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भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं उनके आम जनमानस की रक्षा के आदर्श

भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं उनके आम जनमानस की रक्षा के आदर्श

सबसे पहले मैं  भारत के संविधान निर्माता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ एवं बहुजन नायक भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को नमन करता हूं। जिन्होंने हमारे समाज एवं नागरिकों के लिए समानता एवं स्वतंत्रता का अधिकार दिलाया।

शिक्षा का अधिकार

प्राचीन भारत में दलितों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं था। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने अपने जीवन में अनेक कठिनाईयों का सामना किया ताकि दलित समाज एवं उसके नागरिकों को उनके अधिकार दिलाए जा सकें। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जब अपने समाज पर अमानवीय अत्याचारों को  होते देखा, तो उन्होंने संकल्प लिया कि मैं किसी भी तरह से उच्च शिक्षा प्राप्त करूंगा और समाज में दलित समुदाय के नागरिकों पर हो रहे भेदभावों को खत्म करूंगा। इसके बाद उन्होंने अनेको डिग्रियां प्राप्त की और देश के सभी लोगो के लिए संविधान लिखकर सभी वर्ग के लिए एक समान शिक्षा का अधिकार दिलाया।

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की शिक्षा-दीक्षा 

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने सातारा नगर में राजवाड़ा चौक पर स्थित गवर्न्मेण्ट हाईस्कूल अंग्रेज़ी की पहली कक्षा में प्रवेश लिया था। उसके बाद बॉम्बे विश्वविद्यालय में स्नातक, एल्फिंस्टन कॉलेज, कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर अध्ययन, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर अध्ययन किया।

डॉ भीमराव अंबेडकर जी के पास अपने अध्ययन से सम्बन्धित कुल32डिग्रियांथीं। इस स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने वाले बाबा साहब दलित समाज के पहले व्यक्ति थे। बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर, दलित समाज के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें भारत रत्न प्राप्त हुआ।

संविधान हमारे देश की आत्मा है 

हमारा देश भारत आज़ादी के बाद से ही डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा लिखित संविधान से चलता आया है और आगे भी देश में लोकतंत्र का शासन संविधान के संवैधानिक प्रावधानों से ही चलेगा। संविधान द्वारा सभी नागरिकों को मूल अधिकार दिए गए हैं। सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार हैं, चाहे वह किसी भी धर्म से हो या किसी भी जाति से।

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के संविधान से आज हमारा समाज शिक्षित हो रहा है। हमारा समाज जागरूक हो रहा है। शिक्षा के साथ युवा शिक्षित होकर नौकरियों में भी अपना योगदान दे रहे हैं।बाबा साहब द्वारा लिखित विश्व का सबसे बड़ा संविधान हमारे देश का है।आज लोग अपने अधिकारों के लिए संविधान के अनुसार अपनी आवाज़ उठाते हैं और उन्हें  न्याय भी मिलता है। संविधान ही देश की शक्ति है।

 अंबेडकर जी के व्यक्तित्व में उनकी पत्नी रमाबाई अम्बेडकर योगदान

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के जीवन में माता-पिता के साथ उनकी पत्नी रमाबाई अम्बेडकर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बाबसाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को विश्वविख्यात महापुरुष बनाने में उनकी  पत्नी रमाबाई का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

आज पूरे देश में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जाता है और आने वाले भविष्य में भी याद किया जाएगा।

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