डॉक्टर हमारे समाज में से ही एक ऐसा इंसान होता है, जो हमारे लिए मौत से लड़ता है। अपने छोटे-छोटे अस्त्रों से अपनी पूरी ताकत और मरीज को बचाने में अपनी पूरी जान लगा देता है, लेकिन हार नहीं मानता है।
हम रोज़ अपनी दिनचर्या मे ऐसी-ऐसी चीज़ें खाते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं, लेकिन फिर भी हम ऐसी चीज़ों और आदतों को अपने जीवन में शामिल किए रहते हैं। अगर हमारी तबियत बिगड़ी और डॉक्टर को दिखा कर दवा ली तो सबसे पहला सवाल हमारा यही होता है डॉक्टर से इसका कोई साइड-इफेक्ट तो नहीं होगा ना?
अब वह डॉक्टर आपको क्या बोले क्योंकि हम उसकी किसी भी कही हुई बात को गौर करके नहीं सुनते हैं। हम अपनी दिनचर्या में भोजन के रूप में फास्ट-फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट- तम्बाकू आदि बुरी आदतों के शिकार होते हैं। यह बात हम और डॉक्टर भी अच्छे तरह से जानते हैं कि फास्ट-फूड और सिगरेट, तम्बाकू से शरीर में इम्युनिटी बढ़ती है ना ये चीज़े हमारे स्वस्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
कुछ व्यक्ति अपने प्रोफेशन को पैसों के लालच में कलंकित करते हैं
आज के समय में कुछ डॉक्टरों की वजह से (जो सिर्फ पैसों के लिए इस प्रोफेशन मे आते हैं) अच्छे और ईमानदार डॉक्टरों पर भी उंगली उठने लगती है। इसका सच्चा उदाहरण है कोरोना का वो भयानक समय, जब पूरी दुनिया लॉकडाउन में थी फिर भी इन डॉक्टरों ने अपनी ज़िम्मेदारी से हाथ पीछे नहीं खींचें बल्कि, इन्होंने तो सामाजिक एवं देशहित के लिए अपनी जान तक गंवा दी।
हर प्रोफेशन मे आपको ऐसे कुछ व्यक्ति पैसों के लालची मिलेंगे किन्तु, उनकी वजह से सभी को गलत कहना उचित नहीं होगा क्योंकि अगर डॉक्टर ना होते तो हर दिन कोई ना कोई छोटी सी बीमारी से भी लड़ नही पाता शायद हम जीवित ही नहीं रह पाते।
मेरा देश के सभी डॉक्टर्स को सलाम है, जिन्होंने कोरोना जैसी नामक महामारी में जनहित एवं देशहित के लिए अपनी प्राणों को दांव पर भी लगा रखा है।