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क्या भारत देश मे Dating Apps जरूरी हैं?

आप मोबाईल मे गेम खेल रहे हैं या वीडियो देख है, अचानक स्क्रीन पर एक 10 सेकेंड का वीडियो उभर आता है जिसमे कामुक सी एक भारतीय महिला आपसे निवेदन कर रही होती है कि आप फलाँ एप डाउनलोड करें और मुझसे दोस्ती करें, और ढेर सारी बातें करे,

 

बहुत से लोगों को यह सामान्य लगता होगा

बहुत से लोग यह भी सोच कर प्रतिक्रिया नही देते कि क्या फर्क पड़ता है सिर्फ़ 10 सेकेंड ही तो बर्बाद किए वेसे भी सब फ्रि तो है

दोस्तो कुछ फ्रि नही है जो फ्रि मिल रहा है भविष्य मे उसकी बहुत बढ़ी कीमत आप चुकाएंगे, जानिए कैसे – 

 

इस तरह के विज्ञापन देश में आए दिन लॉन्च हो रही नई – नई डेटिंग ऐप के पमोशन और प्रचार के लिए इंटरनेट युजर को जबरदस्ती परोसे जाते हैं 

 

स्क्रीन पर जबरदस्ती प्रकट हो जाने वाले इस तरह के अधिकतर विज्ञापनों मे मॉडल एक भारतीय महिला या युवती ही होती है,

ज्यादातर ऐड कामुक होते हैं यानी मॉडल को इस तरह प्रजेंट किया जाता है जैसे वो काम वासना के लिए साथी ढूंढ रही हो

 

कुछ विज्ञापन बेहद ही अश्लील होते हैं जो आपको परिवार के समक्ष या सार्वजनिक स्थल पर अचानक प्रकट होकर बेहद लज्जित मेहसूस करा सकते हैं

 

बहुत से लोग आजकल वेसे भी अलग रहना ही पसंद करते है और इस तरह कि ऑक्वर्ड सिचुएशन को अवॉइड करने के लिए भी परिवार के साथ समय बिताने के बजाए एकांत मे जाना ज्यादा पसंद करते हैं,

 

तो इस स्थिति के कारण परिवार से और दूरी तो बन ही जाती है बच्चे मम्मी-पापा से अलग होकर मोबाइल मे घुसे रहते हैं और मम्मी-पापा, बच्चों से अलग होकर , इस तरह एक ही परिवार के लोग साथ रहते हुए भी खुद को अकेला मेहसूस करने लग जाते हैं, 

 

यही प्रथककरण आगे चल कर लोगों को और बच्चो को इस तरह के डेटिंग ऐप्स कि जरूरत भी महसूस कराने लगता है जो कि हमारे देश मे कतई जरूरी नही यदि हम अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुसार उचित व्यवहार करें

 

दूसरी बात विज्ञापन मे एक्टिंग के नाम पर ही सही किंतु महिलाओं और युवतियों को इस तरह पेश करना कि वो अपने पति या परिवार से खुश नही और अपने लिये साथी ढूंढ रही है क्या यह भारतीय महिलाओं के प्रति लोगो कि मानसिकता को बहुत अधिक दूषित नही कर रहा? 

 

इसीलिए कुछ महत्वपूर्ण सवाल तो बनते है मसलन – 

 

क्या ये अनैतिकता को बढ़ावा तो नही दे रहा ?

 

क्या यह शादी शुदा लोगों को अपने ही साथी से चीटिंग करने के लिए प्रेरित करने या चीटींग का साधन उपलब्ध करा कर परिवारों को तोड़ने का कार्य नही करता ? 

 

क्या ये शादी शुदा जोड़ो मे से ऐक को बेहद तकलीफ देकर आत्महत्या करने पर विवश नही करता, जब उसे अपने जीवनसाथी के इस तरह कि हरकतों का पता लगता है ?

 

क्या ये अवयस्क बच्चों जिन पर या तो मजबूरी वश या लापरवाही के कारण माँ बाप का नियंत्रण या पूर्ण ध्यान नही है उनको समय से पहले गैर जरूरी संबंध मे बंध कर शारीरिक और मानसिक रूप से वेदना देने मे सहायक नही है?

 

क्या ये बच्चीयों और महिलाओं के प्रति यौन हिंसा को बढ़ावा नही देगा ? 

 

क्या यह हमारी बची कुची संस्कृति को तहस नहस नही करता ? 

 

क्या इस से यह अंदाजा नही लगता कि कुछ लोगों कि मानसिक स्थिति इतनी खराब है कि वे पैसा छापने के लिए भारत जैसे देशों मे गैर पारम्परिक व अनैतिक कार्यों को बढ़ावा देने के साधन उपलब्ध करा रहे हैं? 

 

पति पत्नी छोटी-मोटी कलह के बाद आपस मे सुलह करने के बजाय डेटिंग एप पर मन बहलाने के लिए नया पार्टनर ढूंढ लेते हैं जिससे उनके अलग होने कि नौबत आ जाती है यह सब देखकर बड़े हो रहे उनके बच्चो पर भी गलत असर पड़ता है,इस तरह कि फिजूल सहूलियत कई शादीयाे के टूट जाने का कारण है

 

इतने आसानी से रिश्ते आनलाइन मिलने लगे तो रिश्तों कि अहमियत कितनी बचेगी सिर्फ न के बराबर, 

 

इसीलिए इन्हे भारत मे बन्द करना सरकार कि जिम्मेदारी है 

 

बहुत से लोगों को अभी भी इसमे कोई बुराई नजर नही आ रही होगी वो इसलिए क्योंकि उनमे दूरदर्शिता कि और सामाजिक जिम्मेदारी कि कमी है

इसका कतई यह मतलब नही है कि मेरा इस विषय में चिंतित होना बेकार है

 

अंत मे निवेदन है जिन लोगों को यह विषय गम्भीर लगता है वे प्रयास करें इस कुप्रथा को भारत देश में पनपने न दें और इस चिंता को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचाने का प्रयास करें ताकि वे सतर्क हो सके, 

 

यदि पुरा लेख पढ़ रहे तो बहुत

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अश्वनी सोनी

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