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कोरोना को हराएंगे बिहार के ज़िम्मेदार युवा, जानिए वैक्सीनेशन को लेकर उनकी क्या राय है?

18+ वैक्सीनेशन में बिहार बना नंबर-1, जानिए मुजफ्फरपुर के युवाओं की वैक्सीन को लेकर राय

बिहार की बदहाली का आंकड़ा लोगों के लिए चर्चा का विषय बन जाता है लेकिन कोरोना काल में 18+ की उम्र वालों में वैक्सीन को लेकर बिहार देश में नंबर-1 राज्य बन गया है। हालांकि, पटना में टीके को लेकर अभी कमी बनी हुई है, जिसे जल्द पूरा करने के लिए सरकार काम कर रही है। लोग अगर अच्छा काम करें, तब उनका प्रोत्साहन ज़रूर करना चाहिए। बिहार में टीकाकरण के लिए युवाओं में भी खूब जागरूकता है।

बिहार में टीका ले चुके मुज़फ्फरपुर के कुछ युवाओं से मैंने जानने की कोशिश की कि उन्हें कोरोना का टीका लेने को लेकर मन में क्या शंका थी? इसके साथ ही टीका लेकर आने के बाद उन्हें कैसा महसूस हुआ?

इस कड़ी में सबसे पहले मुज़फ्फरपुर बिहार की रहने वाली स्टूडेंट डॉली ने बताया कि कोरोना के टीके को लेकर वो शुरु से ही उत्साहित थीं लेकिन मन में अफवाहों के कारण थोड़ा डर भी था। वो बार-बार स्लॉट चेक किया करती थीं लेकिन हर बार स्लॉट जल्द ही फुल हो जाता था, जिस कारण वैक्सीन लेने में उन्हें थोड़ी देरी का सामना करना पड़ा मगर कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कोरोना के टीके का अपना पहला डोज़ पूरा किया है।

जूली। फोटो साभार- सौम्या ज्योत्स्ना

उन्होंने अपने साथ अपनी बहन और दोस्त को भी ले जाकर कोरोना का टीका लगवाया है, जिसमें जूली और अभिलाषा शामिल हैं। अपनी बहन जूली के बारे में डॉली बताती हैं कि वैक्सीन लेने के बाद उन्हें 2 सेल्सियस बुखार हुआ था मगर एक-दो दिन बाद बुखार खुद ही ठीक हो गया था।

डॉली। फोटो साभार- सौम्या ज्योत्स्ना

अभिलाषा। फोटो साभार- सौम्या ज्योत्स्ना

मुज़फ्फरपुर बिहार की ही रहने वाली और छात्रसंघ प्रतिनिधि सुप्रिया सिंह बताती हैं कि उन्होंने भी वैक्सीन ले लिया है। हालांकि, वैक्सीन को लेकर उनके मन में आशंका थी कि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना हो जाता है मगर उन्होंने सारी आशंकाओं को परे रखकर वैक्सीन लिया। वैक्सीन लेने के बाद उन्हें हल्का बुखार हुआ, जो कुछ दिन बाद ठीक हो गया। इसके साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन्स का बखूबी पालन किया और लोगों को भी जागरुक करने का प्रयास किया।

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ को लेकर सुप्रिया का कहना है कि पहले जो वैक्सीन ली है, वही वैक्सीन सेकेंड डोज़ में लेना ज़रूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि घबराने या ज़ल्दबाज़ी करने की कोई ज़रूरत नहीं है, जब वैक्सीन उपलब्ध हो, जाकर ले सकते हैं।

सुप्रिया सिंह। फोटो साभार- सौम्या ज्योत्स्ना

वहीं, ज़िला संगठन मंत्री मुज़फ्फरपुर/सीतामढ़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पुरुषोत्तम कुमार बताते हैं कि कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए वो शुरु से ही उत्साहित थे।

इसके साथ ही वो अन्य लोगों को भी वैक्सीन लेने के लिए जागरुक कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्वयं वैक्सीन लगवाने के पहले उन्होंने हज़ार लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरुक किया था। उनके मन में वैक्सीनेशन के प्रति उत्साह था। मन में शंका का कोई विषय नहीं था।

बस थोड़ी-सी यह चिंता थी कि दो-तीन दिनों तक बुखार और शरीर में कमज़ोरी होगी। वैक्सीनेशन के बाद 5-6 घंटे तक उन्हें कुछ नहीं महसूस हुआ। उसके बाद जिस विषय की चिंता थी, तो वह हल्का बुखार और दर्द लगभग 2 दिनों तक रहा फिर पूरी तरह से ठीक हो गया। अब वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने अन्य युवाओं को कहा है कि वैक्सीनेशन लेने से पहले मन में किसी प्रकार की शंका रखने की कोई ज़रूरत नहीं है।

पुरुषोत्तम कुमार। फोटो साभार- सौम्या ज्योत्स्ना

वहीं, मुजफ्फरपुर के रहने वाले ठाकुर दिव्य प्रकाश कोरोना ग्रसित लोगों की मदद भी कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने टीकाकरण में बिल्कुल भी देरी नहीं की और कोरोना के खिलाफ स्वयं को मज़बूत बना लिया। उन्होंने बताया कि कोरोना के टीके को लेकर वो काफी उत्साहित थे। वैक्सीन लेने के बाद उन्हें किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं हुई, जिसके बाद वो कोरोना काल में लोगों तक सही जानकारी समेत अन्य ज़रूरत का सामान भी प।हुंचा रहे हैं।

ठाकुर दिव्य प्रकाश। फोटो साभार- सौम्या ज्योत्स्ना

बिहार के युवा कितने जागरुक हैं, इसके लिए कोरोना वैक्सीन को लेकर उनका उत्साह ही बता रहा है। युवाओं द्वारा साझा की गई जानकारियों से यही साबित होता है कि बिहार का भविष्य अवश्य उज्ज्वल है। बस उसे युवाओं को सही स्कोप देने की ज़रूरत है। कोरोना काल में ही जागरुकता की लहर द्वारा बिहार के युवाओं ने बता दिया है कि कोरोना से जंग लड़ने के लिए वे एकदम तत्पर हैं। 

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