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‘ब्लॉक चुनाव का नतीजा… बेटा, भाई, बहू भतीजा’

 

जो दल और उसके नेता ये दावा करते हैं कि वो सबसे अलग है, बाकी पार्टियां प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हैं और वो राष्ट्रवादी हैं… उस पार्टी ने ही परिवारवाद, भाई-भतीजावाद को सबसे ज्यादा बढ़ाया है ।

प्रदेश में 823 ब्लॉक हैं… अगर नतीजों की बात करें तो करीब करीब 300 ब्लाक में निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख चुन लिए गए.. बाकी नतीजों की स्थिति शनिवार देर शाम तक साफ हो जानी है.. खैर.. जो पार्टी ये दावा करती है कि वो कार्यकर्ताओं को ही सर्वोपरि मानती है अगर उसकी बात करें तो वहां ब्लाक प्रमुख चुनाव में भाई भतीजों बहू को प्राथमिकता दी गई है…

लखीमपुर खीरी में 2 महिलाओं के साथ हुए चीरहरण ने रामराज की सारी पोल खोल दी है… कट्टा गोली बम गुंडई पुलिस के दम पर यूपी में पंचायत चुनाव युगों युगों से होते आ रहे हैं… लेकिन 70 सालों में ऐसा चीरहरण शायद ही कभी दिखा हो… जहां नामांकन कराने पहुंची महिलाओं की साड़ियां खींची गई हों…

खैर तो बात करते हैं ब्लाक प्रमुख चुनाव की… यूपी सरकार में एक मंत्री हुआ करती थीं… स्वेटर पहनने की कसम खाने वाली अनुपमा जायसवाल.. अब मंत्री नहीं हैं… लेकिन हनक का हौव्वा ऐसा है कि बेटे को निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनवाया है… बेटा शिवम बहराइच के जमुनहा से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बना है… एक मंत्री हैं राजेन्द्र प्रताप सिंह… मोती सिंह  नाम से विख्यात हैं… ये तो बड़े क्रांतिकारी निकले… भतीजे राकेश प्रताप को प्रतापगढ़ के पट्टी और बेटे राजीव प्रताप के मंगरौरा ब्लाक से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनवा लिया है… एक और मंत्री हैं स्वामी प्रसाद मौर्या… जो कभी मायावती के सामने दंडवत रहते थे.. बाद में बसपा में दम घुटने लगा तो ऑक्सीजन की तलाश में बीजेपी में आ गए.. बेटी संघमित्रा सांसद तो है ही… और अब बहुरानी सविता मौर्या रायबरेली के दीनशाह गौरा ब्लाक की निर्विरोध प्रमुख बनी हैं… बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी परिवारवाद की राजनीति का बीज बो दिया है बेटा सुब्रत शाही दूसरी बार प्रमुख बना है.. देवरिया के पथरदेवा से और वो भी निर्विरोध… सहकारिता वाले मुकट बिहारी ने भी बेटे अभिषेक को बहराइच के मिहींपुरवा से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनवाया है… जय प्रकाश निषाद मंत्री हैं और बहू देवरिया के गौरीबाजार से निर्विरोध प्रमुख बनी है…

पशुधन दुग्ध विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण.. इन्होंने अपने भतीजे की पत्नी को मथुरा में नंदगांव का निर्विरोध प्रमुख बनवाया है… एक हैं गुलाबो देवी, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री हैं… बड़ी बेटी बीजेपी की प्रवक्ता है.. तो दूसरी बेटी सुगंधा सिंह को इन्होंने संभल के बनियाखेड़ा से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनवाया है.. ऐसे ही मंत्री महेश चन्द्र गुप्ता ने अपने भाई की पत्नी नीलम गुप्ता को बदायूं के दहिगवां से ब्लाक प्रमुख बनवाया है….

गाजीपुर के भावरकोल ब्लाक से बीजेपी विधायक अलका राय ने अपने भतीजे की पत्नी यानि अपनी बहुरिया श्रद्धा राय को निर्विरोध प्रमुख बनवाया है.. फायरब्रांड विधायक संगीत सोम की पत्नी प्रीति सोम उर्फ सिमरन ठाकुर मेरठ के सरधना से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनी हैं…

ऐसे ही बदायूं के दातागंज से अतेन्द्र विक्रम सिंह निर्विरोध प्रमुख बने हैं… जो विधायक राजीव कुमार सिंह के बेटे हैं….

उन्नाव में दूसरी बार विधायक पंकज गुप्ता के छोटे भाई नीरज गुप्ता ब्लाक प्रमुख बने हैं… तो विस अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अपने बेटे दिलीप दीक्षित तो हिलौली ब्लाक से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनवाया है….. ये तो वो हैं जो निर्विरोध बने हैं… बाकी नतीजों के बाद देखिएगा ये सिलसिला कहां जाकर थमेगा… और फिर अभी आगे स्थानीय निकाए वाले MLC चुनाव भी आने वाले हैं… उसमें भी परिवारवाद की पौध तैयार होगी… 

लेकिन अच्छी बात है कि बीजेपी में परिवारवाद को राष्ट्रवाद माना जाता है….. और देवतुल्य कार्यकर्ता इनके पीछे जिन्दाबाद जिन्दाबाद के नारे लगाकर फूल माला मिठाई बुके चांदी का मुकुट खरीदने के लिए अपना पसीना बहाता है… आखिर में देवतुल्य कार्यकर्ताओं के सामने परिवारवाद के नाम पर पल्लवित देवता प्रकट होते हैं…

जय हो लोकतंत्र की….

-चन्द्रकान्त शुक्ला

(ज़िद… सवाल पूछने की)

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