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5G ट्रायल्स को इंडिया में मिली मंजूरी, सभी चीनी कंपनियां लिस्ट से बाहर

5G ट्रायल्स को इंडिया में मिली मंजूरी, सभी चीनी कंपनियां लिस्ट से बाहर

 5g Trials Started In India[/caption]

दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) और भारत सरकार ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 5G के परीक्षण करने की अनुमति दी है। लाइसेंस प्राप्त ऑपरेटरों में भारती एयरटेल, रिलायंस, जियो, वोडाफोन-आइडिया और एमटीएनएल शामिल हैं। इन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने मूल उपकरण निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं (एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट) के साथ भागीदारी की है। वहीं, रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड अपने द्वारा विकसित तकनीक के साथ परीक्षणों का परीक्षण करेगी।

दूरसंचार विभाग ने स्पष्ट किया है कि उसने चीनी विक्रेताओं को परीक्षणों से बाहर रखा है, जिसका अर्थ है कि हुआवेई 5 जी परीक्षणों में भाग नहीं ले सकेगा। यह खबर ऐसे समय में आई है जब देश भर में 5 जी की मांग बढ़ रही है। हर कंपनी पिछले कुछ समय से 5G के बारे में बात कर रही है, लेकिन हर कोई सरकारी आदेश का इंतजार कर रहा था।

5G क्या है? कितनी गति मिलेगी?

भारत में 5G मोबाइल नेटवर्किंग सेवा दिसंबर 2019 तक लॉन्च की जाएगी। 5 जी सेवा भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाने जा रही है। यह ना केवल आपके इंटरनेट की गति को बढ़ाएगा, बल्कि आपको अगली पीढ़ी की तकनीक में भी ले जाएगा। यह दूरसंचार क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति होने जा रही है। 5 जी सेवा दुनिया भर के लाखों उपकरणों को जोड़ेगी। इससे लाखों लोग जुड़ेंगे। इन उपकरणों में रेफ्रिजरेटर, सुरक्षा प्रणाली और स्मार्ट शहर शामिल हैं।

5 G सेवा क्या है? 

मोबाइल उद्योग इंटरनेट के माध्यम से नेटवर्क बनाता है। इसके बाद नेटवर्क को फिर से बनाया गया। इसे हम अगली पीढ़ी यानी ‘G’ कहते हैं। वर्तमान में मोबाइल कंपनियां 4 जी एलटीई नेटवर्क का उपयोग कर रही हैं। हालांकि, यह सेवा तेज़ है, लेकिन यह अपने उपयोगकर्ताओं के लिए कई समस्याएं पैदा करती है, तो 5G सर्विस के आने से इंटरनेट सेवा और तेज़ हो जाएगी और आपके मोबाइल की बैटरी की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

इससे ना केवल आपकी बैटरी तेजी से खत्म होगी, बल्कि आपकी बैटरी की लाइफ भी बढ़ेगी। वर्तमान में 4 जी सेवा की औसत इंटरनेट स्पीड 1000 एमबीपीएस है। हालांकि, 5G सेवा के अपडेट होने के बाद सभी को 10,000 एमबीपीएस प्रति सेकंड की इंटरनेट गति मिलेगी।

कब होगी लॉन्च?

अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियां मार्च से दक्षिण कोरिया में अपनी 5G सेवाएं लॉन्च करेंगी। दिसंबर 2019 के अंत तक जापान में 5G सेवाओं का भी शुभारंभ किया जाएगा। हालांकि, चीन में 2020 ही 5G सेवाओं को शुरू करने के लिए तैयारी हो गई थी। 2021 तक भारत में 5G सेवा भी शुरू की जाएगी। वैसे भी, पूरे भारत में फैलने के लिए वर्ष 2022 को 5G सेवा नेटवर्क के लिए तैयार होना होगा।

पहला 5G स्मार्टफोन

OnePlus, Xiaomi और Huawei पहला 5G स्मार्टफोन लॉन्च करेंगे। महत्वपूर्ण बात, 5 जी मोबाइल अधिक डेटा उत्पन्न करेगा। इसलिए आपको इंटरनेट का उपयोग करते समय बफरिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसमें गोपनीयता का भी ध्यान रखा जाता है।

Jio का अपना नेटवर्क

Reliance Jio ने पहले ही पुष्टि कर दी है कि वह एक स्वदेशी 5G नेटवर्क विकसित करेगा। जियो का 5G नेटवर्क भारत में विकसित किया जाएगा और इसका फोकस मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर होगा। उसी समय, एयरटेल ने हैदराबाद में वाणिज्यिक नेटवर्क पर सफल 5 जी परीक्षण की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा, उनका नेटवर्क 5 जी तैयार है और अब वे केवल अनुमति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

परीक्षण के लिए 6 महीने की अवधि

वर्तमान में इन परीक्षणों की अवधि 6 महीने है। उपकरणों की खरीद और इनकी स्थापना के लिए इसकी अवधि 2 महीने है। सरकार द्वारा प्राप्त अनुमति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रत्येक दूरसंचार कंपनी को शहरी सेटिंग्स के अलावा ग्रामीण और अर्ध-शहरी सेटिंग्स में परीक्षण करना होगा।

ताकि देशभर में 5 जी तकनीक का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले और जिससे 5G नेटवर्क ना केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा, बल्कि अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच सकेगा।

विभिन्न बैंड्स में परीक्षण

मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज़ से 3.67 गीगाहर्ट्ज़), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़) और सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड (700 गीगाहर्ट्ज़) सहित विभिन्न स्पेक्ट्रमों में परीक्षण स्पेक्ट्रम की पेशकश की जाती है। टेलीकॉम कंपनियों को अपने 5G परीक्षणों के संचालन के लिए मौजूदा स्पेक्ट्रम (800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz और 2500 MHz) का उपयोग करने की अनुमति है।

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