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“कल विपक्ष ने मनमानी में बेहोश हुकूमत को होश में लाने का काम किया है”

सनद रहे! लोकतंत्र की हत्या जितनी ही निर्ममता के साथ की जाएगी वो उतना ही मजबूत होगा, अडिग होगा और टिकाऊ होगा। विधानसभा चुनाव के बाद आज पहली बार राजद पूर्ण रूप से विपक्ष की भूमिका में नज़र आई है।

विपक्ष का काम केवल टीवी डिबेट में मुद्दे उछालना नहीं है, ना ही केवल सदन के पटल पर सत्ता पक्ष का विरोध करना है। बल्कि विपक्ष का काम समाजिक न्याय और वाजिब हक के लिए तरसने वालों की कतार में खड़े प्रत्येक आखिरी व्यक्ति तक पहुंचना है, उसे उसका हक दिलाना है।

तेजस्वी के रूप में बिहार को एक तोहफा मिला है

आपका जो भी मानना हो लेकिन मुझे अपने नेता को ड्राइंग रूम से बाहर निकलकर, बीच सड़क पर जनता के हक और अधिकार के लिए लाठियां खाते देखना सुकून देता है। तेजस्वी यादव को विधानसभा चुनाव में मिली हार ने जितना जलाया वो उतना ही चमकते गए। समय के साथ और परिपक्व होते चले गए। तेजस्वी के रूप में बिहार को एक तोहफा मिला है।

आज के अंदोलन ने लालू प्रसाद यादव की महान विरासत को संभालने वाला मजबूत नेता पैदा किया है। सुकून वाली बात ये भी है कि आज तेजस्वी ने, तेजप्रताप ने, राजद के विधायकों और हजारों कार्यकर्ताओं ने पुलिसिया कारवाई को अपने अंदोलन पर हावी नहीं होने दिया। आज का संघर्ष आने वाले चुनावों में जनता के भीतर एक आत्मविश्वास भरेगा।

देश को आज ऐसे समाजवादियों की ज़रूरत है जिनसे सत्ता की नींद हराम हो जाए

अहंकारी सत्ता के इशारे पर राजद कार्यकर्ताओं के ऊपर चलाई गई हर लाठी ने बिहार के सुदूर देहात में बैठे लोगों में ये विश्वास ज़रूर भरा है कि उनका भी कोई अपना पटना जाकर, सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकता है। बीच सड़क पर लड़ता है, लाठियां खाता है लेकिन हार नहीं मानता।

आज तेजस्वी यादव समाजवादी बन गए हैं। इस देश को ऐसे ही समाजवादियों की ज़रूरत है जिसके खून और पसीने से सत्ता की नींद हराम हो जाए। आज विपक्ष की आवाज ने मनमानी में बेहोश हुकूमत को होश में लाने का काम किया है। तेजस्वी के एक आह्वान पर पटना पहुंचने वाले हज़ारों राजद कार्यकर्ताओं का आभार। जेपी, लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, लालू प्रसाद यादव को उसका उत्तराधिकारी मिल गया है, आज बिहार को उसका नेता मिल गया है।

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