबाजी का प्रदर्शन किया है, चौथे और पांचवें दोनों ही T 20 मैचों में लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की बेहद शानदार शुरुआत हुई थी। लेकिन, दोनों मौके पर कसी हुई गेंदबाजी के दम पर भारत ने मैच पलट दिए और सीरीज अपने नाम की।
यह उपलब्धि इस लिए भी खास है क्योंकि, अंतिम ओवरों के स्पेशलिस्ट जसप्रीत बुमराह टीम में शामिल नहीं हैं। वहीं वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में नॉकआउट परिस्थितियों के दौरान डेट बॉलिंग काफी अहम रहेगी, क्योंकि भारत में उन दिनों में काफी ओस गिरती है।