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महिलाओं के खिलाफ़ अपराध और हिंसा की भूमि बनता जा रहा उत्तर प्रदेश

जब से उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने है तब से ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश की मिट्टी का कण कण बेटियों के आँसुओं और खून से रंग गया है। उत्तर प्रदेश को योगी सरकार ने बेटियों के ख़िलाफ़ अपराध और हिंसा की भूमि बना दिया है। महिलाओं के उत्पीड़न और अपराध में तेजी से वृद्धि हुयी है. योगी जी और उनकी सरकार द्वारा केवल मूक दर्शक बन कर एक के बाद एक महिलाओं और मासूम बच्चियों पर होते अपराध को चुप चाप देखे जा रहे है. अपराधियों पर कार्यवाई करके दंड देने के जगह उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है उदाहरण के तौर पर कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानन्द केस में योगी सरकार ने आरोपियों को किस प्रकार बचाया था जग जानता है.

कुलदीप सिंह सेंगर का मामला जबतक मीडिया में नहीं आया, तबतक पीड़िता न्याय के लिये दर दर भटकती रही, पीड़िता को न्याय नहीं मिला. पीड़ित लड़की के पिता की पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत होने के बाद पीड़िता ने आत्मदाह की कोशिश की और आप सब ने मुद्दें को उठाया तब जाकर न्याय मिला. लेकिन उसका पूरा परिवार खत्म हो गया. चिन्मयानंद मामलें में क्या हुआ, पूरे देश में किसी से छिपा नहीं है. योगी आदित्यनाथ जी ने अपने और अपने नेताओं पर लगे मुक़दमे हटाना शुरू किया तो उसमें योगी सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज रेप का मुक़दमा वापस लेने का फैसला लिया था. लेकिन पीड़िता साध्वी के अड़े रहने की वजह से सरकार इसमें सफल नहीं हो सकी और ये फैसला उस वक्त लिया था, जब बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगा था. महिलाओं और उनपर हो रहे अपराध को लेकर योगी सरकार कितनी असंवेदनशील है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

योगी सरकार के कार्यकाल में देवरिया और कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में बालिकाओं के साथ घटित डरावनी खबर आप सभी जानते ही है. आगरा में आरोपियों ने रेप पीड़िता को कार से कुचलने का प्रयास किया और कासगंज में रेप पीड़िता को आरोपियों ने ट्रैक्टर से कुचलकर मार दिया. जालौन में लड़कियों ने छेड़छाड़ का विरोध और शिकायत की तो पुलिस ने लड़कियों को जेल में डाल दिया और प्रताड़ित किया, उसके बाद लड़कियां घर आकर आत्महत्या कर लेती है. उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन महिलाओं के साथ होने वाले अपराध तेजी से बढ़ रहा है.

उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार, होनहार बेटी सुदीक्षा भाटी जिसे 3 करोड़ 80 लाख की स्कालरशिप अमेरिका से मिली थी. वह अपने चाचा के साथ मामा के घर जाते समय मनचलों की छेड़खानी से बचने के दौरान औरंगाबाद में सड़क हादसे में मौत हो गयी थी. गाज़ियाबाद में भांजी के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर कुछ मनचले गुण्डे किस तरह बेरहमी से पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या कर दिये थे। क्योंकि पत्रकार विक्रम जोशी पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने गये थे, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया और उसके बाद छेड़छाड़ करने वाले युवक पत्रकार के घर पर बोतलें फोड़ते हैं। जिसके बाद पत्रकार विक्रम जोशी फिर पुलिस को फोन करते है लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाई नहीं होती है। जिसके कारण मनचलों के बुलंद हौसलें पत्रकार विक्रम जोशी को मौत के घाट उतार देती है. अगर योगी आदित्यनाथ की सरकार और पुलिस बेटियों की सुरक्षा को लेकर थोड़ी भी संवेदनशील होती और समय पर कार्यवाई करती तों बेटियों के सामने पिता की हत्या नहीं होती.

एकबार फिर एक बाप हाथरस में अपनी बिटियां की आबरू की रक्षा कर रहा था. जो की गुंडों को पसंद नहीं आया और गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी की तरह हाथरस में भी मनचले गुंडे ने पिता को बेटियों के सामने गोलियों से छलनी कर दिया। कुछ दिन पहले ही हाथरस में अपराधियों को बचानें और अपनी छवि को बनाये रखने के लिये योगी सरकार किस हद तक गयी थी वो भी किसी से छिपा नहीं है.

उत्तर प्रदेश की हर बेटी भयमुक्त, सम्मान से जीना चाहती है , लेकिन क्या वह इस आत्ममुग्ध विज्ञापन और भाषण वाली योगी सरकार के राज में सम्मान से जीवन यापन कर पा रही है?

ऐंटीरोमियों स्क्वॉड क्या कर रहा है? मिशन शक्ति किस लिये बना था? वीमेन हेल्प लाइन नंबर का क्या हुआ? योगी जी आप की पुलिस क्या कर रही है? योगी जी जीरो अपराध के झूठे दावे कब तक करते रहेंगे? योगी जी मामला मीडिया में आने पर सहानुभूति जता कर और पीड़ितों को मुआवजा देकर कब तक जिम्मेदारी से भागेंगे?

समाजवादी सरकार के कार्यकाल में महिला हेल्पलाइन 181 तथा महिला पावर लाइन 1090 की व्यवस्था की गई थी। हेल्प लाइन 181 से प्रसूताओं को अस्पताल लाने ले जाने की सुविधा थी और 1090 सेवा महिलाओं से सम्बन्धित अपराध नियंत्रण में सहायक थी। समाजवादी कार्यकाल में वूमेन पॉवर लाइन 1090 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन चुकी थी. डायल 100 के रूप में अखिलेश जी द्वारा उत्तर प्रदेश वासियों के लिये बिना थाने गये घटनास्‍थल पर 20 मिनट में पुलिस पहुँचने वाली सेवा शुरू की गयी थी लेकिन योगी सरकार के बनते ही सभी योजनाओं को राजनैतिक द्वेष के कारण लगभग निष्क्रिय कर दिया गया है. जिसके कारण उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर है. योगी जी महिला सुरक्षा के लिये कुछ नया नहीं कर रहे है तों समाजवादी सरकार द्वारा शुरू की गयी योजनाओं को ही सुचारू रूप से चला लीजिये, अपराध में कमी आ जायेगी.

योगी जी आप हमेशा दावा करते है कि ”यूपी में न्यूनतम अपराध हैं और लॉ एंड ऑर्डर बेहतर स्थिति में है और आगे भी बेहतर स्थिति में रहेगा.” लेकिन NCRB और अन्य संस्थाओं के द्वारा जरी आकड़ो में उत्तर प्रदेश अपराध में अव्वल होता जा रहा है. यहाँ अपराध और अपराधी दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहे है.

योगी जी और उनके नेताओं द्वारा एक बात और कहा जा रहा है कि ‘उत्तर प्रदेश में रामराज है’. योगी जी ये आपका कैसा’रामराज’ है जिसमें महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं? क्या जय श्रीराम का उदघोष मात्र और भगवा धारण कर लेने मात्र को रामराज समझ लिया है? आपके उत्तम प्रदेश में जहाँ हर दिन 11 से 12 रेप केस दर्ज होते है. और देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8% उत्तर प्रदेश से है. वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 56,011 मामले सामने आए थे, साल 2018 में 59,445 मामले और वर्ष 2019 में  59,853 मामले सामने आये थे. जो यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में साल दर साल राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.

योगी जी आप के द्वारा जिस प्रकार से आंदोलनकारियों को आंदोलन करने और किसानों को दिल्ली पहुँचने से रोकने के लिये कई लाइन की बैरिकेडिंग, सड़के खोदना, कई बटालियन फोर्स की टुकड़ी लगा देना और सड़कों पर किले गाड़ देना, किसानों को दिल्ली पहुँचने से रोकने का अच्छा प्रयास था। काश ऐसे ही प्रयास बेटियों के साथ हो रहे हत्या, बलात्कार, अपहरण,उत्पीड़न, छेड़छाड़ आदि पर लगाने की भी करते तो शायद बेटियों के हत्यारे, बलात्कारी और मनचलें भी उन तक नही पहुँच पाते।

लेकिन नहीं उत्तर प्रदेश सरकार का तो आत्ममुग्धता और सत्ता के अहंकार में जनता की आवाज सुनने, हक और न्याय देने की जगह, जनता की आवाज दबाने, न्याय का गला घोंटने पर ज्यादा ध्यान है। उसी का परिणाम है कि हाथरस, बाराबंकी,बलरामपुर, भदोही और उन्नाव जैसी घटनायें लगातार बढ़ती चली जा रही है। केवल जगह और स्थान का नाम बदल रहा है अपराध और क्रूरता वही है।

लंबे-लंबे भाषणों, TV, अखबार, होल्डिंग और मेट्रो को झूठे विज्ञापनों के बल पर अपनी साख बनाने वाली योगी सरकार उप्र की बेटियों के लिये अभिशाप बन गयी है, बेटियों के ख़िलाफ़ अपराधों और हिंसा को छिपाने के लिये झूठे विज्ञापनों, चारण पत्रकारों और मीडिया चैनलों का सहारा ले रही है लेकिन अब जनता योगी सरकार की इस चाल को भी जान चुकी है.

चारण मीडिया, विज्ञापनों और भाषणों के द्वारा बुना गया, जीरो अपराध, रामराज और उत्तम प्रदेश को पोल खुल चुकी है. सत्ता की आत्ममुग्धता और अहंकार से बाहर निकलिये और प्रदेश में मची चीख पुकार को सुनिये और उन्हें न्याय दीजिये, उन्हें दबाने और छिपाने के चक्कर में उत्तर प्रदेश बेटियों के ख़िलाफ़ अपराध और हिंसा की भूमि बनता जा रहा है.

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