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लोकसभा चुनाव से लेकर अबतक भाजपा के लिए बंगाल में क्या कुछ बदला है?

बंगाल और असम में मतदान का पहला चरण शुरू हो चुका है। बंगाल में भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस ने जमकर रैलियां की और एक दूसरे के ऊपर तंज भी कसे। देखने की बात यह कि दोनों पार्टियां बंगाल में अपनी सरकार बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है।

लोकसभा चुनाव के अपने पिछले प्रदर्शन से भाजपा को काफी उम्मीदें

बंगाल में भाजपा की सरकार ने लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटें लाकर सबको चकित कर दिया था। ममता बनर्जी की टीएमसी ने भी मोदी सरकार को टक्कर देने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने भाजपा को चौतरफा घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। ममता ने एल पी जी के लगातार बढ़ते दामों के लिए स्वयं सड़कों पर आकर कई रैलियां की।

इतना ही नहीं, ममता ने किसान आंदोलन के लिए भी सरकार को घेरा एवं फिर से टीएमसी की सरकार बनने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक को खारिज करने की बात भी कही है। ममता की पार्टी में टाॅलीवुड के कई दिग्गज हस्तियां भी जुड़ चुके हैं तो वहीं भाजपा ने भी बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गज हस्तियों को पार्टी में जोड़ा है।

टाॅलीवुड एवं बाॅलीवुड जगत के मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने भाजपा का समर्थन करके जनता को भाजपा की तरफ आकर्षित करने की कोशिश की है। ममता भी कहां पीछे रहने वालों से हैं? नन्दीग्राम में हुए दुर्घटना के बाद व्हील चेयर पर सवार होकर ही सड़कों पर पार्टी के प्रचार के लिए निकल पड़ीं।

लोकसभा चुनाव के बाद से काफी कुछ बदल भी चुका है

वैसे देखा जाए तो दोनों ही पार्टियों ने अपनी सरकार लाने के लिए कड़ी मेहनत की है। ममता की पार्टी ने बंगाल में बेरोजगारी कम करने का वादा किया है। कृषकों को प्रत्येक वर्ष 6 हज़ार रुपये को बढ़ाकर 10 हज़ार रुपये करने का तथा विद्यार्थियों को ज़रूरत पड़ने पर स्टूडेंट लोन उपलब्ध कराने का भी वादा किया है। भाजपा ने बंगाल को सोनार बांगला बनाने के साथ ही साथ नागरिकता संशोधन विधेयक पर सुधार करने का वादा किया है।

इस बार यह तय कर पाना कठिन है कि जीत किसकी होगी? लेकिन यह तय है कि भाजपा को बंगाल में सरकार बनाने के लिये काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लोकसभा में भाजपा ने 18 सीटें लाकर सबको चकित ज़रूर कर दिया था पर उसके बाद वर्तमान समय में हो रही समस्या जैसे कि किसान आंदोलन और एनआरसी की वजह से बहुत कुछ बदल सकता है।

हालांकि, किसान आंदोलन का असर बंगाल में उतना देखने को नहीं मिला है, लेकिन यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। यदि बंगाल में भाजपा की सरकार का गठन होता है तो यह भाजपा के लिए राम मंदिर के निर्माण के जीत से कहीं बड़ी जीत होगी। अब तो बस मतदान के परिणाम का इंतज़ार है कि बंगाल मे सरकार बनाने में कौन सफल होता है?

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