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सुशांत सिंह राजपूत एक अभिनेता जिसकी मौत को अपने फायदे के लिए किया कई लोगो ने इस्तेमाल

14 जून 2020 मुझे आज भी याद है में अपने भाई बहन के साथ बैठा बाते कर रहा था जब इंटरनेट पर हमने ये खपबर पढ़ी की मशहूर फिल्म अभिनेता और युवा एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जी ने आत्महत्या कर ली सुन कर काफी अजीब लग और दुख भी लगा था क्योंकि सुशांत सिंह को हम सब एक ऐसे अभिनेता के रूप मैं जानते थे जो हमेशा खुश रहता था जिंदादिल था सब कुछ था उसके पास एक अच्छा कैरियर, करोड़ो की जायदाद ऐसे में वो आत्महत्या करेगा ये सोच के ही बाहर था कुछ ही दिनों पहले मैंने उनकी और श्रद्धा कपूर की फ़िल्म छिछोरे देखी थी अब में उन्हें कामो भी बुलाता था जो उस फिल्म उनके दोस्त सेक्सा बुलते थे, सच में दुख हुआ कि वो सुशांत सिंह जिसने पहले सीरियल पवित्र रिश्ता मैं काम किया फिर काय पो चे, पी के, केदारनाथ और फिर छिछोरे जैसी मज़ेदार फिल्मे दी वो दुनिया को अलविदा कह गया पर उसके बाद जो हुआ वो बतौर सुशांत के फैन मुझे ऐसा लग की मेरे हीरो की चिता पर रोटियां सेकी गयी हो जिसमें एक आने वाला चुनाव था और कई मीडिया हाउसेस के लिए TRP।

रिया चक्रबर्ती जो सुशांत की गर्लफ्रैंड थी जब वो उनके जनाज़े मैं आयी तो सोशल मीडिया पर उनकी खूब खिल्ली लोगो ने उड़ाई मैं रिया चक्रबर्ति को मेरे मानपसन्दीदार फ़िल्म मैं से एक मेरे डैड की मारुति की लीड अभिनेत्री थी साक़ीब सलीम लीड एक्टर थे, लेकिन ये जो ट्रॉल्लिंग थी सोशल मीडिया पे वो कुछ दिनों में रुक गयी पर फिर एक तूफान आया सुशांत के परिवार ने रिया पर केस किया कि वो उनके बेटे से पैसे हड़प रही थी जिसकी कुल रकम 4 करोड़ थी, फिर क्या मीडिया वाले गिद्ध की तरह पीछे ही पड़ गए।

मुझे आज भी टी-वी पर देखा कि किस तरह मीडिया वाले रोज़ उनके घर के बाहर जमावड़ा लगाए बैठे होते थे जब भी रिया या उनके परिवार वाले बाहर जाते या घर आते तो पीछे पीछे अपने माइक ले कर गिद्धों की तरह कुछ बेशर्म पत्रकार पीछे पड़ते रिया चक्रवर्ती की गाड़ी का पीछा हुआ, हमारा संविधान कहता था कि जब तक गुनाह साबित न हो जाये आप बेगुह है पर मीडिया चैनलो मैं बैठा कुछ चिलाने वाले संपादकों ने ताय कर ही लिया था कि रिया गुनहगार है इसको सबक सिखाना ही होगा, इसी बीच रिया और मशहूर फिल्म निर्माता महेश भट्ट की बीच की हुई व्हाट्सएप्प चैट्स को मीडिया ने खूब टीवी पर दिखाया हालांकि ये बता दे कि 2016 मैं सुप्रीम कोर्ट ने राइट टू प्राइवेसी को हमारा संविधानिक अधिकार बताया था तो मीडिया हाउस ने इसी संविधानिक अधिकार का उलंघन किया और ये वो व्हाट्सएप्प चैट्स थी जिन्हें रिया ने दिया था इन्वेस्टिगेशन टीम्स को तो बाहर मीडिया वालों को लीक कैसे हुई ये भी जानना ज़रूरी है क्योंकि ये भी कानून का उलंघन है, इन चैट्स के ज़रिए ये दिखाने की कोशिश की इंटरनेट ट्रोलर्स ने की महेश और रिया दोनों का चक्कर चल रहा है हालांकि उन चैट्स मैं ऐसा कुछ भी नही था जो इस बात की तरफ इशारे करे नार्मल सी बातें थी जैसा एक शख्स दूसरे शख्स से करता है।

                                                                                   (सौजन्या : गल्फ न्यूज)

मुझे वो भी बात याद है कि जब रिया चक्रबर्ती के पड़ोसी को खाना पहुंचने गए एक डिलीवरी बॉय को मीडिया वालों ने घेर कर सवाल पूछने शुरू कर दिया क्योंकि उनको लगा कि ये रिया को खाना देने गया था,जबकि खाना पहुंचना चाहे गुन्हेगार को हो या किस बेगुनाह को अपराध नही है भारत के संविधान मैं या किसी भी देश के संविधान में ये वो तस्वीर थे भारतीय मीडिया को शर्मसार कर दिया।

इन मीडिया में बैठे गिद्धों ने खुद मीडिया वालों को भी नही बक्शा, हुआ यूं जब ये मामला तूल पकड़ने लगा तो इंडिया टुडे मीडिया ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर और मशहूर पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने रिया चक्रबर्ति का इंटरव्यू लिया तांकि कमसे कम रिया अपनी बात रख सके जो कोई नही रख रहा था वो भी तब जब रिया और उनके भाई शोबित को गांजा लेना वाला नशेड़ी बताया गया, उस वक़्त राजदीप जी अपनी जिमेदारी निभाते हुए रिया का पक्ष सेबको सुनाया जो उसका संवैधानिक अधिकार था इसके बाद राजदीप की बेइज़ती भी हुई उनको न सिर्फ ये ऑनलाइन ट्रोलर्स ने बल्कि कुछ मीडिया हाउसेस ने भी बदनाम किया क्योंकि राजदीप अपनी ड्यूटी कर रहे थे उनमें से एक ऐसा भी न्यूज़ चैनल था जिसका संपादक राजदीप सरदेसाई के साथ काम कर चुका था पर आज कल पत्रकारिता के नाम पर चाटूकारिता कर रह है।

सुशांत एक बहाना बना बिहार चुनाव का।

2020 मैं जैसा सब जानते है कि बिहार के चुनाव थे और सुशांत मुलताह बिहार के ही रहने वाले थे चुनाव से पहले सुशांत की मौत सियासी हत्यार भी बन गयी, सब पार्टियों के नेता नीतीश कुमार से बिहार चुनावों से पहले चिट्ठियां लिखने लगे सशंत की हत्या की जांच के लिए पर सबको पता था कि नीतीश इसमें कुछ कर ही नही सकते थे क्योंकि सुशांत की मौत बिहार में नही महाराष्ट्रा मैं हुई थी जहाँ उद्धव ठाकरे की सरकार थी असल में उनका असल निशाना बिहार के राजपूत वोटबैंक पर था जो कि 4% था और सुशांत के फैन भी थे काफी बिहार में जिन्हें ये नेता अपनी तरफ करना चाहते थे, ये हमेशा से ही बिहार चुनाव ही था जिसकी वजह से सुशांत की मौत को मीडिया में तूल दिया गया, हमारा महान एक्टर सियासत की बाली चढ़ गया और इसे एक और बात सामने आती है जो कि एक और गंदी सियासत जो महाराष्ट्र की सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ हुई और वो थी कि सुशांत की मैनेजर दिशा सान्याल ने भी आत्महत्या की थी तब कुछ पाखंडिया जो उद्धव सरकार के विरोधी थे ने ये खबर फैलाई थी की आदित्य ठाकरे जो उद्धव ठाकरे के बेटे है उन्होंने दिशा संलयन की हत्या की है हालांकि यर इल्ज़ाम का कोई सबूत था नही क्योंकि इल्ज़ाम सियासी फायदे के लिए दिया गया था जो निराधार था बाद में दिशा सान्याल को इंसाफ दिलाने के नाम पर जो मीडिया और ऑनलाइन ट्रॉल्लिंग आर्मी ने जो स्यापा खड़ा किया तो दिशा सल्याण के माँ-बाप ने सामने आ कर कहा कि की उनकी बेटी ने आत्महत्या की थी उसकी मौत को बदनाम न किया जाये।

कंनगना रानावत ने भी सुशांत की मौत का फायदा उठाने की कोशिश की और कहा कि बॉलीवुड के नेपोटिसम ने उसकी हत्या कर दी बाद ने एक उचच पुलिस अधिकारी ने कंगना राणावत से अपील की की वो अपने फायदे के लिये सुशांत का इस्तेमाल ना कारे, सबसे ज़्यादा उंगली उठी कारण जोहर पर उनपर इल्ज़ाम लगा कि उन्होंने सुशांत का कैरियर खराब करने की कोशिश की और वो किसी नए आदमी को जगह नही देने चाहते थे पर एक कमल की बात ये थी कि सुशांत की मारने से पहले जो फ़िल्म 2019 में रिलीस हुई थी जिसका नाम ड्राइव था जिसमें सुशांत जैकलीन के साथ लीड मैं थे उस फ़िल्म के निर्माता खुद कारण जोहर थे तो मतलब जो सुशांत का कैरियर बर्बाद करने पर लगा था वो सुशांत अपनी फिल्म में लीड एकटर बना रहा था कमाल का लॉजिक था, सलमान और शाहरुख पर भी कईओ ने इस मामले मैं उनगली उठायी थी पर सारे आरोप निराधार निकले।

अंत में AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों ने जो आपनी कारवाही की तो पता चला कि हत्या हुई है इसका कोई सबूत नही है तो सीधा सीधा आत्महत्या का मामला था ये हालांकि की मेंरी भी इसमें एक गलती थी कि एक बार मैंने भी अपने फेसबुक प्रोफाइल मैं सुशांत की पिक्स शेयर की थी जो उस वक़्त मीडिया में भी दिखयी गयी पर आज भी मुझे इससे बात का अफसोस रहेग क्योंकि वो गलत काम था पर आज भी मैं ये सोचता हु की सुशांत को इंसाफ दिलाने के नाम पर जो ये गंदा खेल खेला गया क्या इसकी कोई माफी हो सकती है मेरे हिसाव से तो नही और जिन्होंने ये गंदा खेल खेला वो आज भी खुले आम घूम रहे है और रिया चक्रवर्ती और उनके पूरे परिवार को अपना घर गवाना पड़ा और रिया के पिता जो भारतीय सेना के उच्च अधिकारी थे उन्हें अपने देश भक्ति और सेवा का अच्छा इनाम मिला इन गिद्धओ द्वारा, रिया गुनहगार थी या नही ये काम ताय करना कानून की जिमेदारी है किसी नेता, पत्रकार की, देखते है अब किस बेचारे की मौत पर ये गिद्ध दोबारा उठ खड़े होंगे।

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