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दिल से नाचो बदन से नही

कहते है कोई भी इंसान एक सा नहीं होता सब मे कुछ ना कुछ अलग छुपा होता है और नृत्य इनमे से ही एक है | जब हम कोई भी काम अपनी पूरी इच्छा से करते है तो उसमे कुछ अलग सा नजर आता है और यही अलग मुझे नजर आया उस एक लड़की मे, यकीन मानिये  सिर्फ गाने की धुन और उसका नाचना नहीं था बल्कि उसको खुद कों उसमे पूरी तरह  डूबा महसूस किया जैसे कोई देख ही ना रहा हो अलग अलग धुन के साथ अलग अलग बदलाव |  एक चीज़ जो उसके चेहरे से नहीं हटी थी वो थी उसकी हसीं अब कितना भी जरुरी काम क्यों ना हो लेकिन लगता है एक बार और देखा जाये आखिर एक कलाकार कों भी उसकी कला का एहसास दिलाने वाले दर्शक ही होते है एक तरीके से आइना कह लीजिये | सोचता हुँ की वो उस तेज़ रफ़्तार मे गुजरी ट्रेन की तरह है जिसका हर स्टेशन नया है क्या कोई इतना मन लगा के भी काम कर सकता है? इनको देखने के बाद इन सवालों पे भी ताले पड़ जाते है कुछ समय के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा आपका घेराव करके कहती है की आप अच्छे समय कों जी रहे है उसकी अदाए किसी मासूम की तरह लगती है जो की दुनिया के शोर – सराबे से दूर अपने ही खेल मे लगी होगी और यही उसका प्रोत्साहन है आपको पता है जब हम कुछ जीतने के लिए नहीं खेल रहे होते तभी हम सबसे बेस्ट दे रहे होते है | तुम ऐसे ही गुजरी ट्रेन से आते हुए इस अफरा तफरी मे ठहराव का काम करते रहो |

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