नोट: इस आर्टिकल में आत्महत्या का ज़िक्र है।
साल 2020 में बिहार के रहने वाले और बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली। यह खबर बिल्कुल ही दुखद और स्तब्ध कर देने वाली थी। एक हस्ता खेलता नौजवान कैसे खुद को खत्म कर सकता है, जिसने अपनी ज़िन्दगी में कई उतार चढ़ाव देखे हों। उन्होंने मेहनत किया, संघर्ष किया। इसके बावजूद आखिर ऐसा कदम क्यों उठाया? यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
सुशांत कई दिनों से थे डिप्रेशन में
जिसने एमएस धोनी के संघर्ष को पर्दे पर दिखाया, जिसने छिछोरे में हमें घुटने टेकने के बजाए संघर्ष करने की प्रेरणा दी। आखिर वो खुद ही अपनी जंग कैसे हार गया? मैंने कहीं सुना या पढ़ा है कि हर आत्महत्या के पीछे एक कातिल ज़रूर होता है।
साफ तौर पर कहूं तो मैं इसे आत्महत्या नहीं मानता हूं। बॉलीवुड में स्टार किड्स को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने खुद के दम पर अपनी जगह बनाई। यह हमें आसान दिखता ज़रूर है, मगर यह आसान कतई नहीं है। शायद किसी को उनकी कामयाबी खली हो?
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सुशांत सिंह राजपूत पिछले छह महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे। साथ ही उनकी आने वाली 5-7 फिल्मों से उन्हें अलग कर दिया गया था और कई प्रोडक्शन हाउस ने उन्हें बैन कर दिया था। इन सब के पीछे एक ही वजह नेपोटिज़्म थी।
नेपोटिज़्म पर हो रही है बहस
आज मीडिया, नेता, सेलेब्रिटी सब इस पर खुल कर बात कर रहे हैं। यहां एक सवाल है कि क्या नेपोटिज़्म का शिकार पहली बार कोई हुआ है? दूसरा सवाल, क्या सिर्फ बॉलीवुड में ही नेपोटिज़्म है?
सुशांत सिंह राजपूत एक बेहत ही प्रभावशाली और सुलझे हुए इंसान थे। उनकी एक्टिंग भी लाजवाब की थी। कुछ वर्षों पहले जब पद्मावती मूवी आई थी, तो लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था खास कर राजपूत समुदाय ने। जिसे सुशांत सिंह राजपूत ने गलत बताया और अपने नाम से राजपूत सरनेम तक हटाया था।
खैर, यह कोई नई घटना नहीं थी, जब बॉलीवुड ने इतिहास को पर्दे पर पेश किया। यह सदियों से चला आ रहा है, मगर यहां सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी बात रखी थी जिससे आप यह कह सकते हैं कि वे गलत नहीं सह सकते थे या सुन सकते थे।
राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक फैला हुआ है नेपोटिज़्म
सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद लोगों का गुस्सा बॉलीवुड के कई सेलेब्रिटी और प्रोडक्शन हाउस पर उतर रहा है जिनके नाम सुशांत सिंह राजपूत से जोड़े जा रहे हैं और लोग उनका बहिष्कार करने का भी मांग कर रहे हैं।
मेरा मानना यह है कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। बॉलीवुड पर तो कुछ चुनिंदा स्टार फैमिली का ही कब्जा रहा है। यह किसी से भी छिपा नहीं है और जहां तक बात नेपोटिज़्म की है, तो यह हर क्षेत्र में है। खास कर राजनीति और बॉलीवुड में आप साफ तौर पर इसे देख सकते हैं। इसकी वजह से हमने एक स्टार को खो दिया है और उसके साथ-साथ उसकी फैमिली को भी डिप्रेस्ड कर दिया है।
यह बिल्कुल सही और सराहनीय है कि लोगों ने नेपोटिज़्म का खुलकर विरोध करना शुरू किया है। इससे हो सकता है कि कल को किसी दूसरे सुशांत सिंह राजपूत को यह सब ना झेलना पड़े।