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आइए जानते हैं अपने बिज़नेस के टैक्स को आसानी से कैसे मैनेज़ करें?

आइए जानते हैं अपने बिज़नेस के टैक्स को आसानी से कैसे मैनेज़ करें?

हर साल टैक्स जमा किए बिना किसी भी बिज़नेस को चला पाना काफी कठिन है। आप सभी जानते हैं कि जिन व्यवसायियों का सालाना टर्न-ओवर 40 लाख रुपये से ज़्यादा होता है, उन्हें GST का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें अपनी इनकम पर भी टैक्स भरना पड़ता है। ऐसे में बिज़नेस के टैक्स को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अपने बिज़नेस के टैक्स को अच्छे से मैनेज़ करने के लिए पूरे साल अकाउंटेंट के साथ काम करें, ना कि केवल तब जब आप अपना टैक्स रिटर्न तैयार करते हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अकाउंटेंट या वित्तीय सलाहकार से परामर्श किए बिना वित्तीय निर्णय लेना काफी जोखिम भरा हो सकता है और लंबे समय में आपको ज़्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। ऐसे में अपने बिज़नेस के टैक्स को मैनेज़ करने के मामले में कभी भी लापरवाही ना बरतें। 

ज़्यादातर छोटे व्यवसायी करते हैं टैक्स संबंधी इन परेशानियों का सामना

बड़े व्यवसायी अपने बिज़नेस के टैक्स और अकाउंटिंग को मैनेज़ करने के लिए 2-3 अकाउंटेंट रख सकते हैं, लेकिन एक सूक्ष्म या छोटा (Micro and Small) बिज़नेस चलाने वाले व्यवसायी के लिए यह संभव नहीं है। इसलिए ज़्यादातर छोटे व्यवसायी हमेशा टैक्स संबंधी इन परेशानियों का सामना करते हैं-

ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनका सामना लगभग हर छोटा बिज़नेस चलाने वाले व्यवसायी करते हैं। ऐसे में आज हम आपको आसानी से अपने बिज़नेस के टैक्स को मैनेज़ करने के कुछ उपायों के बारे में बताएंगे। इन उपायों का पालन करके आप आसानी से अपने बिज़नेस के टैक्स को मैनेज़ करके अपने बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं।

बिज़नेस के टैक्स को ऐसे आसानी से करें मैनेज़

1. अपने बिज़नेस के टैक्स संबंधी सभी रिकॉर्ड संभाल कर रखें

हर बार अपने बिज़नेस के टैक्स संबंधी सही रिकॉर्ड रखने से आपको यह पता चलता है कि आप सही तरीके से टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं या नहीं। वहीं, अगर आप टैक्स संबंधी सभी रिकॉर्ड नहीं रखते हैं, तो आपको कटौती का खतरा रहता है। इसके चलते आपको ऑडिट के समय परेशानी हो सकती है। इसलिए टैक्स विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आप अपने बिज़नेस की अकाउंटिंग को मैनेज़ करने के लिए किसी अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।

2. बिज़नेस के खर्चों को पर्सनल खर्चों से अलग रखें

अगर टैक्स अधिकारी आपके बिज़नेस की ऑडिट करते समय बिज़नेस और पर्सनल खर्चों को एक साथ पाते हैं, तो अधिकारी आपके पर्सनल अकाउंट पर भी नज़र रखना शुरू कर देते हैं। उन्हें इस बात से बिलकुल फर्क नहीं पड़ता है कि आपके पास बिज़नेस के खर्चों की सही रिपोर्ट है या नहीं। इसलिए हमेशा सलाह दी जाती है कि अपने बिज़नेस को चलाने के लिए अलग अकाउंट और क्रेडिट/डेबिट कार्ड ज़रूर रखना चाहिए।

3. नेट और ग्रॉस इनकम के बीच के अंतर को अच्छे से समझें

अगर आप कोई प्रोडक्ट महंगे में बनाकर सस्ते में बेचते हैं, तो आप कभी भी फायदा नहीं कमा सकते हैं। अक्सर छोटे व्यवसायी नेट और ग्रॉस इनकम के बीच के अंतर को भूल जाते हैं और घाटे में चले जाते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आप कोई प्रोडक्ट 100 रुपये में बनाते हैं और उसे 150 रूपये में बेचते हैं, तो आपकी ग्रॉस इनकम 50 रुपये होगी, लेकिन अगर आप अपने खर्चों को उसमें से काट लेते हैं, तो आपकी नेट इनकम 10 रुपये तक कम हो जाती है। ऐसे में आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि आपकी ग्रॉस और नेट इनकम क्या है? ताकि आप अपने बिज़नेस में ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ कमा सकें।

4.  अपने बिज़नेस को सही ढंग से क्लासीफाई करें

अगर आप अपने बिज़नेस को ठीक तरीके से क्लासीफाई नहीं करते हैं, तो आपको ज़्यादा टैक्स रिटर्न फाइल करना पड सकता है। वहीं, अगर आप अपने बिज़नेस को कॉर्पोरेशन, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप, लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी, सिंगल मेंबर लिमिटेड, लायबिलिटी कंपनी या सोल प्रोपराइटर श्रेणी के अंतर्गत क्लासीफाई करते हैं, तो आपको अलग-अलग टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। ऐसे में आप समझ गए होंगे कि बिज़नेस को सही ढंग से क्लासीफाई करने से आपके बिज़नेस को क्या लाभ हो सकता है।

5. अपने बिज़नेस प्लान के बारे में अकाउंटेंट से सलाह लें

टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि एक अच्छा अकाउंटेंट आपको सलाह देता है कि आप अपना बिज़नेस कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। अकाउंटेंट आपको बताता है कि आपको कहां पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए और कहां नहीं करना चाहिए। अगर आप अपना बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको बिज़नेस चलाने के लिए जगह किराए पर लेनी चाहिए या खुद की जगह खरीदकर बिज़नेस शुरू करना चाहिए। इन सब बातों को अच्छे से जानकार भी आप अपने बिज़नेस के टैक्स को सही से मैनेज़ कर सकते हैं।

हालांकि, आप यह भी जानते हैं कि ऊपर बताई गईं सभी बातें एक बड़े व्यवसायी के लिए करना काफी आसान है, लेकिन एक छोटे व्यवसायी यानी कपड़े की दुकान या किराने की दुकान चलाने वाले व्यवसायी के लिए सभी काम कर पाना या उन पर ध्यान दे पाना संभव नहीं है। 

अगर आप भी अपने बिज़नेस में टैक्स संबंधी किसी भी परेशानी का सामना कर रहे हैं और बिज़नेस के टैक्स को सही रूप से मैनेज़ नहीं कर पा रहे हैं, तो अब आपको ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। जी हां, अब आप अपने बिज़नेस के टैक्स को आसानी से मिनटों में मैनेज़ करके अपने बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कैसे?

OpenBook से आसानी से मैनेज़ करें अपने बिज़नेस के टैक्स

अगर आप छोटा बिज़नेस चलाते हैं और उसके टैक्स को लेकर परेशान रहते हैं, तो अब आपकी उस समस्या का समाधान OpenBook करेगा। OpenBook एक ऐसा एप्प है, जिसे छोटे व्यवसायियों की हर ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस एक एप्प से आप अपने बिज़नेस की टैक्स संबंधी हर ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं। 

OpenBook ना केवल टैक्स बल्कि, आपके बिज़नेस की अकाउंटिंग, बिलिंग और बैंकिंग में भी आपकी मदद कर सकता है। OpenBook से आप अपने छोटे बिज़नेस को बिना टैक्स प्रोफेशनल की सहायता के बिना भी आसानी से प्रोफेशनल तरीके से मैनेज़ कर सकते हैं और उसे आगे बढ़ा सकते हैं।

हालांकि, आप चाहें तो पुराने तरीकों से अपने बिज़नेस के टैक्स को मैनेज़ करने के लिए एक अकाउंटेंट रख सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे, तो अब आप खुद ही निर्णय कीजिए कि आप OpenBook से Free में अपने बिज़नेस के टैक्स को मैनेज़ करेंगे या हज़ारों रुपये टैक्स प्रोफेशनल पर खर्च करेंगे। 

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