ये कुछ देर पहले ज़िंदा था
चटक लपटों से निकलते,
बदबूदार धुंए को देखकर
लाश का परिजन बोला
ऑक्सीजन लगती है जलने में,
आग तभी लगती है
जब मिलता है ऑक्सीजन
श्मशान घाट पर बढ़ गयी है
ऑक्सीजन की खपत
अस्पताल में तो
दरवाजों पर ही ख़त्म हो जा रही है
कई बार एम्बुलेंस के स्ट्रेचर पर ही।
लाश जलती है
तो आती है आवाज़
पेट फटने की
तब डोम दुबारा लकड़ी सहेजता है
और सर फोड़ने की लाठी
दाग देने वाले को थमाता है
निज़ाम ने भी हमसब को
यही लाठी पकड़ाई है
अपनों की कपाल क्रिया करने को
हम सबने मांगा था ऑक्सीजन
हमें श्मशान की लंबी कतार
और इंतज़ार की पर्ची कटाने का
मिला है निर्देश
जम्बूद्वीप का भारतवर्ष
लाशों की दुर्गंध से गन्धा रहा है
लगे हाथ
अंत्येष्टि कर दो देश की भी
बांध दो घण्ट सरकार का
और बुलाओ महाभोज में
हिन्दू राष्ट्र के सेनापति को
जो मृत्यु के महाविलाप पर
अट्टहास कर रहा है
~ हिमांशु शुक्ला