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बिहार में सुशासन की सरकार आम जनमानस के हितों की रक्षा के हर पहलू पर विफल साबित हुई

बिहार में सुशासन की सरकार आम जनमानस के हितों की रक्षा के हर पहलू पर विफल साबित हुई

बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में लगातार लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है और अधिकारियों को कोरोना से सम्बन्धित सख्त दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। वहीं इसी महीने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 मई को प्रदेश के लोगों से एक मार्मिक अपील ट्वीटर पर की है। उन्‍होंने सभी आम जनमानस से आग्रह किया है कि कोरोना काल में शादी नहीं करें। इस अपील के बाद कई ऐसे युवक-युवती, जिनकी शादी तय हो गई थी, उन्‍होंने अपनी शादी अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित कर दी है।

लेकिन, सीएम साहब के अपील के बाद ही बिहार के अररिया ज़िले के डीएम साहब शादी के लिए छुट्टी पर निकल लिए, जिस समय जब राज्य के सीएम पूरे प्रदेश के लोगों से शादी टालने की बात कर रहे हैं। इस समय जब अररिया ज़िले में कोरोना के केसों की दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है और लोगों की मौत हो रही है। इस स्थिति में ज़िले के नर्स- डॉक्टर सबकुछ छोड़कर इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए जंग लड़ रहे थे। वहीं इन सबके बीच ज़िले के मुखिया स्वयं अपने ज़िले को ऐसी हालत में छोड़कर शादी के लिए निकल गए।

वहीं, बीते कुछ दिनों पहले की बात ही है। जब सत्ताधारी दल अररिया के रानीगंज से जेडीयू विधायक अचमित ऋषिदेव की पत्नी का निधन हो गया, आप जानेंगे नहीं क्यों हुआ? उनकी पत्नी का निधन अररिया सदर अस्पताल में वेंटिलेटर चालू नहीं होने के कारण उनका हुआ था और यहां स्वयं ज़िलाधिकारी ही शादी करने के लिए छुट्टी पर हैं।

अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, बेटी ने खुद गड्ढा खोदा और मां को दफनाया

पता है मुख्यमंत्री जी! इसी अररिया ज़िले के रानीगंज में एक पुत्री ने स्वयं पीपीई किट पहन कर कोरोना पॉज़िटिव अपनी मां को दफन किया है। युवती के पिता की मौत चार दिन पहले ही कोरोना के कारण हुई थी।  मृतक की बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने अपनी मां के शव को गड्ढे में डालकर अंतिम संस्कार किया। इस दौरान दूर से देख रहे गाँव वालों के आंसू नहीं थम रहे थे। आपको बता दें कि पिता और मां के इलाज में काफी पैसे खर्च हो गए थे, इस कारण इन बच्चों के पास विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे।

इसी ज़िले में मरीज़ों को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलने से बहुत व्यक्तियों ने अपना दम तोड़ा है, तो वहीं ज़िले में वर्षों से कई एम्बुलेंस पड़े-पड़े सड़ रहे हैं। हमारे ज़िले की स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत ऐसी नरकीय है कि क्या बतलाए? मुख्यमंत्री जी, आप जिस प्रसिद्ध साहित्यकार के द्वार पर जाकर एक बार समारोह किए थे, उसी के गांव जाकर वहां देखिए, आपको खुद पर शर्म आ जाएगी।

बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था एवं प्रशासन दोनों ही बदहाली की भेंट चढ़ चुके हैं 

मुख्यमंत्री जी, कभी किसी अनऑफशियल नंबर से कभी-कभी बिहार के किसी भी ज़िले के डीएम, एसपी साहब को फोन करके देखिए फ़ोन नहीं उठाने वालों की लिस्ट में सबसे आगे अररिया के अधिकारी ही होंगे, आप एक बार आजमा कर देखिए।

हमारे ज़िले के कई गाँवों में ऐसे पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्र, जो करोड़ों की लागत से बने हुए हैं और बहुत वर्षों से बंद पड़े हैं, लेकिन हमको वहां ना कभी एएनएम, डॉक्टर, नर्स अन्य कर्मचारी ना कभी दिखें ना कभी दिखेंगे, क्योंकि सब की ड्यूटी सिर्फ कागज़ों पर ही चल रही है। हमारे राज्य में आपके विकास की गंगा ऐसी बही कि सब कुछ डूब ही गया।

खैर, इस ज़िले को एक ऐसा काबिल आईएएस अधिकारी दीजिए, जो आपके विकास का झंडा ज़िले भर में ही गाड़ सकें और आपकी संवाद को जनता के बीच और जनता की संवाद को आपके बीच पहुंचाने में सक्षम हो सके और ज़िले की तरक्की के लिए दिन दुगनी रात चौगुनी मेहनत करे।

डीएम साहब इस महामारी में आपके ज़िले को आपकी ज़रूरत थी। आप शादी कभी भी हो सकती थी, अगर आप अपनी शादी कुछ दिनों के लिए टाल देते, तो समाज के लिए एक मिशाल बनते। आप अपनी शादी के तुरंत बाद भी अपने ज़िले को इस महामारी से बचाने के लिए आ जाते, तो यह भी अपने आप में बहुत ही बड़ी बात होती और एक अच्छा मैसेज लोगों के बीच पहुंचता।

डीएम साहब आप आम जनमानस से ज़िम्मेदारी सीखिए 

अजिताभ तिवारी की शादी सात मई 2021 को होनी थी। वे भागलपुर के आदमपुर मोहल्ले में ही रहते हैं। हालांकि, उनका पैतृक घर बांका ज़िले में है। अजिताभ तिवारी (पिता सच्चिदानंद तिवारी) अमरपुर के विश्‍वंभरचक निवासी हैं। अजिताभ का तिलक, रिंग समारोह और फलदान 11 दिसबंर 2020 को हुआ था।

अजिताभ के पिता सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि शादी की तैयारी की जा रही थी। होटल बुक हो गया था। शादी के लिए सारा सामान खरीदा जा चुका था। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण का दूसरा चरण शुरू हो गया, ल‍ेकिन शादी की तैयारी चलती रहीं। पिछले दिनों बिहार में लॉकडाउन लग गया, लेकिन शादी पर रोक नहीं थी। इसलिए सोचा गया कि जब सारी तैयारी हो गई है, तो किसी तरह शादी हो जाए।

इसके बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना काल में आम जनमानस से शादी नहीं करने की अपील की। उनके अपील का ऐसा असर हुआ कि उन्‍होंने शादी को अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित कर दिया। सच्चिदानंद तिवारी, वेद विद्यापीठ गुरुधाम बौंसी स्थित संत श्‍यामाचरण संस्‍कृत विद्यापीठ में प्रोफेसर हैं।

अजिताभ ने अपने एक ज़िम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाया 

अजिताभ तिवारी, सेंट टेरेसा स्कूल के शिक्षक हैं। उन्‍होंने सभी लोगों से अपील की है कि कोरोना काल में शादी समारोह के आयोजन से वायरस का प्रसार ज़्यादा होगा। इसलिए इस दौरान शादी का उत्‍सव ना मनाकर, पहले कोरोना को हराने के लिए टीकाकरण उत्‍सव मनाएं। सभी लोग कोरोनारोधी टीका लगावाएं। विवाह, तो बाद में भी हो जाएगा। पहले इस कोरोना रूपी दानव को हराना ज़्यादा ज़रूरी है।

नासिक (महाराष्ट्र )में कार्यरत अजिताभ तिवारी के बड़े भाई अमिताभ तिवारी ने कहा कि अभी किसी भी प्रकार के समारोह के आयोजन का दिन नहीं है। उन्‍होंने कहा कोरोना का यह चरण जब समाप्‍त हो जाएगा, तभी शादी होगी। इस दौरान सुरक्षि‍त रहें, मास्‍क का प्रयोग करें। शारीरिक दूरी का पालन करें। कोरोना गाइडलाइन का कभी भी उल्‍लंघन नहीं करें। यात्रा से बचें। हम और आप सुरक्षि‍त रहेंगे तभी देश बचेगा। उन्‍होंने सभी से कोरोनारोधी टीका लगवाने की अपील की है। घर पर रहें, सुरक्षित रहें और मास्‍क का प्रयोग अवश्य करें।

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