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छोटे-छोटे बच्चे भी अब कोरोना की चपेट में, तेज़ी से वैक्सीनेशन की ज़रूरत

"छोटे-छोटे बच्चे भी अब कोरोना की चपेट में आ रहे, वैक्सीनेशन करने की ज़रूरत"

कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए बड़ी मुश्किल बन सकती है, क्योंकि ना उनके लिए वैक्सीन है और ना ही इतनी बड़ी संख्या में अलग से ICU-कोविड वॉर्ड हैं। मौजूदा लहर में 10% बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, पिछली लहर में यह संख्या 1 से 2% थी, इस बार बच्चों को ICU की भी ज़रूरत पड़ रही है।

छह साल की बच्ची तृषा संजय कदम Multisystem inflammatory syndrome से ग्रसित है। यह ऐसी है बीमारी जो कोविड से संक्रमित बच्चों में देखी जा रही है, तृषा को ICU में भर्ती करना पड़ा। उसकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव है पर एंटीबॉडी पॉज़िटिव आई, यानी भर्ती होने के कुछ हफ़्ते पहले बच्ची को संक्रमण हो चुका था।

बच्ची की मां अंकिता संजय कदम ने कहा कि बच्ची को फीवर था, फिर पेट में दर्द हुआ, तकलीफ बढ़ी, तो हमने डॉक्टर को दिखाया। उसका ब्लड प्रेशर लो होने लगा, फीवर बढ़ने लगा, डॉक्टर ने बहुत मदद की, लेकिन उसे ज़ल्दी ICU में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टर और स्टाफ की मदद से मेरी बच्ची रिकवर हो रही है।यह समझिए कि मेरी बच्ची का दूसरा जन्म हुआ है।

मुंबई इंटेंसिव केयर के सचिव और स्पर्श चिल्ड्रन अस्पताल के क्रिटिकल केयर के प्रमुख डॉ अमीश वोरा बताते हैं कि तृषा का दिल  सिर्फ 30-40% ही रिकवर हो पाया है। डॉ वोरा ने कहा कि बच्ची का ब्लड प्रेशर बहुत कम था, हमने उसे ICU में भर्ती किया। ब्लड प्रेशर की तीन-तीन दवाई देनी पड़ीं, स्टेरॉइड देना पड़ा, वो भी हाईडोज़ और हार्ट अभी भी पूरी तरह रीकवर्ड नहीं है। एक हफ्ता हो गया है, अभी बच्ची दिखने में नार्मल लग रही है, लेकिन उसका हार्ट अभी 30-40% ही चल रहा है, इसके लिए हमको उसे फॉलोअप करते रहना पड़ेगा, ताकि हार्ट ज़ल्दी रिकवर हो।

डॉक्टर बताते हैं कि पहले जहां 1 से 2% बच्चों में संक्रमण दिख रहा था, अब 10% में नज़र आ रहा है। थर्ड वेव की आशंका से बच्चों के लिए टीका ना होना चिंता की बात है।

छोटे बच्चों में भी अब कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है

मुंबई के मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जेसल सेठ ने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार बच्चों में कोविड का प्रभाव ज़्यादा दिख रहा है। ज़्यादातर बच्चे होम क्वारंटाइन या डॉक्टर की मॉनीटरिंग में ठीक हो जाते हैं, लेकिन इस बार बच्चों को भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है।

कुछ में हम एडल्ट कोविड पैटर्न भी देख रहे हैं, लेकिन अभी भी ऐसे बच्चे ज़्यादा नहीं हैं जिनको सीवियर निमोनिया हो और ICU-O2 के बेड लगें, पर जब स्ट्रेन बदलेगा या थर्ड वेव में शायद ऐसे बच्चों की संख्या भी बढ़ जाएगी। बच्चों का वैक्सीनेशन ना होना भी एक कारण रहेगा कि थर्ड वेव में बच्चे ज़्यादा इंफेक्टेड हो सकते हैं।

डॉ अमीश वोरा ने कहा कि पिछले साल 1 से 2% बच्चों को ही संक्रमण हो रहा था, लेकिन इस बार तो ऑफिसियल  डेटा बता रहा है कि 10% बच्चों को कोरोना का संक्रमण हो रहा है, दस एडल्ट के सामने एक बच्चा संक्रमित हो रहा है। बच्चों का वैक्सीन का ट्रायल तो अभी शुरू हो रहा है, लेकिन थर्ड वेव तक देरी हो जाएगी। इसलिए कुछ और तैयारियां बच्चों को देखते हुए करनी पड़ेंगीं। जैसे बच्चों के लिए ICU बहुत कम हैं, इसलिए जहां-जहां भी ICU हैं उनको बंद ना रखें फंक्शनल रखें ताकि जिन बच्चों को ज़रूरत है इन्हें भर्ती कर सकें।

मुंबई में बीते छह दिनों में 10 साल से कम के 411 बच्चे संक्रमित हुए हैं। तीसरी लहर को लेकर महाराष्ट्र में बच्चों के लिए अलग से कोविड वॉर्ड बनाने की तैयारी है, इस बीच एक्सपर्ट्स की मांग है कि 18 साल से नीचे आयु के बच्चों लिए भी वैक्सीन ज़ल्द से ज़ल्द तैयार हो।

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