Site icon Youth Ki Awaaz

भारतीय युवा खिलाड़ियों के लिए कैसे एक बड़ा वरदान है आईपीएल?

बीसीसीआई की तरफ से आईपीएल के लिए इस बार बस 6 मैच वेन्यू ही निर्धारित किए गए हैं। साल 2008 में पहली बार खेले गए इस टूर्नामेंट के जरिए हर साल कई युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का शानदार मौका मिलता है। दर्जनों भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है।

दुनिया की सबसे कठिन लीग माने जाने वाली इंडियन प्रीमियर लीग में भाग लेकर युवा खिलाड़ी टी-20 क्रिकेट की महारथ हासिल करते हैं। इसी वजह से आईपीएल को टी-20 क्रिकेट की प्रयोगशाला भी माना जाता है।

आईपीएल एक अंतरराष्ट्रीय मंच की तरह

आईपीएल के दौरान अनकैप्ड खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलता है, जिससे उनकी शैली और खेलने के अंदाज़ में निखार आता है। 50,000 दर्शकों के सामने खेल का प्रेशर और उच्च स्तरीय तकनीक को सीखने का मौका। यह चीज़ कई युवा खिलाड़ियों को उनके करियर में काफी मदद करता है।

जहां घरेलू टूर्नामेंट में नाम बनाने में सालों लग जाते हैं, वहीं आईपीएल में नए खिलाड़ियों को एक ही रात में अपने प्रदर्शन के दम पर स्टार बन जाते हैं। दुनिया भर के युवा क्रिकेटर आईपीएल में कांटेक्ट हासिल करने की जुगत में लगे रहते हैं।

2021 में किन युवा खिलाड़ियों पर नज़र रहेगी?

मोहम्मद अज़हरुद्दीन – इस साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मोहम्मद अज़हरुद्दीन का नाम काफी चर्चित रहा था। केरल के इस बल्लेबाज ने मुंबई के खिलाफ एक मैच में 54 गेंदों पर 137 रन बनाए थे। अज़हरुद्दीन को विराट की आरसीबी ने खरीदा है। पूर्व भारतीय कप्तान के हम नाम वाले इस खिलाड़ी पर खेल प्रशंसकों की नज़रें रहेंगी।

शाहरुख खान : आईपीएल में इस युवा खिलाड़ी पर शायद सबसे ज़्यादा नज़रें होंगी। कारण कि नीलामी में इन्हें बेस प्रेस से कई गुणा दाम मिला है। आरसीबी और पंजाब दोनों ने इनमें खूब दिलचस्पी दिखाई और अंततः 20 लाख बेस प्राइस वाले खिलाड़ी को पंजाब ने 5.25 करोड़ में खरीदा।

शाहरुख ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तमिलनाडु की तरफ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था। घरेलू मैचों में इनके शानदार प्रदर्शन के बाद से ही शायद खरीदारों की निगाहें इनपर टिकी हुई थी।

वरुण चक्रवर्ती – इस मिस्ट्री स्पिनर ने पिछले सत्र में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें आस्ट्रेलियाई दौरे में टी-20 की टीम में भी शामिल किया गया था। मगर पूरी तरीके से फिट नहीं होने के कारण वह पदार्पण नहीं कर पाए थे। अप्रैल 2021 में वरुण चक्रवर्ती पर केकेआर के फैंस की उम्मीदें रहेंगी।

पृथ्वी शॉ – घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में चल रहे पृथ्वी शॉ पर भी फैंस की निगाहें रहेंगी। टेस्ट में खराब फॉर्म के बाद टीम से बाहर हुए इस युवा बल्लेबाज पर अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स को मजबूत शुरुआत कराने की जिम्मेदारी है।

ऋषभ पंत और संजू सैमसन कप्तानी करते नज़र आएंगे

आईपीएल के ज़रिए विश्व क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले दो बेहद आकर्षक युवा भारतीय खिलाड़ी ऋषभ पंत और संजू सैमसन इस सत्र में दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी करते हुए नजर आएंगे। भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत इन दिनों काफी अच्छे फॉर्म में चल रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी शैली और आक्रामकता के सभी मुरीद हो गए हैं।

श्रेयस अय्यर के चोटिल होने के बाद ऋषभ पंत को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं राजस्थान रॉयल्स ने स्टीव स्मिथ को रिलीज़ करने के बाद संजू सैमसन पर दांव लगाया है। सैमसन आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। इन दोनों युवा खिलाड़ियों के लिए यह ज़िम्मेदारी काफी बड़ी है।

अपने निजी प्रदर्शन को स्थिर रखने के अलावा टीम की कप्तानी करना भी एक कला है। ऐसे में देखना है कि यह दोनों खिलाड़ी इस परीक्षा में कितने सफल हो पाते हैं?

भारतीय युवा खिलाड़ियों के लिए एक संजीवनी

आईपीएल के जरिए युवा खिलाड़ियों में जोश का एक अलग ही संचार होता है। लगभग डेढ़ दशक पहले जब कोई नया खिलाड़ी पदार्पण करता था तब वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपरिचित होता था और नर्वसनेस का सामना करना पड़ता था। आईपीएल जैसी टी-20 लीग के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को अपनी रचनात्मकता दिखाने का मौका मिलता है।

अगर पूरी भारतीय टीम को देखा जाए तो कुछ एक सीनियर खिलाड़ियों को छोड़कर, बाकी सभी आईपीएल के रास्ते ही भारतीय टीम में अपना पदार्पण कर पाए हैं। तेजी से बदल रहे इस प्रारूप में कुछ नया करना ही सफलता का मूल मंत्र माना जाता है। चाहे वजह पैसे से जुड़ी हो या फिर खेल के अनुभव से लेकिन युवा खिलाड़ियों के लिए आईपीएल एक संजीवनी है।

 

Exit mobile version