चन्द्रकान्त शुक्ला
हिन्दुस्तान के मर्दों से अगर ये सवाल पूछा जाए कि महिलाएं, लड़कियां आपको किस पहनावे में सबसे ज्यादा खूबसूरत, सबसे ज्यादा सुंदर लगती है तो 90 फीसदी से ज्यादा का जवाब यही होगा कि- ‘साड़ी’ में ।
हिन्दुस्तान की असली खूबसूरती साड़ी में ही दिखती है, लेकिन कई महिलाओं के लिए साड़ी पहनना एक बोरिंग काम है, कई महिलाओं को तो 2 घंटे भी लग जाते हैं साड़ी पहनने में, वैसे साड़ी का इतिहास काफी पुराना है, करीब 5 हजार साल पुराना ।
वेदों में साड़ी का जिक्र वासस या अधिवासस के रूप में मिलता है, अधिवासस यानि शरीर पर लपेटने वाला कपड़ा, अब अगर वेदों के हिसाब से बात करें तो सबसे पहले साड़ी का ज़िक्र यजुर्वेद में मिलता है… तो वहीं दूसरी ओर ऋग्वेद की ऋचाओं के मुताबिक यज्ञ, हवन करते वक्त महिलाओं के लिए साड़ी पहनने का प्रावधान है ।
साड़ी शब्द संस्कृत के शब्द शाटी से लिया गया है… शाटी यानि कपड़े की पट्टी । पुराने ज़माने में महिलाएं तीन हिस्सों में कपड़े पहनती थीं, जिन्हें उतरिया, स्तनपत्ता और अंतरिया के नाम से जाना जाता था । साड़ी का इतिहास बेहद पुराना है, आप किसी भी देवी के रूप को देखें वो आपको साड़ी में ही दिखेंगी… महाभारत में भी जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ तो उन्होंने साड़ी ही पहन रखी थी । पुराने समय में साड़ी के साथ ब्लाउज और पेटीकोट पहनने का चलन नहीं था… इसे शुरू किया था रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाभी ज्ञानदनंदिनी देवी ने… हिन्दुस्तान के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरह से साड़ी पहनी जाती है… महाराष्ट्र की पैथानी, तमिलनाडु की कांजीवरम, यूपी की बनारसी साड़ी, तांची, जामदारी तो बंगाल की बालूछरी पूरी दुनिया में फेमस हैं…. इसके साथ ही ओडिशा की बोमकई, राजस्थान की बंधेज, बिहार की तसर, मध्य प्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी और गुजरात की गठौड़ा, पटोला साड़ियां भी फेमस हैं…. हर रोज पहनने के लिए कॉटन, तो पार्टियों के लिए सिल्क और हैंडलूम की साड़ियां महिलाओं की फेवरेट लिस्ट में होती हैं…. अगर आप सामान्य महिलाओं से, ग्रामीण परिवेश की महिलाओं से यहां मध्यम वर्गीय महिलाओं से बात करेंगे तो वो दो तरह के ही तरीके बता पाएंगी सीधा पल्ला और उल्टा पल्ला ।
थोड़ा और जानकार या एडवांस महिलाओं से मिलेंगे तो हो सकता है वो आपको बता दें कि बंगाली स्टाइल से साड़ी पहनेंगी, लेकिन सोचिए अगर मैं आपको ये बताऊं कि साड़ी पहनने के तरीके 350 जी हां साढ़े तीन सौ से भी ज्यादा हैं… तो आप हैरान तो होंगे ही… आप क्या इस लेख को पढ़ने वाली महिलाएं भी भौचक्की रह जाएंगी । लेकिन ये सच है…
बेंगलुरू में जन्मी और पढ़ी डॉली जैन को शायद आप जानते भी हों…. डॉली जैन बॉलीवुड से लेकर हिन्दुस्तान की बिजनेस किंग्स तक के घरों में जाती हैं… उनके घरों की महिलाओं की साड़ी पहनाने के लिए… अंबानी, अदानी, बिरला, टाटा, जिंदल तो बॉलीवुड में कटरीना, सोनम कपूर, दीपिका पादुकोण, श्रीदेवी,… ये लिस्ट बेहद लंबी है…. साड़ी पहनाने के 325 तरीके डॉली को आते हैं… और इसी वजह से उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है…
इतना ही नहीं डॉली साड़ी पहनाने के लिए 25 हजार से ढाई लाख रुपए तक चार्ज करती हैं… और एक और चौंकाने वाली बात डॉली का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है… क्योंकि डॉली ने महज़ 18.5 यानि साढ़े 18 सेकेण्ड…. ध्यान से पढ़िए मैने मिनट नहीं लिखा… साढ़े 18 सेकेंड में डॉली ने साड़ी पहनकर दिखा दिया था….
वैसे भी डॉली के मुताबिक उन्हें साड़ी पहनाने में जो मैक्सिमम समय लगता है वो एक मिनट है.. हो सकता है आपको ये झूठ लग रहा हो… या चमत्कार लग रहा हो… लेकिन ये बिल्कुल सच है… डॉली के तमाम इंटरव्यू अलग अलग वेबसाइट्स, और यू ट्यूब पर पड़े हैं… साथी ही देश के लगभग सभी न्यूज चैनल्स, मैग्जीन न्यूज पेपर ने डॉली के इंटरव्यू लिए हैं…. डॉली इस प्रोफेशन में 15 सालों से हैं… नीता अंबानी डॉली की फैन हैं… और श्रीदेवी की सलाह पर डॉली ने इसे अपना प्रोफेशन बनाया था… अगर आप इतना पैसा नहीं खर्च करना चाहती तो फेसबुक यूट्यूब पर इनका पेज है अकाउंट है ऑफिशियल चैनल है… डॉली एक किताब भी लिख रही हैं… जिसमें वो साड़ी पहनने के 365 तरीके लिख रही हैं…. अगर आप भी अलग अलग तरह से साड़ी पहनकर देवरानी जेठानी नंदरानी के बीच अपना भौकाल टाइट करना चाहती हैं… तो आप डॉली जैन को फॉलो कर सकती हैं…. क्योंकि साड़ी आज भी है कल भी रहेगी…. द्रौपदी से लेकर दीपिका तक साड़ी युगों युगों तक रहेगी… और महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाती रहेगी….
-चन्द्रकान्त शुक्ला, पत्रकार
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