कुछ हफ़्तों पहले ऐसा लग रहा था कि कोरोना महामारी शायद चली गयी है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पहले से भी ज्यादा खतरनाक लौट कर आई है।
अपने आस-पास की स्थिति देख कर हूँ हैरान
अभ तक तो कोरोना को लेकर आस पास के लोग गंभीर नही थे लेकिन अचानक कोरोना की दूसरी लहर लोगों की चिंताएं बढ़ाने लगीं और लोग सचेत होने के साथ साथ अपनी जान जान बचाने में लगे हैं।प्रतिदिन कोरोना के कारण आस-पास ऐसी घटनाएं हो रही हैं जिसका सोचा भी नही जा सकता। बच्चे-जवान और बुढ़े व्यक्ति कोई भी इस महामारी से बच नही पा रहा है। लगातार चारो तरफ से मरने की आवाज कानो में गूंज रही हैं। सोशल मीडिया पर चिताएं ही चिताएं दिख रही हैं। टेलेविज़न पर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डराया जा रहा है। सबसे ज्यादा चिंता की बात है कि लाख कोशिशें करने के बावजूद लोग बच नहीं रहे हैं। पैसा भी काम नही आ रहा है। कुछ कोरोना से मर रहे हैं तो कुछ ऑक्सिज़न की कमी से।
आखिर करें तो क्या करें ?
हम सब को एक साथ मिलकर इस कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ना होगा
कोरोना महामारी की पहली लहर की तरह इस बार भी हम सब को एक साथ मिलकर लड़ना होगा।
मेरा अनुरोध है कि सभी फ़ोन से एक दूसरे के संपर्क में रहें।
बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें।
एक दूसरे से बिना झिझक अपनी तकलीफ और आवश्यकताएं साझा करें।
दवा से ज्यादा हौसले की जरूरत है।
किसी भी स्तिथि में मनोबल कम न होने दें साथ ही साथ दुसरो की हिम्मत बढ़ाएं।
बुखार खांसी या किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर दवाई अवश्य लें।साथ ही साथ डॉक्टर से परामर्श लें।
लोगों की निस्वार्थ भाव से मदद करते रहें।
हम सब एक परिवार हैं एक दूसरे से फ़ोन पर बातचीत करते रहें। मन भी हल्का होगा और अपने साथियों की स्तिथि का भी पता चलेगा।
हम सब इस कठिन परीक्षा में एक दूसरे के साथ हैं।