Site icon Youth Ki Awaaz

क्या नीतीश कुमार और भाजपा की पोल खोलने के चलते हुई पप्पू यादव की गिरफ्तारी?

जन अधिकार पार्टी (जाप) प्रमुख पप्पू यादव को लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद टाउन डीएसपी सुरेश प्रसाद ने कहा, लॉकडाउन के उल्लंघन और सरकारी कार्य में बाधा डालने के लिए कार्रवाई की गई है। बिहार पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पप्पू यादव ने कहा, “सरकार मुझे क्यों गिरफ्तार करवाई है। मैंने किस कानून का उल्लंघन किया है, ये प्रशासन ही बताएगा।”

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी पर उठाए थे सवाल

पहले ट्वीट में लिखा गया, “मुझे गिरफ्तार कर पटना के गांधी मैदान थाना ले आया है।” वहीं एक और ट्वीट भी आया जिसमें कहा गया कि वे बेईमानों को बेनकाब करते रहेंगे।” बता दें हाल में पप्पू यादव बिहार के सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी के संसदीय मद से खरीदे गए कई एंबुलेंस पर सवाल उठाने की वजह से चर्चा में थे।

https://twitter.com/pappuyadavjapl/status/1390660535096537091?s=19

पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि कोरोना संकट के इस दौर में भी कई एंबुलेंस छिपा कर रखे गए हैं। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा। बाद में राजीव प्रताप रूडी की ओर से जवाब आया कि ड्राइवर नहीं मिल पाने के कारण ये एंबुलेंस रखे हुए हैं। राजीव प्रताप रूडी ने साथ ही कहा था कि अगर पप्पू यादव को कुशल ड्राइवर मिल जाते हैं, वो लेकर आएं और इसका संचालन करवाएं। ऐसे में अगले ही दिन पप्पू यादव ने एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कई ड्राइवर को लेकर मीडिया के सामने ले आए।

वेंटिलेटर पर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था

लोगों को एंबुलेंस, अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवा आदि मिलने में ज़द्दोजहद करनी पड़ रही है। वैसे समय में रूडी के यहां से बीते दिनों दर्जनों सरकारी एंबुलेंस के मिलने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। मगर अब इसपर सरकार की तरफ से किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया आने की बजाय पप्पू यादव पर गिरफ्तारी के जरिए शिकंजा कसने की कवायद शुरू हो गई है।

फिर खबर आई कि पप्पू यादव को 32 साल पुराने एक मामले के तहत गिरफ्तारी हुई है और उन्हें दो हफ्ते के न्यायायिक हिरासत में सुपौल जेल भेज दिया गया है। पप्पू यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है,

“सरकारों को कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी करनी चाहिए तो वो पप्पू यादव से लड़ रहे हैं। हमारे साथ सेवा में, मदद में, जिंदगी बचाने में प्रतिस्पर्धा करो न! फंसाने और जेल भेजने की साजिश में समय जाया क्यों कर रहे हो? पूरे बिहार में मामला खोज रहे हैं, कैसे फंसाकर अपनी नाकामी छुपाएं।”

क्या भाजपा के इशारे पर यह कार्रवाई हुई?

पिछले दिनों पूर्व सांसद पप्पू यादव छपरा पहुंचे थे। यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राजीव प्रताप रूडी के अमनौर दफ्तर का दौरा किया था। जहां उन्होंने तिरपाल से ढके दर्जनों एंबुलेंस की बात कही और इसका वीडियो भी शेयर किया। जिसके बाद से नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।

पप्पू यादव ने खड़ी 30 एंबुलेंस का वीडियो ट्वीटर पर शेयर करते हुए कहा था, “सांसद निधि से खरीदी गई एंबुलेंस किसके निर्देश पर छिपाकर रखी गई हैं। इसकी जांच हो। डीएम सारण, सिविल सर्जन यह बताएं। रूडी जवाब दें।” मामले के सामने आने के बाद रूडी ने बिहार भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल्स से वीडियो संदेश के जरिए कहा, “ड्राइवर के अभाव में ये एंबुलेंस खड़ी हैं। यदि पप्पू यादव इसकी व्यवस्था करवाते हैं तो वो सभी एंबुलेंस सौंपने के लिए तैयार हैं।”

जिसके तुरंत बाद पप्पू यादव ने भी ड्राइवरों के उपलब्ध होने की बात कहते हुए चुनौती दे डाली। वहीं, राजीव प्रताप रूडी ने पप्पू यादव से कहा, “वो मधेपुरा में ही राजनीति करें।”

बीते सालों में हर समय जनता के बीच दिखे पप्पू

जाप प्रवक्ता मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह का भी बयान आया। उन्होंने कहा, “ये जनता की आवाज़ को दबाने के लिए उठाया गया कदम है। सरकार अपनी छवि बचाने में जुटी हुई है और जनता अस्पतालों में और उसके बाहर बिना इलाज के दम तोड़ने को मजबूर है। पटना और दिल्ली की सरकार ने लोगों को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया है।

इसीलिए पार्टी ने ‘क्षुब्ध ह्दय बंद जुबान, जनता मांग रही इंसाफ’ के जरिए सत्ता तक लोगों की पीड़ा को रखा है। लोग एंबुलेंस के बिना मर रहे हैं, सड़क पर तड़प रहे हैं और किसी नेता के यहां दर्जनों एंबुलेंस सड़ रही है। इस अन्याय का जवाब देना पड़ेगा। जनता इसका हिसाब मांगेगी और कभी माफ नहीं करेगी।”

पप्पू यादव की छवि कुछ सालों में बिहार की जनता के लिए एक मसीहा के तौर पर बनकर उभरी है। पटना में कई सालों से हो रहे जल-जमाव, बाढ़ से लेकर राज्य में कोरोना संकट के बीच अस्पतालों का निरीक्षण करने और पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने के साथ-साथ प्रशासन-डॉक्टरों से व्यवस्था को दुरूस्त करने की अपील करते हुए नज़र आते रहे हैं।

पप्पू यादव ने बिहार स्वास्थ्य विभाग को ‘मौत विभाग’ करार दे डाला है। वहीं, ‘सुशासन बाबू’ की पोल भी पप्पू यादव ने कई बार खोली है। बाढ़ के दौरान भी पप्पू यादव ट्रैक्टर पर सवार होकर लोगों तक राशन-पानी और ज़रूरी चीज़ें मुहैया कराते हुए कैमरे में कैद हुए हैं। यहां तक कि कई बार यादव गंदे नाले में लोगों तक मदद पहुंचाते हुए देखे गए हैं। ये उस साल की बात है जब राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी परिवार और अपने दल-बल के साथ बाढ़ से बचने के लिए एक पुल के पास नजर आए थे।

बिहार में कोरोना संक्रमण से हो रहे मौत के आंकड़ों पर भी यादव ने सवाल उठाए हैं और पटना के कई श्मशान घाटों का निरीक्षण कर वहां से तस्वीरें जारी की है, जो सरकारी मौत के आंकड़ों की कलई खोलती है। अब उन्हें लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। राज्य में 15 मई तक पाबंदी लागू है।

32 साल पुराने मामले में जेल

मधेपुरा के कुमारखंड में पप्पू यादव पर एक और जो मामला दर्ज हुआ है, उस मामले में पप्पू यादव के खिलाफ 22 मार्च को कोर्ट ने वारंट जारी किया था। पुलिस मधेपुरा से उक्त मामले को लेकर पटना के लिए निकली और फिर मधेपुर पुलिस पप्पू यादव को गिरफ्तार कर देर रात मधेपुरा लाएं फिर उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रात को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।

गौरतलब है कि आज पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव को लॉक डाउन उल्लंघन मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पप्पू यादव के पटना स्थित आवास पर टाउन डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम पहुंची और उसके बाद पप्पू यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिर उन्हें गांधी मैदान थाना में रखा गया और उसके बाद 32 वर्ष पुराने मामले में मधेपुरा पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पटना आई और फिर देर शाम उन्हें अपने साथ लेकर मधेपुरा चली गई।

सरकार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी से मांगा साथ

पप्पू यादव ने कहा कि आज वह कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए गए हैं लेकिन अब कहीं पॉजिटिव ना आ जाएं। उन्होंने कहा पूरी दुनिया पप्पू यादव के साथ खड़ी है।

लालू यादव से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि “ये वक्त एक होकर लड़ने का है। पप्पू यादव जेल जा रहा है, तो तेजस्वी यादव सड़क पर रहें।”  वहीं पप्पू यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “मुझे भाजपा के इशारे पर गहरी साज़िश के तहत जेल भेजा जा रहा है, जबकि मैंने पिछले डेढ़ महीने से लोगों को बचाकर नीतीश कुमार की ही मदद की। मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि आखिर जो मामला हाई कोर्ट में लंबित है, उस मामले में कोरोना काल में गिरफ्तारी क्या ज़रूरी थी?”

पप्पू यादव ने भावुक होते हुए कहा कि “आज मेरा टेस्ट भी नेगेटिव आया है और अगर मैं कोरोना पॉजिटिव हुआ और मेरे साथ कोई हादसा होता है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे।” उन्होंने कहा कि “मुझे मरने का डर होता, तो मैं अपने ऑपरेशन के बाद 3 महीने के बेड रेस्ट को छोड़कर अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों के बीच दवाई, कंधे पर सिलिंडर और श्मशान तक में लोगों को सहायता नहीं कर रहा होता।

उन्होंने कहा, “नीतीश जी अगर मेरे मरने से बिहार की जनता की जान बचती है, तो ऐसे सौ जान कुर्बान लेकिन आपसे आग्रह है कि तमाम नेताओं के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में चल रहे लूट के धंधे को बंद कर दीजिए। इससे कई लोगों की जान बच जाएगी।”

पप्पू यादव ने तमाम विपक्ष से मिले सपोर्ट का आभार भी व्यक्त किया और लालू यादव से आग्रह किया कि बिहार को बचाने में संघर्ष तेज करें। एक सवाल के जवाब में पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि “अगर आज हम जेल में हैं तो तेजस्वी यादव सड़क पर उतरें, अस्पतालों में दवा लेकर जाएं, लोगों को बेड उपलब्ध कराएं। हमारे लोग हमेशा उनके साथ रहेंगे।”

अंत में पप्पू यादव ने कहा कि सरकार की नीयत इतनी खराब है कि आज गरीब लोगों को हर रोज़ दिए जाने वाले खाने को बंद करा दिया। इसलिए जब तक बिहार के मेरे गरीब भाई बहन और अस्पतालों में कोरोना का इलाज करा रहे लोग भूखे रहेंगे, तब तक मैं भी पानी का एक घूंट भी नहीं लूंगा।

Exit mobile version