उत्तर प्रदेश की सरकार आए दिन मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती है। कभी वहां की मनमानी पुलिस की बदौलत तो कभी वहां के विधायकों की बदौलत। ऐसी ही एक हरकत के बाद सूबे में योगी सरकार को उनके विधायक ने ही कटघरे में एक बार फिर से खड़ा कर दिया है। इस कारण विपक्ष भी सरकार पर निशाना साधे तैयार रहती है। योगी राज में विधायक के हाई वोल्टज ड्रामे की एक और करतूत ने जनता को प्रश्न चिह्न की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।
सत्तापक्ष के माननीयों के चलते कई अफसर भी असहज हो जाते हैं और उनको सरकार का इकबाल बुलंद करने में मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। ऐसा ही वाकया प्रतापगढ़ डीएम कैम्प कार्यालय में दिखा, जहा चर्चित गालीबाज विधायक अभय कुमार उर्फ धीरज ओझा ने अपने कुछ समर्थकों के साथ हाई वोल्टेज ड्रामा किया।
घंटों चले इस ड्रामे के बीच कई ऐसे नजारे भी कैमरे में कैद हुए जो यदा-कदा ही नज़र आते हैं। कैम्प कार्यालय में डीएम के चैंबर में धरने पर बैठे होने की सूचना पर एडीएम शत्रोहन वैश्य भाग कर पहुंचे और विधायक को मनाने को घुटनों पर बैठ गए।
इस ड्रामे में बात जब इतने पर नहीं बनी तो उनके लिए कोल्डड्रिंक भी मंगाया लेकिन विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे। इससे भी बात नहीं बनी तो नामांकन स्थलों का भ्रमण करने गए डीएम को भी बुलाया गया। डीएम भी आननफानन में एसपी के साथ ही वापस आ गए। मानमनौवल की कोशिशें भी हुईं, लेकिन जितनी ज़्यादा मानमनौवल हो रही थी विधायक का पारा भी उतना ही बढ़ता जा रहा था। वहीं किसी बात को लेकर उनमें और एसपी में नोकझोंक हो गई।
इस ड्रामे में बाहर निकलते एसपी से विधायक ने बाहर तक उनके साथ नोंकझोंक करते हुए पीछा किया और एसपी के जाते ही विधायक ने डीएम आवास परिसर में ही अपना कुर्ता उतार दिया और ज़मीन पर लेट गए और एसपी पर पिटाई का आरोप लगाने लगे। यह वहीं विधायक हैं जिन्होंने सितंबर 20 में एक थानेदार को जमकर भद्दी-भद्दी गालियां दी थीं।
तब वहीं बीजेपी कार्यकर्ता और हरहरगंगे ट्रस्ट के ट्रस्टी अश्वनी सोनी को भी भद्दी-भद्दी गालियां दी थीं। एक बार इन्होंने एक राजस्वकर्मी से भी गाली-गलौज की उस समय इनका एक ऑडियो मीडिया की सुर्खियों में बना रहा। ये ऐसे ही समय-समय पर वायरल होते रहते हैं।
इनकी उस समय दरोगा से गाली-गलौज के बाबत एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने उस समय ट्वीट किया था जिसे आज एसपी पर विधायक के आरोपों पर हाल ही में जबरिया रिटायर किये गए आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने फिर से उठाया है और दरोगा के साथ की गई गालीगलौज के मामले में विधायक के खिलाफ अविलम्ब मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रतिष्ठा बचाने के लिए यह कार्यवाई जरूरी है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्तापक्ष का मामला होने के चलते इसकी ना तो जांच की गई और ना ही कोई मुकदमा दर्ज किया गया और इसी तरह एक बार फिर से सिस्टम सत्ता की भेंट चढ़ गया है।
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