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सोशल मीडिया के युवाओं एवं बच्चों पर पड़ते दुष्प्रभाव और कमज़ोर होते रिश्ते

सोशल मीडिया के युवाओं एवं बच्चों पर पड़ते दुष्प्रभाव एवं कमजोर होते रिश्ते

हम सब जानते हैं कि आज जो भी कुछ जीवन मे हो रहा है, वह इंटरनेट के जरिये ही हो रहा है। सच कहूं, तो इंटरनेट के बिना आज ऐसा लगता है जैसे जीवन ही ना हो। आज हमारे जीवन का मुख्य भाग एक सोशल मीडिया या इंटरनेट बन चुका है।

देखा जाए, तो हकीकत यह है कि हम जब सुबह उठते हैं, तो सबसे पहले दिन की शुरुआत सोशल मीडिया के जरिये ही करते हैं और रात को जब सोते हैं, उस समय भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। इसके देखे बिना नींद आना ही मुश्किल ही नहीं, अब ना मुमकिन सा हो चुका है। सच कहूं, तो हमारे एक-दूसरे से मिलने का मौका खोने का मुख्य कारण सोशल मीडिया है, जिसने सभी को जीवन में व्यस्त बना दिया है।

 सोशल मीडिया के कुछ फायदे हैं, जिससे कुछ काम आसान हो चुके हैं 

जी, बिल्कुल सोशल मीडिया के नुकसान ही नहीं बहुत से फायदे भी हैं। किसी भी सूचना को चंद सेकंड में दुनिया भर में फैलाने का काम सोशल मीडिया के जरिये ही होता है।

 सोशल मीडिया से बच्चो की पढ़ाई हुई बहुत आसान 

आज कोरोना संक्रमण काल में बच्चों की पढ़ाई का बिल्कुल भी नुकसान नहीं हुआ है। सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं। हाईस्कूल-इंटरमीडिएट से लेकर SSC, IAS-PCS सभी तरह की शिक्षा सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है और बच्चे बहुत आसानी से लाइव वीडियो चलाकर अपने मन में आए प्रश्नों को भी पूछ सकते हैं और उनके जवाब भी पा सकते हैं।

सोशल मीडिया बहुत ही लाभदायक है, दिन-रात किसी भी समय आप अपनी बात को एक-दूसरे तक पहुंचा सकते हैं। चाहे कोई खुशी में हो या आपदा में किसी भी समय सोशल मीडिया के माध्यम से हम एक-दूसरे से मदद ले सकते हैं। अगर आप ज़्यादा व्यस्त हैं, तो सोशल मीडिया के माध्यम से अपने परिवार एवं मित्रों से बात कर सकते हैं।

आजकल आपको किसी भी जगह जाना हो, तो किसी से भी रास्ता पूछने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि कई बार लोग जानबूझकर गलत रास्ता भी बता देते हैं। लेकिन अब घबराने की बात नहीं है, क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से आप दुनिया के किसी भी कोने में सही जगह पर पहुंच सकते हैं। जी, हां गूगल मैप के माध्यम से आप किसी भी जगह आसानी से पहुंच सकते हैं। अब आपको किसी से रास्ता पूछने की ज़रूरत नहीं है।

 सोशल मीडिया के कारण होने वाले नुकसान 

देखा जाए, तो सोशल मीडिया के कुछ फायदे भी हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। हमें सोशल मीडिया के नुकसान के बारे में भी सोचना चाहिए ताकि उन सभी बातों से बचा जा सके।

 रिश्तों का महत्व अब सीमित होने लग गया है  

जब से सोशल मीडिया दुनिया भर में फैलना शुरू हुआ है, उतना ही लोगों का एक-दूसरे से मिलना भी कम हुआ है। आज हम सोशल मीडिया में इतने खो चुके हैं कि अपने रिश्तेदारों को भी भूलते जा रहे हैं। बच्चे भी अपने माँ-बाप से ज़्यादा सोशल मीडिया में व्यस्त हो चुके हैं, अगर माँ-बाप किसी बात को समझा रहे हैं और बच्चा सोशल मीडिया में लगा हुआ है, तो वह उनकी बातों को अनदेखा कर रहा है।

 छोटे बच्चों में कम आयु में आंखों पर चश्मा लगने का मुख्य कारण सोशल मीडिया है 

आपने पहले देखा होगा चश्मा सिर्फ बुजुर्गों को ही लगता था, लेकिन आज छोटे-छोटे बच्चों को भी चश्मा लगने लगा है। आखिर क्यों? बच्चो की आंखों पर चश्मे लगने का मुख्य कारण पढ़ाई नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया है। बच्चे सोशल मीडिया में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें समय का भी पता नहीं रहता। ऐसा लगता है जैसे अभी-अभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने बैठे हैं।

लेकिन, कुछ दिन बाद आंखों पर चश्मा लगने की स्थिति आ जाती है, उसके बाद माँ-बाप के साथ-साथ बच्चे भी चश्मा लगने के बाद इस बात पर ध्यान देते हैं।

नशा बन चुका है सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना 

जवान या बच्चे ही नहीं, बल्कि इसके शिकार बुजुर्ग भी होने लगे हैं। देखा जाए, तो इसे एक प्रकार का नशा भी कहा जा सकता है। दिन हो या रात, धूप हो या बारिश बस लोगो को सोशल मीडिया ही दिखता है, चाहे बिना वजह ही इस्तेमाल करना हो। आजकल सब थोड़ी-थोड़ी देर में सोशल मीडिया पर अपडेट लेना चाहते हैं जैसे सभी कामों को छोड़कर यही सबसे ज़रूरी काम है।

मेरा, तो यही कहना है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करो, लेकिन अपनी ज़रूरतों के अनुसार, यह सब कुछ हमारे लिए ही बना है। हम सब इसका इस्तेमाल कुछ इस प्रकार से करें कि यह हम सब के काम आए और सभी को इसका फायदा हो।

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