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किसान सम्मान निधि और फसल की लागत में बढ़ते हुए खर्चे

किसान सम्मान निधि और फसल की लागत में बढ़ते हुए खर्चे

कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 मई को देश के 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खातों में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आठवीं किस्त के तहत कुल 19,000 करोड़ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए।इस योजना के तहत केन्द्र सरकार पात्र किसानों को एक साल 6,000 रुपए 3 किश्तों में बगैर किसी बिचौलिए के डी.बी.टी के माध्यम से उपलब्ध कराती है। हम कह सकते हैं की यह किसानों के लिए अब तक की सरकार द्वारा चलाई जा रही बेहतरीन योजना है। परंतु, इसी बीच किसान सम्मान निधि किसानों तक अभी पहुंच ही रही है,की उनसे जुड़ी दो और खबरें आईं।

पहली खबर जिसमे पता चला हैं की मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपडन संघ ने DAP और NPK खाद की कीमतों में लगभग 58 % की वृद्धि की हैं, मतलब पिछले हफ्ते तक 1200 में मिलने वाली DAP (50 किलो) की बोरी को अब किसान 19,00 रू में खरीदने को मज़बूर हैं,राज्य में यूरिया के बाद सबसे अधिक डिमांड DAP की ही होती है। इससे निश्चित रूप से किसानों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। किसान पहले से ही 90 रू /लीटर डीजल खरीदने को मज़बूर था,अब खाद के बढ़े हुए दाम लागत को भी बढ़ा देगे।

दूसरी खबर यह की केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि भेजने के दूसरे दिन यानी 15 मई को मूंग और उरद के आयात को मंजूरी दी है। अब जब विदेशों से दलहन भारतीय बाजार में आएगी, तो निश्चित ही किसानों की फसलों के दाम भी कम होने की आशंका बनी रहेगी। कम से कम सरकारी खरीद केंद्रों के अलावा बाकी मंडियों में मूंग और उरद की खरीदी पर इसका इसका सीधा असर पड़ सकता है।

 

एक तरफ, तो सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर किसान सम्मान निधि से किसानों की स्थिति को सुधारने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ डीजल/खाद के बढ़े हुए दामों से लगातार बढ़ती हुई लागत और अनाज आयात नीति से बाजारों में फसलों के दामों में गिरावट इन सब सवालों के बीच किसानों की उलझनों को कम करने के बजाय लगातार बढ़ा ही रही हैं।

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